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CRPF soldiers reaching villagers in Darbha: दरभा में सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत जवान पहुंच रहे ग्रामीणों तक

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Published : Feb 2, 2023, 7:38 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

civic action program in Bastar बस्तर पिछले 40 वर्षों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. और बस्तर के अंदरूनी इलाकों में नक्सलवाद की वजह से ग्रामीणों और पुलिस के बीच हमेशा से ही दूरियां बनी रहती है. इन दूरियों को कम करने के लिए बस्तर में नक्सली मोर्चे पर तैनात सुरक्षा बल के जवान लगातार सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करने में जुटे हुए हैं.

civic action program in Bastar
दरभा में सिविक एक्शन कार्यक्रम

सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत जरूरतमंद सामग्री का वितरण

बस्तर: बस्तर के दरभा विकासखंड के कामानार में सीआरपीएफ 241 बस्तरिया बटालियन ने सिविक एक्शन कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर आसपास के ग्रामीणों और स्कूली बच्चे मौजूद रहे. जिन्हें सुरक्षाबल के जवानों द्वारा जरूरतमंद सामग्री, खेल सामग्री औैर स्कूली बैग वितरण किया गया. इसके अलावा फसलों के बीच, खाद और फलदार पौधों का भी वितरण किया गया.

पुलिस की सक्रियता के चलते बैकफुट पर नक्सली: दरभा विकासखंड के जनपद उपाध्यक्ष अनंत कश्यप ने बताया कि "दरभा बीते कई सालों से नक्सलियों के साए में था. लेकिन बीते कुछ साल से पुलिस की सक्रियता के चलते नक्सली बैकफुट पर हैं. क्षेत्र में विकास की गति पकड़ने लगी है. नक्सलवाद की वजह से क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा था. इसके अलावा शिक्षा का स्तर भी कम था. ग्रामीणों में जागरूकता की कमी थी. यूं कहा जा सकता है कि दरभा पूरी तरह से पिछड़ा हुआ था. अब सुरक्षा बल के जवान ग्रामीणों के बीच ऐसे कार्यक्रम कर उन्हें अपने साथ जोड़ने और उनकी समस्याओं को दूर करने का काम कर रही है.

जवानों ने जरूरतमंद सामग्री का भी वितरण: सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी एसके बारा ने बताया कि "पुलिस और ग्रामीणों के बीच दूरियां कम करने के लिए सिविक एक्शन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इसे आगे बढ़ाते हुए सीआरपीएफ 241 बटालियन ग्रामीणों के बीच पहुंचे. जवानों ने उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान करने में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत उन्हें जरूरतमंद सामग्री का भी वितरण किया जा रहा है."

यह भी पढ़ें: Bastar chakkajam: बस्तर के हजारों ग्रामीणों का चक्काजाम, पुलिस कैंप और नए रोड के विरोध में खोला मोर्चा


झीरम घाटी हमले से मिली थी दरभा को पहचान: बस्तर के इसी दरभा के झीरम घाटी में नक्सलियों ने 2013 में खूनी खेल खेला था. उन्होंने एक बड़ी राजनीतिक हमले को अंजाम दिया था, जिसमें नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं की एक पीढ़ी ही खत्म कर दी थी. इस हमले में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ ही सुरक्षा बल के जवान और स्थानीय ग्रामीण शहीद हुए थे. अब इस दरभा इलाके में पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली बैकफुट पर हैं. ग्रामीण अब खुलकर सुरक्षा बल के जवानों के बीच पहुंचकर उनसे जुड़ रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भी इन क्षेत्रों में ऐसे कार्यक्रम कराए जाएंगे. ताकि बस्तर में नक्सलवाद को जड़ से खत्म किया जा सके.

सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत जरूरतमंद सामग्री का वितरण

बस्तर: बस्तर के दरभा विकासखंड के कामानार में सीआरपीएफ 241 बस्तरिया बटालियन ने सिविक एक्शन कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर आसपास के ग्रामीणों और स्कूली बच्चे मौजूद रहे. जिन्हें सुरक्षाबल के जवानों द्वारा जरूरतमंद सामग्री, खेल सामग्री औैर स्कूली बैग वितरण किया गया. इसके अलावा फसलों के बीच, खाद और फलदार पौधों का भी वितरण किया गया.

पुलिस की सक्रियता के चलते बैकफुट पर नक्सली: दरभा विकासखंड के जनपद उपाध्यक्ष अनंत कश्यप ने बताया कि "दरभा बीते कई सालों से नक्सलियों के साए में था. लेकिन बीते कुछ साल से पुलिस की सक्रियता के चलते नक्सली बैकफुट पर हैं. क्षेत्र में विकास की गति पकड़ने लगी है. नक्सलवाद की वजह से क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा था. इसके अलावा शिक्षा का स्तर भी कम था. ग्रामीणों में जागरूकता की कमी थी. यूं कहा जा सकता है कि दरभा पूरी तरह से पिछड़ा हुआ था. अब सुरक्षा बल के जवान ग्रामीणों के बीच ऐसे कार्यक्रम कर उन्हें अपने साथ जोड़ने और उनकी समस्याओं को दूर करने का काम कर रही है.

जवानों ने जरूरतमंद सामग्री का भी वितरण: सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी एसके बारा ने बताया कि "पुलिस और ग्रामीणों के बीच दूरियां कम करने के लिए सिविक एक्शन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इसे आगे बढ़ाते हुए सीआरपीएफ 241 बटालियन ग्रामीणों के बीच पहुंचे. जवानों ने उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान करने में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत उन्हें जरूरतमंद सामग्री का भी वितरण किया जा रहा है."

यह भी पढ़ें: Bastar chakkajam: बस्तर के हजारों ग्रामीणों का चक्काजाम, पुलिस कैंप और नए रोड के विरोध में खोला मोर्चा


झीरम घाटी हमले से मिली थी दरभा को पहचान: बस्तर के इसी दरभा के झीरम घाटी में नक्सलियों ने 2013 में खूनी खेल खेला था. उन्होंने एक बड़ी राजनीतिक हमले को अंजाम दिया था, जिसमें नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं की एक पीढ़ी ही खत्म कर दी थी. इस हमले में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ ही सुरक्षा बल के जवान और स्थानीय ग्रामीण शहीद हुए थे. अब इस दरभा इलाके में पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली बैकफुट पर हैं. ग्रामीण अब खुलकर सुरक्षा बल के जवानों के बीच पहुंचकर उनसे जुड़ रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भी इन क्षेत्रों में ऐसे कार्यक्रम कराए जाएंगे. ताकि बस्तर में नक्सलवाद को जड़ से खत्म किया जा सके.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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