जगदलपुर: अपने दो दिवसीय प्रवास पर बस्तर (Bastar) पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने शहर के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण (Inauguration) और भूमि पूजन (Ground worship) किया. जिनमे से मुख्य रूप से ऐतिहासिक दलपत सागर (Dalpat sagar) के पास बनाए गए कलागुड़ी (Kalagudi) और दलपत सागर (Dalpat Sagar) के नए स्वरूप का लोकापर्ण (Inauguration) शामिल है. जिला प्रशासन (District administration) द्वारा बनाये गए कलागुड़ी (Kalagudi) में बस्तर की कला (Art of Bastar) और बस्तर केफिटेरिया (Bastar Cafeteria) के माध्यम से बस्तर काफी की खुशबू महकेगी. दरअसल हस्तशिल्प कलाओं (Handicrafts) के निर्माण की जीवंत प्रदर्शन के लिए इस कलागुड़ी को बनाया गया है.
सीएम बघेल ने आर्ट गैलरी का भ्रमण किया
बता दें कि बस्तर के पारंपरिक हस्तशिल्प कला से बस्तर पहुंचने वाले सैलानियों के साथ युवा पीढ़ी को परिचित कराने के लिए इस परिसर को बनाया गया है. वहीं, लोकार्पण के दौरान मुख्यमंत्री ने यहां बनाए गए आर्ट गैलरी का भ्रमण किया और यहां लगाए गए हस्तशिल्प का अवलोकन भी किया.इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां लोक कलाकारों द्वारा लौह शिल्पकारी, मृदा शिल्पकारी, बेल मेटल की शिल्पकारी और सीसल शिल्पकारी का जीवंत प्रदर्शनी देखा, साथ ही यहां बस्तर काफी का भी स्वाद लिया, वहीं कलागुड़ी परिसर में बस्तर शिल्पकाला के विक्रय के लिए जिला प्रशासन और फ्लिपकार्ट के बीच एमओयू पर भी मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षर किया.
यहां घूमने वाले लोग बोटिंग का उठा सकेंगे लुफ्त
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने शहर के मध्य स्थित रियासत कालीन तालाब दलपत सागर के नए स्वरूप का लोकापर्ण कर इसे आम जनता के लिए समर्पित किया. लगभग 3 करोड़ 20 लाख रु खर्च कर दलपत सागर आईलैंड को खूबसूरती से निगम प्रशासन द्वारा बनाया गया है, डिजिटल लाइट और पाथवे का निर्माण करने के साथ ही यहां घूमने वाले लोग बोटिंग का भी लुत्फ अब उठा सकेंगे.
हेरिटेज का भी निर्माण किया निर्माण
इस दौरान सीएम बघेल ने कहा कि पिछले शासनकाल में दलपत सागर पूरी तरह से विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गया था, लेकिन सरकार आने के बाद और दलपत सागर बचाओ अभियान के सदस्यों के प्रयासों के बाद जिला और निगम प्रशासन द्वारा ऐतिहासिक दलपत सागर को निखारने की योजना तैयार की गयी और 2 महीने के अथक प्रयास से आईलैंड को खूबसूरत दर्जा दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश-विदेश से बस्तर घूमने आने वाले पर्यटक केवल यहां चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात का ही लुफ्त उठाते थे, लेकिन अब जगदलपुर शहर में भी जिला प्रशासन के अथक प्रयास से ऐतिहासिक दलपत सागर की कायाकल्प बदलने के साथ ही आसना ग्राम में बादल एकेडमी और कलागुड़ी के साथ ही हेरिटेज का भी निर्माण किया गया है.
धरोहर को संजोने का पूरा प्रयास कर रही सरकार
अब सैलानी जगदलपुर शहर में भी अपना काफी वक्त इन सभी जगहों में घूम कर बिता सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए सरकार हर तरह का प्रयास कर रही है, साथ ही जगदलपुर शहर को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयास कर रही है. साथ ही इंद्रावती नदी विकास प्राधिकरण गठन होने के बाद बैठक के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल की वजह से इंद्रावती प्राधिकरण का गठन रुका हुआ था, लेकिन अब गठन के साथ ही जल्द ही इंद्रावती नदी को बचाने को लेकर भी बस्तर में बैठक की जाएगी.
सीएम ने माड़पाल स्कूल का लिया जायजा
अपने दो दिवसीय प्रवास पर बस्तर पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज प्रवास के दूसरे दिन जगदलपुर ब्लॉक के माड़पाल ग्राम पहुंचे. जहां स्कूली छात्रों ने उनका भव्य रूप से स्वागत किया. मुख्यमंत्री ने यहां शासकीय शिक्षकों के परिकल्पना के अनुरूप बनाये गए नये स्कूल भवन का अवलोकन किया.
साथ ही यहां के छात्रों से मुलाकात कर उनसे चर्चा की. मुख्यमंत्री ने मॉडल स्कूल को लेकर शिक्षकों की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि बस्तर के ग्रामीण अंचलों में इस तरह के मॉडल स्कूल की आवश्यकता है. आने वाले समय में बस्तर संभाग के अन्य जिलों में भी इस तरह के मॉडल स्कूल बनाने पर विचार किया जा सकता है