बेमेतरा: जिले में पिछले 2 महीने से जारी बेमौसम बारिश से किसानों की उन्हारी (रबी) की फसल पूरी तरह से तबाह हो चुकी है. अब प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के गृह जिले के हताश किसान अपनी फसलों को बिना लुवाई (कटाई) किए ही मवेशियों के हवाले कर रहे हैं.
बेमेतरा जिला उन्हारी (रबी) की फसल उत्पादन कर लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता है और यहां चना, अरहर, मसूर जैसी दलहनी फसल की खेती बड़ी तादाद में की जाती है. लेकिन बेमौसम बारिश से किसानों की उन्हारी फसल पूरी तरह से तबाह हो गई. अब किसान अपनी फसलों को मवेशियों से चरवा रहे हैं.
मजदूरों को भुगतान करना मुश्किल
किसानों ने बताया कि चने की फसल फूल लगते ही आ गई थी लेकिन आसमानी आफत ने सारी फसल बर्बाद कर दी. बारिश की वजह से उपज नाम मात्र की रह गई है. जो लुवाई में लगे मजदूरों को मजदूरी देने के लायक भी नहीं है. इसलिए क्षेत्र के किसान अब फसल की चराई करवा रहे हैं.
पिछले साल से कम हुई खेती
पहले तो देरी से शुरू हुई धान खरीदी, फिर खरीदी का कम समय और अब बेमौसम बारिश से हुई फसल नुकसान ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. पिछले साल की तुलना में इस साल चना का रकबा बढ़ा था. पिछले साल 1 लाख 800 हेक्टेयर में चना की खेती की गई थी. वहीं इस साल 1 लाख 12 हजार 875 हेक्टेयर में चना की खेती की गई थी. जिसमें किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद थी. वहीं इस साल जिले के लाखों किसानो में केवल 31 हजार 302 किसानों ने फसल बीमा कराया है.
नुकसान का किया जा रहा आंकलन
कृषि विभाग के SDO आरके सोलंकी ने फोन पर बताया कि चना फसल के बीमा कराए किसानों के खेत का निरीक्षण कर बीमा कंपनी को भेज दिया गया है. वहीं बेमौसम बारिश से प्रभावित हुई फसल के लिए आरबीसी 6-4 के तहत प्रकरण बनाकर भेज दिया गया है.