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baloda bazar : समोदा नहर निर्माण में किसान परिवार का विरोध, जमीन के बदले मुआवजे की मांग

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Published : Apr 18, 2023, 2:04 PM IST

बलौदाबाजार भाटापारा में एक बुजुर्ग महिला की जमीन समोदा नहर के लिए अधिग्रहित कर ली गई.लेकिन जमीन अधिग्रहण के बाद उसे मुआवजा नहीं दिया गया. अब नहर निर्माण के समय महिला का परिवार नहर निर्माण में बाधा पैदा कर रहे हैं.

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महिला ने किया नहर निर्माण का विरोध

बलौदाबाजार भाटापारा : जिले के पलारी विकासखंड के क्षेत्र में एक 75 साल की महिला ने सरकारी काम में बाधा डाला है.ग्राम पंचायत वटगन में रहने वाली भूरी बाई ने नहर निर्माण के दौरान अपने परिवार के साथ सरकारी अमले को रोका.इस दौरान मौके पर तहसीलदार, पलारी थाना प्रभारी, सरपंच प्रतिनिधि भी पहुंचे.अफसरों को भूरी बाई ने कहा कि साल 2007-08 में समोदा नहर पास हुई. नहर के रास्ते में भूरी बाई का 5.45 एकड़ और उसके बेटे के नाम 4.30 एकड़ खेत आ गया.10 एकड़ की खेती में 6 एकड़ की जमीन नहर के रास्ते में आई. इस दौरान प्रशासन ने प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया.लेकिन उसे मुआवजा दिए बिना ही निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया.जिस पर भूरी बाई ने आपत्ति दर्ज कराई है.

किसी ने नहीं सुनी फरियाद : इस दौरान भूरी बाई हर उस दरवाजे तक गई जहां उसकी आवाज सुनी जा सकती थी. लेकिन आज तक उसके केस का निराकरण नहीं हुआ.जमीन अधिग्रहित करने के बाद पिछले 6 साल से भूरी बाई का परिवार खेती नहीं कर सका है.जिससे उसकी आर्थिक हानि हुई है.साथ ही साथ उसे अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा भी नहीं दिया गया.अब भूरी बाई के परिवार ने अफसरों को एक बार फिर मुआवजा देने को कहा है.ताकि उसकी आर्थिक हालत सही हो सके.

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प्रशासन ने कही समस्या सुलझाने की बात : वहीं इस पूरे मामले में किसान परिवार जमीन के बदले मुआवजे पर अड़ा है.इसके बिना वो काम नहीं शुरु करने की धमकी दे रहा है. वहीं दूसरी तरफ मामला मीडिया में आने के बाद बलौदाबाजा की एसडीएम रोमा श्रीवास्तव का कहना है कि नहर निर्माण कार्य में किसान रुकावट पैदा कर रहे हैं.किसानों के साथ जो भी समस्या है वो सुलझा ली जाएगी.

बलौदाबाजार भाटापारा : जिले के पलारी विकासखंड के क्षेत्र में एक 75 साल की महिला ने सरकारी काम में बाधा डाला है.ग्राम पंचायत वटगन में रहने वाली भूरी बाई ने नहर निर्माण के दौरान अपने परिवार के साथ सरकारी अमले को रोका.इस दौरान मौके पर तहसीलदार, पलारी थाना प्रभारी, सरपंच प्रतिनिधि भी पहुंचे.अफसरों को भूरी बाई ने कहा कि साल 2007-08 में समोदा नहर पास हुई. नहर के रास्ते में भूरी बाई का 5.45 एकड़ और उसके बेटे के नाम 4.30 एकड़ खेत आ गया.10 एकड़ की खेती में 6 एकड़ की जमीन नहर के रास्ते में आई. इस दौरान प्रशासन ने प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया.लेकिन उसे मुआवजा दिए बिना ही निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया.जिस पर भूरी बाई ने आपत्ति दर्ज कराई है.

किसी ने नहीं सुनी फरियाद : इस दौरान भूरी बाई हर उस दरवाजे तक गई जहां उसकी आवाज सुनी जा सकती थी. लेकिन आज तक उसके केस का निराकरण नहीं हुआ.जमीन अधिग्रहित करने के बाद पिछले 6 साल से भूरी बाई का परिवार खेती नहीं कर सका है.जिससे उसकी आर्थिक हानि हुई है.साथ ही साथ उसे अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा भी नहीं दिया गया.अब भूरी बाई के परिवार ने अफसरों को एक बार फिर मुआवजा देने को कहा है.ताकि उसकी आर्थिक हालत सही हो सके.

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प्रशासन ने कही समस्या सुलझाने की बात : वहीं इस पूरे मामले में किसान परिवार जमीन के बदले मुआवजे पर अड़ा है.इसके बिना वो काम नहीं शुरु करने की धमकी दे रहा है. वहीं दूसरी तरफ मामला मीडिया में आने के बाद बलौदाबाजा की एसडीएम रोमा श्रीवास्तव का कहना है कि नहर निर्माण कार्य में किसान रुकावट पैदा कर रहे हैं.किसानों के साथ जो भी समस्या है वो सुलझा ली जाएगी.

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