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टुंडरा नगर पंचायत: विकास के नक्शे से कब गायब हो गया टुंडरा पता ही नहीं चला - समस्याओं की एक लंबी लिस्ट

टुंडरा 2008 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई, तो यहां के लोगों को लगा कि टुंडरा विकास की रेस में तेजी से दौड़ेगा, लेकिन नगर वासियों की यह उम्मीद महज उम्मीद ही रह गई.

tundra nagar panchayat
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Published : Oct 16, 2019, 12:14 AM IST

Updated : Oct 16, 2019, 4:25 AM IST

बलौदा बाजार: टुंडरा नगर पंचायत 2008 में परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई. बलौदा बाजार गिधौरी मुख्य मार्ग से चार किलोमीटर अंदर होने के कारण टुंडरा विकास से काफी दूर नजर आता है. स्थानीय बताते हैं, छत्तीसगढ़ में सत्ता और सरकार की तस्वीरें तो बदली, लेकिन देखते ही देखते टुंडरा विकास के नक्शे से कब गायब हो गया किसी को पता ही नहीं चला.

विकास के नक्शे से कब गायब हो गया टुंडरा पता ही नहीं चला

जब टुंडरा 2008 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई, तो यहां के लोगों को लगा कि टुंडरा विकास की रेस में तेजी से दौड़ेगा, लेकिन नगर वासियों की यह उम्मीद महज उम्मीद ही रह गई.

ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने टुंडरा के तात्कालीन सरपंच भुरूवा गोंड को टुण्डरा का पहला नगर पंचायत अध्यक्ष बनाया गया. जिसके बाद 2009 और 2014 में दो बार चुनाव हुए जिसमें 2009 के चुनाव में निर्दलीय गंगा राम साहू अध्यक्ष चुनकर आए.

  • इसके बाद 2014 के चुनाव में कांग्रेस की चमेली देवांगन यहां से अध्यक्ष बनीं.
  • 2011 की जनगणना के अनुसार 8211 टुंडरा नगर पंचायत की जनसंख्या है. वहीं 2014 के मतदान के अनुसार 6017 मतदाता यहां रहते हैं. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 3083 है और 2934 महिला मतदाता हैं.
  • टुंडरा नगर पंचायत में ओबीसी मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका निभाती है.

नगर पंचायत टुण्डरा में अगर बात मुद्दों की हो तो यहां शुरू से विकास ही सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. इस बार का भी चुनाव यहां विकास के मुद्दे पर ही लड़ा जा रहा है. स्थानीय बताते हैं, बलौदा बाजार जिले में अगर सबसे पिछड़े नगर पंचायत का खिताब किसी को दिया जाए तो वो टुंडरा नगर पंचायत हो सकता है. टुंडरा नगर पंचायत में समस्याओं की एक लंबी लिस्ट है. मूलभूत सुविधाओं में यहां एक भी ऐसी सुविधा नहीं है, जिसका लाभ यहां के लोगों को मिलता हो. शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन की हालत बद से बदतर है.

बलौदा बाजार: टुंडरा नगर पंचायत 2008 में परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई. बलौदा बाजार गिधौरी मुख्य मार्ग से चार किलोमीटर अंदर होने के कारण टुंडरा विकास से काफी दूर नजर आता है. स्थानीय बताते हैं, छत्तीसगढ़ में सत्ता और सरकार की तस्वीरें तो बदली, लेकिन देखते ही देखते टुंडरा विकास के नक्शे से कब गायब हो गया किसी को पता ही नहीं चला.

विकास के नक्शे से कब गायब हो गया टुंडरा पता ही नहीं चला

जब टुंडरा 2008 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई, तो यहां के लोगों को लगा कि टुंडरा विकास की रेस में तेजी से दौड़ेगा, लेकिन नगर वासियों की यह उम्मीद महज उम्मीद ही रह गई.

ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने टुंडरा के तात्कालीन सरपंच भुरूवा गोंड को टुण्डरा का पहला नगर पंचायत अध्यक्ष बनाया गया. जिसके बाद 2009 और 2014 में दो बार चुनाव हुए जिसमें 2009 के चुनाव में निर्दलीय गंगा राम साहू अध्यक्ष चुनकर आए.

  • इसके बाद 2014 के चुनाव में कांग्रेस की चमेली देवांगन यहां से अध्यक्ष बनीं.
  • 2011 की जनगणना के अनुसार 8211 टुंडरा नगर पंचायत की जनसंख्या है. वहीं 2014 के मतदान के अनुसार 6017 मतदाता यहां रहते हैं. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 3083 है और 2934 महिला मतदाता हैं.
  • टुंडरा नगर पंचायत में ओबीसी मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका निभाती है.

नगर पंचायत टुण्डरा में अगर बात मुद्दों की हो तो यहां शुरू से विकास ही सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. इस बार का भी चुनाव यहां विकास के मुद्दे पर ही लड़ा जा रहा है. स्थानीय बताते हैं, बलौदा बाजार जिले में अगर सबसे पिछड़े नगर पंचायत का खिताब किसी को दिया जाए तो वो टुंडरा नगर पंचायत हो सकता है. टुंडरा नगर पंचायत में समस्याओं की एक लंबी लिस्ट है. मूलभूत सुविधाओं में यहां एक भी ऐसी सुविधा नहीं है, जिसका लाभ यहां के लोगों को मिलता हो. शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन की हालत बद से बदतर है.

Intro:टुण्डरा नगर पंचायत प्रोफ़ाइल -

बलौदाबाजार जिले का नगर पंचायत टुण्डरा 2008 के परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आया,बलौदाबाजार - गिधौरी मुख्य मार्ग से चार किमी अंदर होने के कारण टुण्डरा विकास से कोसों दूर नजर आता है,छत्तीसगढ़ में सत्ता और सरकारों की तस्वीरें बदलती गयी और देखते ही देखते कब टुण्डरा विकास के नक्शे से गायब हो गया किसी को पता ही नहीं चला,जब टुण्डरा 2008 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आया तब टुण्डरा वासियों को लगा कि अब टुण्डरा भी विकास की रेस में तेजी से दौड़ेगा,लेकिन नगर वासियों को कहां पता था कि उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह जायेगी,ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने टुण्डरा के तात्कालीन सरपंच भुरूवा गोंड़ टुण्डरा के पहले नगर पंचायत अध्यक्ष बने,जिसके बाद 2009 और 2014 में दो बार चुनाव सम्पन्न हुआ। 2009 के चुनाव में निर्दलीय गंगा राम साहू ने जगन्नाथ केशरवानी को हारकर चुनाव जीता तो वहीं 2014 के चुनाव में कांग्रेस की चमेली देवांगन ने भाजपा प्रत्याशी असुलेखा साहू को शिकस्त दी। टुण्डरा नगर पंचायत में अगर जनसंख्या की बात की जाए तो वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार नगर में जन संख्या 8211 है, और मतदाताओं की बात करे तो 2014 के मतदान के अनुसार 6017 जिसमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 3083 है और 2934 महिला मतदाता है। नगर पंचायत टुण्डरा में ओबीसी खासकर साहू मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। नगर पंचायत टुण्डरा को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है।
Body:प्रमुख मुद्दे - नगर पंचायत टुण्डरा में अगर बात की जाए मुद्दों की तो विकास का मुद्दा ही हर बार की तरह सबसे प्रमुख मुद्दा है, बलौदाबाजार जिले में अगर सबसे पिछड़े नगर पंचायत का खिताब अगर किसी को मिलना चाहिए तो वो है नगर पंचायत टुण्डरा , टुण्डरा को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने 10 सालों से भी अधिक समय बीत चुका है लेकिन नगर पंचायत वाली सुविधा आज भी टुण्डरा को नहीं मिल पाई है।


समस्या - टुण्डरा नगर पंचायत में समस्याओं की बात की जाए तो यहां समस्याओं की लंबी लिस्ट नजर आती है,समस्याओं के अंबार वाले इस नगर पंचायत में सभी मूलभूत सुविधाओं की कमी है, स्वास्थ्य,शिक्षा, परिवहन की हालत यहां सबसे ज्यादा खस्ती, नगर में एकमात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है जिसमें लड़के और लड़कियां एक साथ पढ़ाई करने को मजबूर है, इस नगर में कन्या विद्यालय की मांग लंबे समय से उठ रही है लेकिन इसके बाद भी नगरवासियों की मांगों को हर बार दरकिनार कर दिया गया, नगर के इस एकमात्र स्कूल की स्थिति काफी दयनीय है,चाहे स्कूल भवन की बात की जाए या फिर शिक्षकों की। नगर पंचायत टुण्डरा में महाविद्यालय नहीं होने से उच्च शिक्षा के लिए भी छात्रों को 12 वीं के बाद बड़े शहरों का रूख करना पड़ता है,छत्तीसगढ़ में चुनाव के पहले नए महाविद्यालयो की सौगात प्रदेश वासियों को दी गयी लेकिन महाविद्यालय की आश में बैठे नगरवासियों को एक बार फिर निराश होना पड़ा और टुण्डरा के बजाय सोनाखान में महाविद्यालय खोल देने से नगर वासियों में काफी आक्रोश है।
शिक्षा के तरह की नगर में स्वास्थ्य सुविधा का भी बुरा हाल है यहा आज तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नही हों पाया है. यहा आवागमन की सुविधा नही होने से बस स्टैण्ड तो है लेकिन बस नही चल पाती. या यू कहा जाना गलत नही होगा की छत्तीसगढ़ का यह ऐसा नगर पंचायत है जहा बस की सुविधा लोगो को नही मिल पाती है. इस नगर पंचायत में गौरवपथ एवं मिनीस्टेडियम की मांग लंबे समय से की जा रही है.


वर्तमान में नगर के अध्यक्ष चमेली देवांगन है.

प्रबल दावेदार कांग्रेस - 1. दिनेश देवांगन जो की वर्तमान में अध्यक्ष के पति है.

2. गीता पटेल अभी वर्तमान में नगर उपाध्याय है.

3 कमलकांत यादव

4 दुलीचंद देवांगन

भाजपा

1 सत्यनारायण पटेल(नन्दु)

2 रामप्रसाद साहू

3 दामोदर साहू

4 अशोक साहूConclusion:नोट - फोटो वर्तमान अध्यक्ष चमेली देवांगन का है
Last Updated : Oct 16, 2019, 4:25 AM IST
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