बलौदा बाजार: धान का उठाव नहीं होने से सहकारी समिति की चिंता बढ़ गई है. खरीदी केंद्रों में क्षमता से अधिक धान रखा हुआ है. जिससे समितियों को परेशानी हो रही है. नुकसान का सामना भी करना पड़ रहा है. कई धान खरीदी केंद्र में 10 दिनों से धान का उठाव नहीं हुआ है.
छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर चल रही धान खरीदी पूरी हो चुकी है. सभी जिलों में 1 दिसंबर से धान की खरीदी चल रही थी. भूपेश सरकार ने 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. बंपर धान की खरीदी की गई है. लेकिन खरीदा गया धान का उठाव नहीं हो रहा है. समितियों को नुकसान उठाने का डर सता रहा है. छत्तीसगढ़ में कई नए धान खरीदी केंद्र खोले गए थे. नए खरीदी केंद्रों की क्षमता कम है. लेकिन यहां भी धान के बोरे खुले में रखे हुए हैं. ऐसे में हल्की बारिश भी भारी नुकसान कर सकती है.
नए केंद्रों में समस्या अधिक
छत्तीसगढ़ में 31 जनवरी तक समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई. समितियों ने धान खरीदी बंद कर दिया है. धान के उठाव के लिए उच्च अधिकारियों को आवेदन दिया गया है. सबसे बुरा हाल प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति पीसीद का है. खरीदी केंद्र का यह पहला साल है. पीसीद धान खरीदी केंद्र में मात्र 500 क्विंटल धान रखने की क्षमता है. लेकिन समिति में अभी 22 हजार 7 सौ क्विंटल धान रखा हुआ है.
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केंद्र में चबूतरे का अभाव
धान खरीदी केंद्र में चबूतरे का अभाव है. क्षमता से ज्यादा धान रखा हुआ है. समय पर उठाव नहीं होने और बारिश की स्थिति में भारी परेशानी हो सकती है. धान खराब हो सकता है. इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को भी गई है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.