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कोरोना ने ली मां-बेटे की जान, कोई नहीं था अंतिम संस्कार करने वाला

खपरिडीह गांव में एक ही परिवार के 6 लोग कोरोना संक्रमित मिले थे. मां-बेटे की कोरोना से मौत हो गई. बेटे की मौत बिलासपुर के निजी अस्पताल में हुई. वहीं मां की मौत होम आइसोलेशन हो गई. बेटे का अंतिम संस्कार बिलासपुर में प्रशासन ने करा दिया. लेकिन गांव में मृत महिला के अंतिम संस्कार के लिए स्वास्थ्य विभाग से लेकर परिजनों ने भी हाथ खड़े कर दिए.

death of Mother and son due to corona
कोरोना का कहर
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Published : Apr 17, 2021, 12:54 PM IST

Updated : Apr 17, 2021, 2:05 PM IST

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ में कोरोना से हालात कितने भयावह हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शवों को अंतिम संस्कार तक नसीब नहीं हो रहा है. खपरिडीह गांव में एक ही परिवार के 6 लोग कोरोना संक्रमित मिले थे. जिनमें से दो लोगों की कोरोना से मौत हो गई. बेटे की मौत बिलासपुर के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई. वहीं मां ने होम आइसोलेशन में दम तोड़ दिया. अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सूचित किया. लेकिन परिवार का एक भी सदस्य मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच सका. वहीं गांव में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ परिजन और ग्रामीणों ने भी मां का शव उठाने से मना कर दिया. SDM के आदेश के बाद गांव के सरपंच और पंचों ने महिला का अंतिम संस्कार किया.

कोरोना से एक ही परिवार के दो लोगों की मौत

कोरोना की दूसरी लहर अब गांव में भी पैर पसारने लगी है. कोरोना की चपेट में आने से ग्राम खपरिडीह में मां-बेटे की मौत हो गई. ग्रामीणों के अनुसार ग्राम खपरिडीह निवासी नागेश दास रायपुर में किसी कंपनी में इलेक्ट्रीशियन का काम करता था. वह होली मनाने घर आया हुआ था. इसी बीच उसकी तबीयत खराब हुई. उसे बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. परिवार के अन्य लोगों की भी कोरोना जांच कराई गई. परिवार के अन्य 5 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. सभी का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा था.

अस्पताल के सामने बेबस बेटे ने चीखकर कहा-'मेरे पिता मर जाएंगे तब उनका इलाज होगा क्या ?'

इसी बीच बिलासपुर के निजी अस्पताल में भर्ती व्यक्ति की मौत हो गई. परिजनों को सूचित कर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. एक सप्ताह के अंदर उसकी माता की भी मौत हो गई. जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने मृतक महिला का अंतिम संस्कार नहीं और न ही ग्रामीणों ने शव को हाथ लगाया.

स्वास्थ्य विभाग ने किए हाथ खड़े

महिला की मौत की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने घंटो तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. अंत में SDM ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश भी दिए. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी दरवाजे पर सिर्फ 4 नग पीपीई किट छोड़ कर वापस लौट गया. नियमानुसार कोरोना से मौत होने पर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि वह कोरोना गाइडलाइन के तहत मृतक का अंतिम संस्कार कराए. लेकिन ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला.

गांव के जनप्रतिनिधियों ने किया अंतिम संस्कार

कोरोना का डर ऐसा है कि ग्रामीण और परिजन भी शव उठाने से डर रहे हैं. वहीं कसडोल SDM को जब इस पूरे मामले की सूचना दी गई तो SDM ने गांव के सरपंच और पंचों को अंतिम संस्कार करने के आदेश दिए. जिसके बाद गिधौरी पुलिस और गांव के जनप्रतिनिधियों ने पीपीई किट पहनकर महिला का अंतिम संस्कार किया.

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ में कोरोना से हालात कितने भयावह हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शवों को अंतिम संस्कार तक नसीब नहीं हो रहा है. खपरिडीह गांव में एक ही परिवार के 6 लोग कोरोना संक्रमित मिले थे. जिनमें से दो लोगों की कोरोना से मौत हो गई. बेटे की मौत बिलासपुर के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई. वहीं मां ने होम आइसोलेशन में दम तोड़ दिया. अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सूचित किया. लेकिन परिवार का एक भी सदस्य मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच सका. वहीं गांव में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ परिजन और ग्रामीणों ने भी मां का शव उठाने से मना कर दिया. SDM के आदेश के बाद गांव के सरपंच और पंचों ने महिला का अंतिम संस्कार किया.

कोरोना से एक ही परिवार के दो लोगों की मौत

कोरोना की दूसरी लहर अब गांव में भी पैर पसारने लगी है. कोरोना की चपेट में आने से ग्राम खपरिडीह में मां-बेटे की मौत हो गई. ग्रामीणों के अनुसार ग्राम खपरिडीह निवासी नागेश दास रायपुर में किसी कंपनी में इलेक्ट्रीशियन का काम करता था. वह होली मनाने घर आया हुआ था. इसी बीच उसकी तबीयत खराब हुई. उसे बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. परिवार के अन्य लोगों की भी कोरोना जांच कराई गई. परिवार के अन्य 5 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. सभी का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा था.

अस्पताल के सामने बेबस बेटे ने चीखकर कहा-'मेरे पिता मर जाएंगे तब उनका इलाज होगा क्या ?'

इसी बीच बिलासपुर के निजी अस्पताल में भर्ती व्यक्ति की मौत हो गई. परिजनों को सूचित कर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. एक सप्ताह के अंदर उसकी माता की भी मौत हो गई. जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने मृतक महिला का अंतिम संस्कार नहीं और न ही ग्रामीणों ने शव को हाथ लगाया.

स्वास्थ्य विभाग ने किए हाथ खड़े

महिला की मौत की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने घंटो तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. अंत में SDM ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश भी दिए. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी दरवाजे पर सिर्फ 4 नग पीपीई किट छोड़ कर वापस लौट गया. नियमानुसार कोरोना से मौत होने पर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि वह कोरोना गाइडलाइन के तहत मृतक का अंतिम संस्कार कराए. लेकिन ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला.

गांव के जनप्रतिनिधियों ने किया अंतिम संस्कार

कोरोना का डर ऐसा है कि ग्रामीण और परिजन भी शव उठाने से डर रहे हैं. वहीं कसडोल SDM को जब इस पूरे मामले की सूचना दी गई तो SDM ने गांव के सरपंच और पंचों को अंतिम संस्कार करने के आदेश दिए. जिसके बाद गिधौरी पुलिस और गांव के जनप्रतिनिधियों ने पीपीई किट पहनकर महिला का अंतिम संस्कार किया.

Last Updated : Apr 17, 2021, 2:05 PM IST
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