बालोद : युवा बेरोजगार हेयर कटिंग सैलून के संचालक भूपेंद्र कौशिक इन दिनों पूरे बालोद जिले में छाए हुए हैं. पढ़ाई लिखाई करने के बाद भूपेंद्र ने नौकरी की खूब तलाश की.लेकिन किस्मत के आगे एक ना चली.वो सिर्फ एक टैग लिए पूरा जीवन जी रहा था. वो टैग था बेरोजगारी का. भूपेंद्र ने काफी लंबे समय तक 2500 रूपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता का इंतजार भी किया.क्योंकि प्रदेश सरकार ने बेरोजगारी भत्ता का वादा किया था. लेकिन वादा तो वादा ही है. ना जाने कब पूरा होता,शायद भूपेंद्र ये जान चुका था कि युवा से बुजुर्ग होते देर नहीं लगेगी.इसलिए चुपचाप काम पकड़ लो.
सैलून खोलने का किया फैसला : 25 सौ रुपए बेरोजगारी भत्ता तो नहीं मिला लेकिन सिर पर 25 सौ जिम्मेदारियां जरूर आ गई. मरता क्या ना करता.लिहाजा भूपेंद्र ने कंघी कैची उठाई और वो व्यवसाय करने का फैसला किया जो बाप दादा से विरासत में मिली है. भूपेंद्र ने अपने क्षेत्र में एक सैलून खोला लेकिन बात सिर्फ सैलून खोलने तक की नहीं थी.सैलून में भूपेंद्र को अपनी भड़ास भी दिखानी थी.इसलिए इस सैलून का नाम रखा गया युवा बेरोजगार हेयर कटिंग सैलून.
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सैलून बना चर्चा का विषय : युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष टुमन साहू ने बताया कि ''गांव का सैलून काफी चर्चा का केंद्र बना हुआ है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि '' यहां पर एक तो सरकार पहले वादा करती है फिर वादे से मुकरती है. जब उसका सिंहासन डोल रहा है तब शासन को बेरोजगारों का ख्याल आ रहा है. हमें पता है कि वही रटा रटाया जवाब मिलेगा कि हम समिति बनाएंगे जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. तब तक उनका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और युवा बेरोजगार हमेशा की तरह ठगा जाएगा.युवा बेरोजगार ने आज अपने सलून का नाम युवा बेरोजगार रखा है इस बात का परिचायक है कि प्रदेश सरकार की नीतियों से सभी युवा बेरोजगार खासे परेशान हैं. विधानसभा चुनाव में इसका परिणाम उन्हें देखने को मिलेगा.आज स्वरोजगार अपनाकर यह युवा बेरोजगार अपना जीवन यापन तो कर पा रहा है.सरकार से तो कोई उम्मीद नहीं बची.''