जगदलपुरः कोरोना वायरस लोगों के लिए एक अभिशाप बनकर सामने आया है. इस वैश्विक महामारी की वजह मजदूरों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सैकड़ों मजदूर पैदल मीलों का सफर तय कर भूखे-प्यासे अपने घर जाने मजबूर हैं. वहीं कई मजदूर सड़क हादसे और ठगी का भी शिकार हो रहे हैं.
मजदूर के साथ ठगी का मामला जगदलपुर शहर का है. दरअसल बिलासपुर की एक निजी कंपनी में काम करने वाले आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम के निवासी 4 मजदूर शनिवार सुबह बिलासपुर से विशाखापट्टनम जाने के लिए निकले थे और देर रात रायपुर पहुंचे. रायपुर से जगदलपुर मार्ग पर ट्रैफिक पुलिस की मदद से उन्हें एक ट्रक में बैठाया गया, जो रायपुर से जगदलपुर की ओर आ रहा था. ट्रक ड्राइवर ने चारों मजदूरों को ओड़िशा के कोरापुट तक छोड़ देने की बात कही, जहां से उसने मजदूरों को विशाखापटनम की दूरी लगभग 200 किलोमीटर बताया और ट्रक में बैठा लिया.
पढ़ेंः-राजनांदगांव: बिस्किट-टोस्ट खाकर पैदल पहुंचे मजदूर, ETV भारत से बयां किया दर्द
इसके बाद रविवार सुबह ट्रक ड्राइवर ने जगदलपुर से 25 किलोमीटर पहले ही उन्हें कोरापुट बॉर्डर आने की बात कहते हुए उतार दिया और उनसे एक-एक हजार रुपये भी वसूल लिए, जिसके बाद ट्रक ड्राइवर उन्हें वहीं छोड़ दिया और जगदलपुर की ओर निकल गया.
बस्तर पुलिस ने की मजदूरों की मदद
मजदूरों ने भानपुरी नाके में तैनात पुलिस के जवानों को आपबीती बताई, जिसके बाद जवानों ने मजदूरों को एक ट्रक के जरिए जगदलपुर तक छोड़ने की व्यवस्था की. जगदलपुर के आड़ावाल के सरपंच की ओर से मजदूरों के लिए भोजन का इंतजाम किया गया, जिसके बाद बस्तर पुलिस ने मजदूरों के आगे जाने की व्यवस्था की गई.
ट्रक ड्राइवर ने बनाया ठगी का शिकार
मजदूरों ने बताया कि 'उनके पास पैसे भी खत्म हो चुके थे, जैसे-तैसे उन्होंने पैसे इकट्ठा करके घर जाने की उम्मीद जताई थी, लेकिन ट्रक ड्राइवर ने उनके साथ ठगी की और जगदलपुर शहर से 25 किलोमीटर पहले ही उन्हें उतार दिया. मजदूरों ने पुलिस से गुहार लगाई कि वे ओड़िशा तक उन्हें छुड़वा दे, जिसके बाद वे अपने घर जाने को आगे का सफर तय कर सकें. फिलहाल पुलिस ने उनके जाने की व्यवस्था कर दी है. वहीं मजदूरों को ठगी का शिकार बनाने वाले ट्रक ड्राइवर की कोई जानकारी नहीं लग पाई है.