बस्तर: दरभा की पहाड़ियों पर करीब 20 एकड़ में लगाई गई कॉफी की फसल पककर तैयार हो गई (Coffee cultivation in Naxalite area of bastar ) है. बस्तर कॉफी ब्रांड से इसकी अच्छी खासी मांग भी सामने आई है. बाजार में बस्तर काफी के नाम से यह कॉफी बेची भी जा रही (Bastar Coffee demands in market ) है. इससे होने वाले मुनाफे और आसान खेती के तरीकों को ध्यान में रखते हुए अब बस्तर में इसका रकबा बढ़कर 300 एकड़ हो गया है. बस्तर कॉफी ब्रांड की शुरुआत में ही अन्य राज्यों से मांग आ रही है. बस्तर के मौसम और ऊंचाई के इलाकों में कॉफी के अच्छे बागान तैयार हो सकते (Taste of Bastar Coffee ) हैं.
जंगल में खेती के लिए ट्रेनिंग : उद्यानिकी और कृषि विभाग दोनों इस प्रयोग को सफल करने में जुटे हुए हैं. जिससे आदिवासी के साथ जंगल के इलाकों में भी कॉफी के बागान तैयार कर सकें. आंध्र प्रदेश तमिलनाडु असम में भी कॉफी की अच्छी खासी खेती होती है. वो मध्य भारत में बस्तर को भी इस लिहाज से तैयार करने की योजना है. किसानों के लिए भी काफी का उत्पादन और इसका व्यवसायिक इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है.