बलौदाबाजार: पालरी थाना क्षेत्र के पहंदा के पास पिछले सप्ताह एक सिर कटी लाश मिली थी. हत्या इतने शातिर तरीके से की गई थी कि घटनास्थल पर कोई भी सबूत नहीं मिले थे. जिसके बाद पुलिस ने रायपुर से फॉरेंसिक की टीम और डॉग स्क्वायड की टीम बुलाई थी. 8 दिनों के जांच के बाद आखिरकार आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा. युवक के हत्या के पीछे और कोई नहीं बल्कि उसका सगा भाई और पिता ही निकले. दरअसल, युवक मानसिक रूप से बीमार था, उसे बीच-बीच में पागलपन के दौरे भी आते थे. जिससे वजह से आवेश में पिता और भाई ने युवक की हत्या कर दी. आरोपियों को गिरफ्तार कर न्याययिक रिमांड पर भेज दिया गया है.
अपनों ने ही ली युवक की जान
पागलपन के दौरे आने से गुस्साए पिता और भाई ने युवक की जान ले ली. 6 मई की सुबह पहंदा नहर में पास एक सिर कटी लाश मिली थी. जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी. मृतक के धड़ के पास ही उसका कटा हुआ सर रखा हुआ था. जो देखने में बहुत ही भयानक था. पुलिस ने अनुसार युवक को पहले गला दबाकर मारा गया था. फिर उसका सर काटकर उसे आग में जला दिया गया. घटना के बाद पुलिस की टीम ने लाश को कब्जे में लेकर तुरंत कार्रवाई शुरू की, लेकिन सबूत के लिए घटनास्थल पर कुछ भी नहीं मिला. मृतक के घर से 5 किलोमीटर दूर उसकी लाश मिली थी. जहां पर न तो कोई खून के निशान थे और न ही कोई हथियार बरामद हुए थे. जिसके बाद पुलिस ने रायपुर की फॉरेंसिक टीम की मदद ली.
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हत्या के बाद सारे सबूत मिटा दिए गए
पुलिस ने बताया कि हत्या के शक में उसके पिता और भाई को हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की गई. दोनों गोलमोल जवाब दे रहे थे, लेकिन कोई भी सबूत नहीं मिला. लेकिन जब मृतक की पत्नी से इस पूरी घटना के बारे में पूछताछ की गई तो उसने पूरी वारदात का पर्दाफाश कर दिया. उसने बताया कि मृतक को पागलपन का दौरा आता था. घर वालों को गालियां देता था. घटना की रात भी उसे दौरा आया था. जिसके बाद मृतक के पिता ने अपने दूसरे बेटे को बुलाया और घटना को अंजाम दिया. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पहले युवक को गला दबाकर मारा. फिर हसिया से उसका गला काट दिया. खून रोकने के लिए आरोपियों ने गले और धड़ को आग में जलाया. जिससे खून सुख गया. आरोपियों ने लाश को साइकिल से 5 किलोमीटर दूर पहंदा नहर के पास फेंक दिया. हसिया और साइकिल भी छुपा दिए.