जगदलपुर : बस्तर में कोरोना संक्रमितों के साथ मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. मौत का आंकड़ा बढ़ने के साथ ही जिला प्रशासन को इनके दाह संस्कार के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अंतिम संस्कार की नौबत आने पर अव्यवस्था बन जाती है और बार-बार शहर के मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार करवाया जा रहा है. मुक्तिधाम के आलावा अन्य जगहों पर प्रशासन ने अंतिम संस्कार करने की कोशिश की, लेकिन विरोध के कारण निगम प्रशासन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार में आ रही दिक्कत के मद्देनजर निगम प्रशासन ने कोरोना संक्रमित शव के दाह संस्कार के लिए 1 एकड़ की भूमि तलाश करने के साथ ही जिला प्रशासन से इसे उन्हें देने की मांग की है. निगम आयुक्त ने बताया कि कोविड मरीजों के शवों को दफनाने के लिए एयरपोर्ट के पीछे और गोकुल नगर के नजदीक जगह तलाशी गई है. इस जगह में बाउंड्री वॉल से लेकर सड़क का निर्माण भी किया गया है, जहां एक साथ दो लोगों का अंतिम संस्कार किया जा सकेगा.
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गैस या बिजली से चलने वाली मशीन लगाने की मांग
नगर निगम आयुक्त ने बताया कि यह इलाका शहर की आबादी से कुछ दूर पर है. इस कारण लोगों को नाराजगी भी नहीं होगी. निगम की ओर से इस जगह में अंतिम संस्कार करने के लिए घेरा बनाया जा रहा है. जल्द ही इसे तैयार कर लिया जाएगा. इसके अलावा निगमायुक्त ने बताया कि बस्तर कलेक्टर के निर्देशानुसार कोविड पेशेंट के शवों को जलाने के लिए लकड़ी बहुत ज्यादा खर्च होती है, इस वजह से इस काम के लिए गैस या बिजली से चलने वाली मशीन की मांग की गई है, ताकि इसकी मदद से कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार किया जा सके और आधे घंटे के भीतर शव पूरी तरह से जल जाए. बस्तर कलेक्टर को इसके लिए इस्टेमिट भेज दिया गया. गौरतलब है कि गोकुल नगर पशुपालकों को देने के लिए बनाया गया था, लेकिन यहां काम शुरू नहीं हो सका है. अब यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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बता दें इससे पहले भी कोरोना संक्रमित मरीज के शव को कब्रिस्तान में दफनाया गया था. वार्डवासियों ने बताया था कि वार्ड में इसके पहले भी बिना जानकारी के शव को दफना दिया गया था. इसकी शिकायत वार्डवासियों ने मौखिक रूप से की थी. अब वार्ड की जमीन पर शव दफनाने से लोग डरे हुए थे. वहीं डिप्टी कलेक्टर ने कहा कि इस तरह का विरोध प्रशासन को झेलना न पड़े, इसके लिए जल्द ही प्रशासन जमीन की तलाश कर लेगा, जहां नियमानुसार शव को दफनाने या जलाने का काम किया जाएगा. फिलहाल जगदलपुर नगर निगम को जमीन मिल गई है.