जगदलपुर: झीरम घाटी हमला मामले में 25 मई 2020 को दिवंगत उदय मुदलियार और बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के परिजनों की शिकायत पर बस्तर पुलिस द्वारा दरभा थाने में दर्ज FIR के बाद NIA और जिला पुलिस आमने-सामने आ गई है.
FIR और जांच के दस्तावेज सौंपने की मांग
NIA ने कोर्ट में याचिका दायर कर दरभा थाने में अलग से दर्ज की गई FIR और उसकी जांच के दस्तावेज सौंपने की मांग की है. NIA ने 14 बिंदुओं में याचिका दायर कर बताया कि पिछले 7 साल से किस तरह वह इस पूरे मामले की जांच कर रही है. याचिका में इस बात की भी जानकारी दी गई कि NIA एक्ट के अनुसार झीरम मामले की जांच जब तक उनके पास है तब तक कोई और इस मामले की जांच नहीं कर सकता.
पत्र लिखकर भी मांगे थे दस्तावेज
इससे पहले NIA ने 10 जून को बस्तर SP को भी इस संदर्भ में एक पत्र लिखा था. NIA ने दरभा थाना प्रभारी को लिखे पत्र में सभी दस्तावेज 22 जून तक अति आवश्यक रूप से उपलब्ध कराने को कहा था. हालांकि इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस को 10 दिन का अतिरिक्त समय जवाब दाखिल करने के लिए दिया है.
FIR से असमंजस में बस्तर पुलिस
इधर, बस्तर पुलिस ने FIR के बाद मामले की विवेचना भी तेज कर दी है और झीरम मामले से जुड़े लोगों के बयान दर्ज करने की भी तैयारी कर रही है. हालंकि पुलिस असमंजस में है कि इसकी पूरी जांच रिपोर्ट NIA के पास है और फिर हाल ही में 25 मई 2020 को दरभा थाने में इस पर नया मामला दर्ज किया गया है. बस्तर पुलिस के पास इससे संबंधित कोई नई जानकारी नहीं है. बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर पुलिस इसके जवाब के लिए लोक अभियोजक और विधि विशेषज्ञ से राय ले रही है. ताकि वे इसका प्रतिवेदन बनाकर NIA को दे सके. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस को कानून से जो शक्तियां मिली है, उसके अनुसार भी मामले की जांच की जाएगी. इसके अलावा NIA कोर्ट में भी बस्तर पुलिस जवाब पेश करेगी और कोर्ट की तरफ से इसमें जो भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
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नाराज परिजनों ने किया FIR
बता दें, 25 मई 2013 को झीरम घाटी हमले में 2 दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी नेताओं की हत्या नक्सलियों ने कर दी थी. घटना के 7 साल बीत जाने के बाद भी आरोपियों को सजा दिलाना तो दूर उनकी पतासाजी तक जांच एजेंसियां नहीं कर पाई है. इससे नाराज होकर दिवंगत उदय मुदलियार के परिजनों ने दरभा थाना में FIR दर्ज कराया था. इस FIR की जानकारी जैसे ही NIA को लगी, उन्होंने तुरंत बस्तर SP को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए मामले को NIA को सौंपने को कहा था. जिसपर बस्तर SP ने हामी भरी थी, लेकिन इसके बाद भी बस्तर पुलिस की तरफ से जब मामला NIA को नहीं सौंपा गया तो NIA ने जगदलपुर NIA कोर्ट में याचिका दायर कर दी.
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प्रत्यक्षदर्शियों ने बयान देने से किया था इनकार
इससे पहले दिल्ली से NIA अधिकारियों की टीम रायपुर पहुंची थी. NIA ने रविवार 28 जून को झीरम नक्सली हमले के प्रत्यक्षदर्शियों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने बयान देने से इनकार कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इस वजह से फिलहाल वो बयान दर्ज नहीं कराएंगे. जिसके बाद NIA ने नोटिस जारी किया था.
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पीड़ित परिजनों ने SIT से जांच कराने की मांग की
झीरम नक्सली हमले में जान गंवाने वाले कांग्रेस नेता के परिजन जितेंद्र मुदलियार और तूलिका कर्मा ने कहा है कि इस घटना के 7 साल बीत चुके हैं. बावजूद इसके इस मामले में उन्हें न्याय नहीं मिल सका है. इसी वजह से उन्होंने मामले में FIR दर्ज कराया है. पीड़ित परिजनों ने मामले की जांच राज्य सरकार से गठित SIT के जरिए करने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने NIA पर प्रभावितों के बयान भी नहीं लेने का आरोप लगाया है.