बलौदाबाजार: कसडोल जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत बोरसी के ग्राम बकला में इन दिनों ग्रामीण गर्मी के पहले ही पानी की भीषण समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों के पास निस्तारी के लिए एक छोटा सा तालाब है जिसमें इंसान और जानवर एक साथ नहाते हैं, गंदगी और कीचड़ से भरे इस तालाब में अभी से ही महज घुटनों तक पानी बचा है लिहाजा साफ है कि गर्मी के दिन आते-आते जल स्तर और भी नीचे जाएगा.
लगभग 300 की आबादी वाले इस गांव में तालाब के सूख जाने से गर्मी के दिनों में हालात और ज्यादा खराब हो जाते हैं.
सरकार बदली लेकिन हालात जस के तस
कसडोल जनपद क्षेत्र के बकला गांव में पानी की समस्या पिछले कई सालों से है. पिछले कई दशकों में सरकार बदली लेकिन ग्रामीणों की मुसीबतें और हालात नहीं बदले. बकला गांव में एक बांध है जो पिछले पांच सालों से फूटा हुआ है, जिसकी वजह से बारिश का पानी व्यर्थ ही बह जाता है और ग्रामीणों को इसका लाभ भी नहीं मिल पाता है.
कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों ने बांध को बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर कई बार शिकायत की लेकिन विभागीय अधिकारियों ने सुध नहीं ली. वहीं अब ग्रामीण चाहते हैं कि 'अगर इस बांध को नहीं बनाया जाता है तो कम से कम वर्तमान में गांव में जो छोटा सा तालाब है उसको ही और गहरा कर दिया जाए ताकि पानी की समस्या का कुछ हद तक निराकरण हो सके.'
चौदहवें वित्त आयोग की राशि का भी नहीं मिला लाभ
छत्तीसगढ़ में गांवों के विकास के लिए पंचायत स्तर पर राशि दी जाती है और चौदहवें वित्त आयोग की राशि भी सरकार की तरफ से गांवों में पेयजल और पानी की आपूर्ति के लिए ही दिया जाता है, लेकिन इन सब के बावजूद भी गांव में पानी की समस्या बनी हुई है.
ग्रामीणों को सरकार से उम्मीद
ग्रामीणों को अब छत्तीसगढ़ सरकार की नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी योजना से उम्मीद है. अब देखना होगा कि सरकार कब तक ग्रामीणों की समस्या दूर कर पाती है.