जगदलपुर: बस्तर लंबे समय से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने के लिए लगातार केंद्र और राज्य सरकार जवानों की तैनाती कर रही है. एंटी नक्सल ऑपरेशन भी संचालित कर रहे हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने CRPF कोबरा महिला कमांडो की तैनाती की थी. अब केंद्र सरकार के नक्शेकदम पर चलते हुए भूपेश सरकार ने भी बस्तर में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के लिए बस्तर फाइटर्स का गठन करने की तैयारी शुरू कर दी है. बस्तर फाइटर्स, बस्तर पुलिस का ही एक विंग होगा. स्थानीय लोगों को पुलिस की पूरी ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद नक्सल मोर्चे पर तैनात किया जाएगा. बस्तर फाइटर्स के गठन का मुख्य उद्देश्य नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देना है.
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बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार ने अपने कैबिनेट के बैठक में यह निर्णय लिया है. बस्तर में पहले से ही तैनात डीआरजी के तर्ज पर बस्तर फाइटर्स का गठन किया जाएगा. बस्तर फाइटर्स में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. बस्तर संभाग के सभी जिलों में स्थानीय युवक-युवतियों को पुलिस ट्रेनिंग देगी. इसके बाद बस्तर फाइटर्स में शामिल किया जाना है.
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बस्तर फाइटर्स में स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
आईजी ने बताया कि बस्तर फाइटर्स में स्थानीय लोगों को रोजगार देना है. नक्सलियों को उनके मांद में घुसकर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए गठन किया जा रहा है. बस्तर में तैनात अर्ध सैनिक बल, जिला पुलिस बल से स्थानीय लोगों की बोली और भाषा के कारण बातचीत नहीं हो पाती है. इसी को देखते हुए ग्रामीण अंचल के युवक-युवतियां को बस्तर फाइटर्स में लाया जाएगा. ताकि बेरोजगारी के कारण गलत दिशा में न भटकें.
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बस्तर फाइटर्स मील का पत्थर साबित होंगे
आईजी ने कहा कि बस्तर फाइटर्स में ज्यादा से ज्यादा आदिवासी युवक-युवतियों को शामिल किया जाएगा. इनकी बोली-भाषा और शैक्षणिकता के आधार पर बस्तर फाइटर्स में शामिल किया जाएगा. इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा, बल्कि नक्सलियों से लोहा लेने में भी बस्तर फाइटर्स मील का पत्थर साबित होंगे.
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बस्तर फाइटर्स के गठन का निर्णय
आईजी ने बताया कि फिलहाल राज्य सरकार ने बस्तर फाइटर्स के गठन का निर्णय ले लिया है. आने वाले दो-तीन महीनों में इसकी नियमावली भी तैयार हो जाएगी. स्थानीय लोगों की भर्ती प्रक्रिया बस्तर पुलिस शुरू करेगी. आईजी ने बताया कि इसमें बड़ी संख्या में आदिवासी युवतियों को भी शामिल किया जाएगा. पहले से ही बस्तर में तैनात दंतेश्वरी फाइटर्स की टीम से नक्सली पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं. ऐसे में बस्तर फाइटर्स की तैनाती से नक्सली और बैकफुट पर चले जाएंगे.
नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी
बस्तर आईजी ने बताया कि DRG के गठन के बाद पुलिस नक्सलियों की सबसे ज्यादा मौजूदगी वाले जगहों में दबिश दे सकेगी. डीआरजी की टीम में आत्मसमर्पित नक्सलियों के साथ ही जिला पुलिस बल के जवानों को खास प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दे सकें. डीआरजी और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीम नक्सलियों के मांद में घुसकर मुंहतोड़ जवाब दे रही है. आईजी ने कहा कि अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों की बोली और भाषा की वजह से पुलिस को दिक्कतें आ रही थी. इसी को देखते हुए बस्तर फाइटर्स की तैनाती की जा रही है.
बस्तर फाइटर्स फोर्स में महिलाओं को प्राथमिकता
सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर फाइटर्स की गठन की तैयारी शुरू कर दी गई है, लेकिन इसकी अबतक नियमावली नहीं बन पाई है. बस्तर फाइटर्स फोर्स में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. आईजी का कहना है कि आने वाले दो-तीन महीनों में बस्तर फाइटर्स के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. यह पूरी तरह से बस्तर पुलिस के नेतृत्व में की जाएगी.
बस्तर फाइटर्स की कमान बस्तर आईजी के हाथ होगी
आईजी ने यह भी बताया कि बस्तर फाइटर्स को नक्सल ऑपरेशन में भी भेजा जाएगा. यह उन ग्रामीण इलाकों में भी खास नजर बनाए रखेंगे, जहां नक्सलियों की सबसे ज्यादा मौजूदगी होती है. आईजी ने कहा कि जिस तरह से बस्तर में तैनात अर्धसैनिक बल, डीआरजी और दंतेश्वरी फाइटर्स, बस्तर बटालियन की अंदरूनी इलाके में तैनाती है. वैसे ही बस्तर फाइटर्स की तैनाती की जाएगी.
बस्तर फाइटर्स के जवानों को दी जाएगी ट्रेनिंग
सुंदरराज पी ने बताया कि अब बस्तर फाइटर्स नक्सलियों का पैंठ उखाड़ने के लिए मील का पत्थर साबित होगी. अब बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में भी शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिलेगा. गांवो में विकास हो सकेगा. डीआरजी के तर्ज पर ही बस्तर फाइटर्स के जवानों को ट्रेनिंग जाएगी दी. इन्हें हथियार चलाने के साथ सभी चीजों की ट्रेनिंग दी जाएगी. खासकर इसकी भर्ती प्रक्रिया में बस्तर के स्थानीय आदिवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी.