जगदलपुर : कांगेर वैली में वन्य जीवों के साथ प्राकृतिक सुंदरता के दर्शन होते हैं.वन्य जीवों के संवर्धन के लिए कांगेर वैली छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है.इन दिनों कांगेर वैली में एक नया मेहमान आया है. जिसकी तस्वीरें ट्रैप कैमरे में कैद हुईं हैं.ये मेहमान है जंगली भेड़िया. जिनकी संख्या तीन बताई जा रही है.
स्थानीय लोगों के कारण वन्यजीव सुरक्षित : बस्तर के नेशनल पार्क में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. राष्ट्रीय उद्यान में 18 पेट्रोलिंग कैम्प वैल्ली के अंदरूनी इलाके के जगहों पर स्थापित किए जा रहे हैं. जहां आसपास के स्थानीय युवा पेट्रोलिंग गार्ड के रूप में काम कर रहे हैं. इस पेट्रोलिंग कार्य से वन्य जीवों का रहवास भी सुरक्षित हुआ है.
"ग्रामीणों के उद्यान में किये जा रहे सहभागिता की वजह से विलुप्त प्रजातियों के वन्यजीवों की रिकवरी देखने को मिल रही है. इसके साथ ही इस कार्य से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं. यही कारण है कि रोजगार के अवसर प्रदान किये जाने से वन्य प्राणियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.इसी वजह से भेड़ियों ने कांगेर वैली को नया ठिकाना बनाया है". - धम्मशील गणवीर, डायरेक्टर, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
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कितनी है भारत में जंगली भेड़िया की संख्या : आपको बता दें कि भेड़िया की प्रजाति भारतदेश में संकटग्रस्त स्थिति में हैं. भेड़िया को देश में बाघ के जैसे ही वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अनुसूची में रखा गया है. भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक सर्वे के अनुमान के मुताबिक भारत में इनकी संख्या लगभग 3100 के करीब है. जो मुख्य रूप से भारत में गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरला और आंध्रप्रदेश राज्यों में टॉप प्रिडियर वर्ग में पाए जाते हैं. छत्तीसगढ़ का कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान इनके लिये प्री बेस बढ़ाने और रहवास सुरक्षित होने के कारण जंगली भेड़िया कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की ओर आकर्षित हो रहे हैं.