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बेमेतरा: हादसे को न्योता दे रहा है हाफ नदी पर बना हेम्प पुल, नींद में जिम्मेदार - बेमेतरा हाफ नदी

बेमेतरा के पपडकीडीह-अंधियारखोर में हाफ नदी में बना पुल हादसे को न्योता दे रहा है. बारिश के मौसम में भी प्रशासन इस जर्जर पुल की मरम्मत पर ध्यान नहीं दे रहा है. गांववाले किसी अनहोनी की आशंका से चिंतित है.

dilapidated bridges
जर्जर पुल
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Published : Jul 24, 2020, 6:56 PM IST

Updated : Jul 25, 2020, 12:54 PM IST

बेमेतरा: प्रशासन की लापरवाही पपडकीडीह-अंधियारखोर में हाफ नदी पर बना हेम्प पुल से गुजरने वालों पर भारी पड़ सकती है. नवागढ़ की ब्लॉक सीमाओं को जोड़ने वाला हेम्प पुल पूरी तरह से जर्जर हाल में है. बारिश की वजह से नदी-नाले भी उफान पर हैं. ऐसे में गांववालों को पुल टूटने और हादसे का डर सता रहा है.

हादसे को न्योता दे रहा है हाफ नदी पर बना हेम्प पुल

1971 में इस पुल का निर्माण कराया जाना शुरू किया गया था. इस पुल को बने 40 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन इन 40 सालों में एक बार भी जिम्मेदारों ने इसकी कोई सुध नहीं ली और न ही इसकी मरम्मत करवाने की जहमत उठाई है. पुल पर कई जगह दरारें पड़ी हुई हैं, जिससे इसके ढहने की संभावना बनी हुई है. अगर वक्त रहते इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया, तो बड़ा हादसा हो सकता है.

मोबाइल टावर की कंपनियों ने बिछाई पाइपलाइन

स्थानीय लोग बताते हैं कि लोकनिर्माण विभाग की ओर से 46 साल पहले 5 लाख की लागत से इस पुल का निर्माण कराया गया था. इस पुल की कभी मरम्मत नहीं करवाई गई, उल्टा मोबाइल टावर की कंपनियों ने पाइपलाइन बिछा दी.

bridge constructed in half river
हाफ नदी पर बना पुल

पढ़ें: सड़क खस्ताहाल, मरम्मत के नाम पर विभाग कर रहा खानापूर्ति

बारिश के मौसम में होती है परेशानी

ग्रामीणों का कहना है कि मरम्मत कार्य नहीं होने के कारण बारिश के मौसम में आवाजाही पूरी तरह ठप हो जाती है. बरसात के दिनों में पुल के ऊपर तक पानी भर जाता है. इस विष्य में जब कलेक्टर शिव अनंत तायल से बात की गई, तो उन्होंने लोक निर्माण विभाग से पुल की जांच कराने और आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही है.

dilapidated bridges
जर्जर पुल

बेमेतरा: प्रशासन की लापरवाही पपडकीडीह-अंधियारखोर में हाफ नदी पर बना हेम्प पुल से गुजरने वालों पर भारी पड़ सकती है. नवागढ़ की ब्लॉक सीमाओं को जोड़ने वाला हेम्प पुल पूरी तरह से जर्जर हाल में है. बारिश की वजह से नदी-नाले भी उफान पर हैं. ऐसे में गांववालों को पुल टूटने और हादसे का डर सता रहा है.

हादसे को न्योता दे रहा है हाफ नदी पर बना हेम्प पुल

1971 में इस पुल का निर्माण कराया जाना शुरू किया गया था. इस पुल को बने 40 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन इन 40 सालों में एक बार भी जिम्मेदारों ने इसकी कोई सुध नहीं ली और न ही इसकी मरम्मत करवाने की जहमत उठाई है. पुल पर कई जगह दरारें पड़ी हुई हैं, जिससे इसके ढहने की संभावना बनी हुई है. अगर वक्त रहते इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया, तो बड़ा हादसा हो सकता है.

मोबाइल टावर की कंपनियों ने बिछाई पाइपलाइन

स्थानीय लोग बताते हैं कि लोकनिर्माण विभाग की ओर से 46 साल पहले 5 लाख की लागत से इस पुल का निर्माण कराया गया था. इस पुल की कभी मरम्मत नहीं करवाई गई, उल्टा मोबाइल टावर की कंपनियों ने पाइपलाइन बिछा दी.

bridge constructed in half river
हाफ नदी पर बना पुल

पढ़ें: सड़क खस्ताहाल, मरम्मत के नाम पर विभाग कर रहा खानापूर्ति

बारिश के मौसम में होती है परेशानी

ग्रामीणों का कहना है कि मरम्मत कार्य नहीं होने के कारण बारिश के मौसम में आवाजाही पूरी तरह ठप हो जाती है. बरसात के दिनों में पुल के ऊपर तक पानी भर जाता है. इस विष्य में जब कलेक्टर शिव अनंत तायल से बात की गई, तो उन्होंने लोक निर्माण विभाग से पुल की जांच कराने और आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही है.

dilapidated bridges
जर्जर पुल
Last Updated : Jul 25, 2020, 12:54 PM IST
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