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30 साल बाद भी पूरी नहीं हुई मुक्ति धाम की कमी - गांव को पूर्व राज्यसभा सांसद भूषण लाल जांगडे ने गोद लिया

मुक्ति धाम की कमी को लेकर ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत की है. लेकिन प्रशासन की लापरवाही से 30 साल से मुक्ति धाम नहीं बन पाया है.

lack of Mukti Dham
मुक्ति धाम की कमी
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Published : Nov 26, 2019, 2:01 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 2:52 PM IST

बलौदाबाजार: जिले के पुरगांव में बीते 30 साल से मुक्ति धाम की कमी है. यहां के लोगों को हर मौसम में अंतिम संस्कार के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन आज तक यहां मुक्ति धाम नहीं बन पाया. ग्रामीणों ने लगातार क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों से इसकी शिकायत की लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

मुक्ति धाम की कमी

बता दें कि पिछले शासनकाल में इस गांव को पूर्व राज्यसभा सांसद भूषण लाल जांगडे ने गोद लिया था. लेकिन गोद ग्राम होने के बाद भी यहां किसी भी प्रकार का विकास नहीं हो पाया है. ग्रामीण बताते है कि सांसद के इस गांव को गोद लेने के बाद उन्हें गांव में विकास की उम्मीद थी. लेकिन धीरे-धीरे उम्मीद भी टूट गई.

पढे़:स्थापना दिवस पर NCC कैडेट्स को किया गया सम्मानित

प्रशासन की लापरवाही
ग्रामीणों ने बताया कि 'बरसात में प्लास्टिक की शीट का टेंट लगाकर शव का अंतिम संस्कार किया जाता है और गर्मी के मौसम में तपती धूप में भी खड़े होकर. इस समस्या को लेकर ग्रामीण और सरपंच जनप्रतिनिधि, विधायक, लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद सहित कलेक्टर से मांग कर चुके हैं. लेकिन आज तक ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है'.

बलौदाबाजार: जिले के पुरगांव में बीते 30 साल से मुक्ति धाम की कमी है. यहां के लोगों को हर मौसम में अंतिम संस्कार के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन आज तक यहां मुक्ति धाम नहीं बन पाया. ग्रामीणों ने लगातार क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों से इसकी शिकायत की लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

मुक्ति धाम की कमी

बता दें कि पिछले शासनकाल में इस गांव को पूर्व राज्यसभा सांसद भूषण लाल जांगडे ने गोद लिया था. लेकिन गोद ग्राम होने के बाद भी यहां किसी भी प्रकार का विकास नहीं हो पाया है. ग्रामीण बताते है कि सांसद के इस गांव को गोद लेने के बाद उन्हें गांव में विकास की उम्मीद थी. लेकिन धीरे-धीरे उम्मीद भी टूट गई.

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प्रशासन की लापरवाही
ग्रामीणों ने बताया कि 'बरसात में प्लास्टिक की शीट का टेंट लगाकर शव का अंतिम संस्कार किया जाता है और गर्मी के मौसम में तपती धूप में भी खड़े होकर. इस समस्या को लेकर ग्रामीण और सरपंच जनप्रतिनिधि, विधायक, लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद सहित कलेक्टर से मांग कर चुके हैं. लेकिन आज तक ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है'.

Intro:बलौदाबाजार - बलौदाबाजार जिले के पुरगांव गांव में बीते 30 सालों से मुक्ति धाम की कमी है यहां के लोगों को हर मौसम मे अंतिम संस्कार के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन आज तक यहां मुक्तिधाम नहीं बन पाया । इसकी शिकायत ग्रामीणों ने लगातार क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों से की है लेकिन समस्या जस के तस बनी हुई है


Body:आपको बता दें कि पिछले शासनकाल में इस गांव को पूर्व राज्य सभा सांसद भुषण लाल जांगडे के द्वारा गोद लिया गया था लेकिन गोद ग्राम होने के बाद भी यहां किसी भी प्रकार का विकास नहीं हो पाया ग्रामीण बताते हैं कि सांसद ने इस गांव को गोद लिया जिसके बाद उन्हें गांव में विकास की उम्मीद थी लेकिन धीरे-धीरे उम्मीद भी टूट गई ग्रामीणों ने आगे बताया कि बरसात में प्लास्टिक की छांव बनाकर शव का अन्तिम संस्कार किया जाता है और गर्मी के मौसम में तपती धूप में भी खड़े होकर यहां शव का अन्तिम संस्कार किया जाता है लेकिन इस ओर आज तक किसी भी अधिकारी और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने शुद्ध नहीं ली । इस समस्या को लेकर ग्रामीण एवं सरपंच ने जनप्रतिनिधि, विधायक, लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद एवं कलेक्टर को भी मांग कर चुके हैं लेकिन आज तक ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हुआ है।


Conclusion:बाइट01 - सुजीत जायसवाल - ग्रामीण

बाइट02- भानु प्रताप सांडे - सरपंच ग्राम पंचायत पुरगांव
Last Updated : Nov 26, 2019, 2:52 PM IST
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