जगदलपुर: बस्तरवासियों को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले चिटफंड कंपनियों के खिलाफ बस्तर अभिकर्ता और उपभोक्ता सेवा संघ ने मोर्चा खोल दिया है. चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों अब तक उनकी जमा पूंजी वापस नहीं मिली है, जिसके बाद उन्होंने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम बस्तर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और जल्द रकम वापस करने की मांग की. संघ की ओर से बीते 2015 से लगातार निवेशकों का पैसा वापस करवाने की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है.
चिटफंड कंपनियों के अभिकर्ताओं का कहना है कि पिछले 5 सालों से लगातार निवेशकों का पैसा वापस करवाने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में निवेशकों का पैसा इन कंपनी मालिकों से वापस दिलवाने की बात कही थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के 2 साल बीतने को हैं और अब तक चिटफंड कंपनियों के मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. न ही उनकी संपत्ति कुर्क कर निवेशकों की रकम वापस दिलाई गई है.
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सीएम हाउस का घेराव
ऐसे में अभिकर्ताओं ने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द इन चिटफंड कंपनियों के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई कर निवेशकों को उनका पैसा वापस दिलवाए. अभिकर्ताओं ने बताया कि बस्तर में भी 50 हजार से अधिक ऐसे लोग हैं, जिन्होंने इन चिटफंड कंपनियों के बहकावे में आकर पैसा इन्वेस्ट किया था, इसके साथ ही 500 से भी अधिक एजेंट यहां इन चिटफंड कंपनियों के के नीचे काम कर रहे थे. लेकिन कंपनियों के मालिकों की ओर से धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए का चूना लगा दिया गया. अभिकर्ताओं का कहना है कि अगर आने वाले 7 अक्टूबर तक सरकार इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है तो बस्तर के अभिकर्ता संघ की ओर से जगदलपुर से रायपुर तक पदयात्रा कर सीएम हाउस का घेराव किया जाएगा और लगातार उनका आंदोलन जारी रहेगा.