बलौदाबाजार: देश में कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) की चर्चाएं तेज हो रही है. यह तीसरी लहर कब आएगी ये कहना तो मुश्किल है, लेकिन इस तीसरी लहर से सबसे ज्यादा बच्चों के लिए खतरा बताया जा रहा है. बलौदाबाजार जिले में भी तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां चल रही है. जिसके लिये स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है. लेकिन इन सबके बावजूद सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि जिले में लगभग 4 लाख बच्चे हैं. लेकिन बच्चों के डॉक्टर की संख्या केवल 4 है. ऐसे में 1 लाख बच्चों पर सिर्फ 1 डॉक्टर चिंता का विषय है. हालांकि प्रशासन जिले में डॉक्टरों की कमी (shortage of doctors) को पूरी करने की बात कह रहा है. लेकिन कब तक होगा यह स्पष्ट नही है.
जिले में बच्चों के डॉक्टर की कमी
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बहुतो ने अपनो को खोया है. दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है कि तीसरी लहर की चर्चाएं होने लगी है. कोरोना की तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित करेगी. लेकिन इन सबके बीच बलौदाबाजार जिले की बात करें तो जिले में बच्चों के डॉक्टर की कमी (paediatrician shortage) तो है ही. साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की कमी (shortage of health workers) है. जिले में बच्चे के 4 डॉक्टर है. जिसमें से 3 शासकीय अस्पताल में और 1 बिलाईगढ़ में है. जिले में 3 प्राइवेट डॉक्टर हैं जिनसे जरूरत पड़ने पर मदद लेने की बात कही जा रही है.
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने तमाम तैयारियां पूरी
कोरोना के तीसरी लहर (third wave of corona)से निपटने जिला प्रशासन तैयारियां कर रही है. कलेक्टर सुनील कुमार जैन (Collector Sunil Kumar Jain) ने बताया कि जिले में कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) से निपटने सभी तैयारियां पहले ही पूरी कर ली है. उन्होंने बताया कि ऐसा आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे. इसके लिए बच्चों के अलग से वार्ड बनाए है. साथ ही बच्चों के लिए अलग से 10 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. जिले में बच्चों के लिए 4 डॉक्टर है. जरूरत पड़ने पर निजी डॉक्टर की मदद भी ली जाएगी. हालांकि जिले में बच्चों के डॉक्टरों की कमी है. जिसके लिए संविदा भर्ती के लिए विज्ञापन भी निकाला गया है. सभी को समय से पहले प्रशिक्षण देकर ड्यूटी पर लगाया जाएगा.
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जिला अस्पताल व नए कोविड अस्पताल में भी लगेगा ऑक्सीजन प्लांट
कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मारामारी ऑक्सीजन oxygen)की हुई है. जिसे देखते हुए जिला मुख्यालय स्थित डेडिकेटेड कोविड केअर हॉस्पिटल (Dedicated covid Care Hospital) में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है. साथ ही जिला अस्पताल में भी आक्सीजन प्लांट (oxygen plant) लागाया जाएगा. इसके अलावा जिला मुख्यालय में बनाए गए नए 500 बिस्तर वाले कोविड अस्पताल (covid hospital) में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है. जिसके चलते जिले में कोरोना मरीज के साथ-साथ अन्य मरीजों को ऑक्सीजन की कमी न रहे.
जिले में कुल मरीजों में 12 प्रतिशत मरीज 18 साल से कम के हैं : CMHO
हालांकि कोरोना मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है लेकिन चिंता की बात यह है कि कुल एक्टिव मरीज में 10 से 12 प्रतिशत मरीज बच्चे है. CMHO ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर में निश्चित ही बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है. जिसके लिए जिला स्तर और तमाम तैयारियां पूरी कर ली गयी है. जिले में बच्चों के इलाज के लिए पर्याप्त बेड की व्यवस्था की गयी है. साथ ही अलग से 10 वेंटिलेटर भी रखे गए है. बच्चो के उपचार के लिए जिले में 4 बच्चो के डॉक्टर है. हालांकि यह कम है इनके लिए भी सरकार से बच्चों के डॉक्टर की मांग की गई है. स्वास्थकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है. तीसरी लहर से निपटने जिले में तमाम तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है.
जिले में अभी भी 800 के करीब कोरोना मरीज अभी एक्टिव है. जिनका इलाज किया जा रहा है. चिंता की बात ये है की इसमें से 100 के करीब बच्चे हैं. जिसके लिए जिले में पर्याप्त डॉक्टर नहीं है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन तीसरी लहर से निपटने तमाम तैयारियों का हवाला दे रहे हैं. लेकिन जिले में बच्चों के डॉक्टर की कमी से हालात से कैसे निपटा जाएगा ये विचार करने का विषय अब भी है.