बलौदाबाजार : सहकारी समिति के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है साथ ही मांगें पूरी नहीं होने पर 23 दिसंबर को एक दिवसीय सांकेतिक प्रदर्शन करने की बात कही है. धान खरीदी के समय कर्मचारियों पर पड़ने वाले दबाव को लेकर कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे थे.
ये हैं मांगें
- धान उपार्जन केंद्रों में कार्यरत कर्मचारियों पर दर्ज FIR तत्काल वापस ली जाए.
- शासन-प्रशासन के धान खरीदी के निरीक्षण करते समय धान खरीदी में संलग्न कर्मचारियों को मानसिक शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, जिसे बंद किया जाए.
- धान खरीदी में शासन के कर्मचारी कृषि विभाग और राजस्व विभाग को ही धान खरीदी का प्रभारी बनाकर पूरी जवाबदारी दी जाए या उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, जिनके मार्ग निर्देशन में धान खरीदी और सहायक कर्मचारी के रूप में समिति के कर्मचारी से कार्य लिया जाए.
- बफर लिमिट खत्म कर 72 घंटे के अंदर अनिवार्य रूप से परिवहन किया जाए.
- धान खरीदी में संलग्न कार्यरत कर्मचारियों के ऊपर तत्काल बिना जांच के कोई कार्रवाई न की जाए.
- धान खरीदी में संलग्न कार्यरत कर्मचारियों के साथ निरीक्षण के दौरान दुर्व्यवहार और अभद्र बर्ताव न किया जाए.
- केंद्र प्रभारी के फंड की स्थिति अनुसार जो स्टॉकिंग किया जा रहा है उन्हें मान्य किया जाए.
- धान खरीदी में कर्मचारियों को 24 घंटे तक भी काम करना पड़ता है, जिसमें जमीनी स्तर पर गलतियां होना स्वभाविक है, जिसके आधार पर कर्मचारियों की बात और पक्ष सुने बिना सीधी कार्रवाई न की जाए.
- धान खरीदी में निरीक्षण के दौरान प्रतिदिन खरीदी के अंतिम खरीदी दर्ज के अनुसार मिलान किया जाए.
- शासन द्वारा धान उपार्जन केंद्र में प्रासंगिक व्यय 9 और सुरक्षा अध्याय 3 रुपए प्रति क्विंटल की दर से लगभग 8 -10 वर्षों से दी जा रही है, वर्तमान में महंगाई को देखते हुए प्रासंगिक और सुरक्षा व्यय में भी वृद्धि की जाए.