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बारात से पहले पहुंची चाइल्ड लाइन की टीम, रुकवाई नाबालिग की शादी

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Published : Jul 2, 2020, 2:53 PM IST

बेमेतरा के तोरा गांव में चाइल्डलाइन केयर की टीम ने एक नाबालिग लड़की की शादी रुकवाई है. परिजन को भारतीय विवाह अधिनियम की जानकारी देते हुए लड़की के माता-पिता से बालिग होने तक शादी नहीं करने का शपथ पत्र लिया गया है.

Childline stopped marriage of a minor
चाइल्डलाइन ने रुकवाई नाबालिग की शादी

बेमेतरा : चाइल्डलाइन केयर की टीम ने जिले के तोरा गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी रुकवाई है. टीम ने लड़की के माता-पिता से बालिग होने तक शादी नहीं करने का शपथ पत्र लिया. साथ ही शादी समारोह में मौजूद लोगों को भारतीय विवाह अधिनियम की जानकारी दी और इस तरह के विवाह कराने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही.

दरअसल नवागढ़ ब्लॉक के तोरा गांव में नाबालिग की शादी की तैयारी चल रही थी. मामले की जानकारी मिलते ही चाइल्डलाइन केयर के अधिकारी टीम बनाकर मौके पर पहुंचे. टीम ने परिवार को समझाइश दी और शादी को रुकवाया. बताया जा रहा है कि जिस घर में शादी हो रही थी, वहां पर देवादा गांव से बारात आने वाली थी.

परिजनों को दी कानून की जानकारी
चाइल्डलाइन की टीम ने परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम कानून के बारे में बताया. बता दें भारतीय विवाह अधिनियम के मुताबिक लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होना अनिवार्य है. अधिनियम के उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता के मुताबिक दोषियों के खिलाफ बाल विवाह के आरोप में कार्रवाई की जा सकती है.

पढ़ें:- बेरोजगारी के मुद्दे पर युवाओं से ETV भारत की बातचीत, सरकार से नाराज दिखा युवा वर्ग

बाल विवाह रुकवाने इनकी मिली मदद
चाइल्ड लाइन की टीम को बाल विवाह रुकवाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ,नवागढ थाना की टीम,जिला बाल संरक्षक अधिकारी राजू प्रसाद शर्मा , भारद्वाज गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और ग्रामवासियों ने सहायता की. सभी लोगों की सहायता से सूचना के आधार पर बाल विवाह रोकने में सफलता मिली है.

बेमेतरा : चाइल्डलाइन केयर की टीम ने जिले के तोरा गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी रुकवाई है. टीम ने लड़की के माता-पिता से बालिग होने तक शादी नहीं करने का शपथ पत्र लिया. साथ ही शादी समारोह में मौजूद लोगों को भारतीय विवाह अधिनियम की जानकारी दी और इस तरह के विवाह कराने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही.

दरअसल नवागढ़ ब्लॉक के तोरा गांव में नाबालिग की शादी की तैयारी चल रही थी. मामले की जानकारी मिलते ही चाइल्डलाइन केयर के अधिकारी टीम बनाकर मौके पर पहुंचे. टीम ने परिवार को समझाइश दी और शादी को रुकवाया. बताया जा रहा है कि जिस घर में शादी हो रही थी, वहां पर देवादा गांव से बारात आने वाली थी.

परिजनों को दी कानून की जानकारी
चाइल्डलाइन की टीम ने परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम कानून के बारे में बताया. बता दें भारतीय विवाह अधिनियम के मुताबिक लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होना अनिवार्य है. अधिनियम के उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता के मुताबिक दोषियों के खिलाफ बाल विवाह के आरोप में कार्रवाई की जा सकती है.

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बाल विवाह रुकवाने इनकी मिली मदद
चाइल्ड लाइन की टीम को बाल विवाह रुकवाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ,नवागढ थाना की टीम,जिला बाल संरक्षक अधिकारी राजू प्रसाद शर्मा , भारद्वाज गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और ग्रामवासियों ने सहायता की. सभी लोगों की सहायता से सूचना के आधार पर बाल विवाह रोकने में सफलता मिली है.

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