बलौदाबाजार: जिले में शनिवार को धोबी तालाब का गहरीकरण वार्ड क्रमांक 5 के पार्षद धर्मेंद्र वर्मा की ओर से कराया जा रहा था, जिसमें किसी भी प्रकार के कागजात नहीं मिले थे. ठीक 2 घंटे बाद अचानक उनके पास छुट्टी के दिन रॉयल्टी बुक देखने को मिला. आवेदक को 4 अप्रैल को ही रॉयलटी बुक मिल गई थी जबकि 5 तारीख को यह जारी हुई. मुरुम रॉयल्टी के संबंध में खनिज निरीक्षक भूपेंद्र भक्त ने बताया कि "आवेदक ने 10 मार्च 2023 को धोबी तालाब का गहरीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसका कलेक्टर से अनुमोदन करा कर 4 अप्रैल को चालान पटाया गया था और 5 अप्रैल को पर्ची जारी किया गया."
खनिज विभाग के बाबू ने उठाया मिलीभगत से पर्दा: पर्ची जारी करने वाले खनिज कार्यालय के बाबू श्याम पैकरा का कहना है कि "पर्ची खनिज इस्पेक्टर भूपेन्द्र भट्ट के कहने पर 3 अप्रैल की बैक डेट में जारी हुई थी. यह पर्ची 4 अप्रैल को शाम 4:30 बजे छुट्टी के दिन बनाकर जारी की थी." नगर पालिका अध्यक्ष चितावर जैसवाल के मुताबिक "मुरुम से भरी ओवरलोड गाड़ियां पकड़ी गईं थीं. सूचना के बाद भी न तो खनिज विभाग ने कोई कार्रवाई की और न ही विभागीय टीम मौके पर ही पहुंची."
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नियम कानून को लेकर गौरीशंकर अग्रवाल ने उठाए सवाल: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी नेता गौरीशंकर अग्रवाल ने मामले को लेकर प्रदेश की भूपेश सरकार पर तंज किया. कहा "मैं टीवी डिबेट में बड़े बड़े कांग्रेसी नेताओं का बयान सुनता रहता हूं. देश कानून से चलेगा. प्रदेश कानून से चलेगा, बाबासाहब भीमराव अंबेडकर के संविधान से चलेगा. लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि "भूपेश बघेल से, बाबा साहब भीम राव अंबेडकर द्वारा संविधान दिया था वो छत्तीसगढ़ में लागू है या नहीं. और अगर लागू है तो अवैध काम करने वाले पर कार्रवाई क्यों नहीं होती."