बेमेतरा: बेमेतरा में श्री राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि अंतरण विवाद गरमाया हुआ है. मामले को लेकर आज भाजपा और तमाम हिंदूवादी संगठनों द्वारा दोपहर 12 बजे तक बेमेतरा बंद का आह्वान किया गया था, जिसे व्यापारियों का समर्थन मिला है. आज 12 बजे तक बेमेतरा के बाजार की सभी दुकानें पूरी तरह बंद रही. वहीं कुछ स्थानों में दुकान खुली मिली, जिन्हें वीएचपी के लोगों ने घूम घूम करने का आग्रह किया है.
जमीन विवाद को लेकर आमरण अनशन में बैठी पार्षद: बेमेतरा में श्री राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि अंतरण मामला को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रही है. बेमेतरा के वार्ड क्रमांक 11 की पार्षद एवं भाजपा नेत्री नीतू कोठारी मामले को लेकर राम मंदिर प्रांगण में 3 अक्टूबर से आमरण अनशन में बैठी हैं. जिन्हें अब तक भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, नगर के प्रबुद्ध अधिवक्ता गण एवं साधु समाज का समर्थन मिल चुका है.
आखिर क्या है पूरा मामला: दरअसल, पूरा मामला बेमेतरा के श्री राम मंदिर न्यास से जुड़ा हुआ है. जहां श्री राम मंदिर ट्रस्ट की लगभग साढ़े चार एकड़ की भूमि को श्री राम मंदिर न्यास के पदेन प्रबंधक, तत्कालीन तहसीलदार आशुतोष गुप्ता और सुमित कौर के बीच सहमति बनाकर कोरोना काल के समय में बदलाव किया है. तहसीलदार और एसडीएम के द्वारा किये गए भूमि बदलाव को तत्कालीन कलेक्टर शिव अंनत तायल ने अपने नोट सीट में इसे गलत ठहराया था. दो साल बाद इसका खुलासा होने के बाद गलत तरीके से मंदिर की भूमि बदलाव मामले में भाजपा समर्थित पार्षद नीतू कोठारी आमरण अनशन में बैठ गयी हैं. जिन्हें हिंदूवादी संगठन के लोगों का समर्थन मिल रहा है. वही अनशन में बैठे लोग राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि राम मंदिर को वापस करने की बात कह रहे हैं.
कलेक्टर ने गठित की है जांच टीम: श्री राम मंदिर ट्रस्ट मामले को तूल पकड़ता देख बेमेतरा कलेक्टर ने तीन सदस्य टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं. जिसमें अपर कलेक्टर सीएल मार्कंडेय को अध्यक्ष, तहसीलदार परमानंद बंजारे सदस्य, भू अभिलेख शाखा में पदस्थ तत्कालीन तहसीलदार आशुतोष गुप्ता को सदस्य और सचिव बनाया गया है. टीम को 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने कहा गया है. वहीं बेमेतरा जिला प्रशासन द्वारा चौक चौराहों में पुलिस जवान तैनात किया गया है और मजिस्ट्रेट ड्यूटी भी लगाई गई है.