बलौदा बाजार: टुंडरा नगर पंचायत 2008 में परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई. बलौदा बाजार गिधौरी मुख्य मार्ग से चार किलोमीटर अंदर होने के कारण टुंडरा विकास से काफी दूर नजर आता है. स्थानीय बताते हैं, छत्तीसगढ़ में सत्ता और सरकार की तस्वीरें तो बदली, लेकिन देखते ही देखते टुंडरा विकास के नक्शे से कब गायब हो गया किसी को पता ही नहीं चला.
जब टुंडरा 2008 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई, तो यहां के लोगों को लगा कि टुंडरा विकास की रेस में तेजी से दौड़ेगा, लेकिन नगर वासियों की यह उम्मीद महज उम्मीद ही रह गई.
ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने टुंडरा के तात्कालीन सरपंच भुरूवा गोंड को टुण्डरा का पहला नगर पंचायत अध्यक्ष बनाया गया. जिसके बाद 2009 और 2014 में दो बार चुनाव हुए जिसमें 2009 के चुनाव में निर्दलीय गंगा राम साहू अध्यक्ष चुनकर आए.
- इसके बाद 2014 के चुनाव में कांग्रेस की चमेली देवांगन यहां से अध्यक्ष बनीं.
- 2011 की जनगणना के अनुसार 8211 टुंडरा नगर पंचायत की जनसंख्या है. वहीं 2014 के मतदान के अनुसार 6017 मतदाता यहां रहते हैं. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 3083 है और 2934 महिला मतदाता हैं.
- टुंडरा नगर पंचायत में ओबीसी मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका निभाती है.
नगर पंचायत टुण्डरा में अगर बात मुद्दों की हो तो यहां शुरू से विकास ही सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. इस बार का भी चुनाव यहां विकास के मुद्दे पर ही लड़ा जा रहा है. स्थानीय बताते हैं, बलौदा बाजार जिले में अगर सबसे पिछड़े नगर पंचायत का खिताब किसी को दिया जाए तो वो टुंडरा नगर पंचायत हो सकता है. टुंडरा नगर पंचायत में समस्याओं की एक लंबी लिस्ट है. मूलभूत सुविधाओं में यहां एक भी ऐसी सुविधा नहीं है, जिसका लाभ यहां के लोगों को मिलता हो. शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन की हालत बद से बदतर है.