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बालोद में RSS ने मनाया विजयादशमी पर्व और स्थापना दिवस

बालोद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कोरोना की गाइडलाइन के तहत विजयादशमी का पर्व मनाया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बालोद नगर के संघ चालक लीलाधर साहू और मुख्य वक्ता के रूप में महेश विनपाल मौजूद रहे.

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Published : Oct 25, 2020, 4:57 PM IST

RSS celebrated Vijayadashami
RSS ने मनाया विजयादशमी पर्व

बालोद: शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महाराणा प्रताप शाखा में विजयादशमी का पर्व मनाया गया. हर साल की तरह इस साल भी स्वयंसेवकों ने विजयादशमी उत्सव और संघ स्थापना दिवस कोरोना की गाइडलाइन के तहत मनाया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बालोद नगर के संघ चालक लीलाधर साहू और मुख्य वक्ता के रूप में महेश विनपाल मौजूद रहे.

सभी स्वयंसेवकों ने उत्सव की शुरुआत शस्त्र पूजा के साथा की. जिसके बाद मुख्य वक्ता ने अपने भाषण में कह कि आरएसएस की स्थापना सन 1925 में विजयादशमी के दिन संघचालक केशव बलिराम हेडगेवार के द्वारा की गई थी. वह बाल रूपी बीज आज वट वृक्ष बन गया है. संघ ने सेवा के क्षेत्र में अनेकों काम किए हैं. लोगों के मन में राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार किया है. विजय दशमी को शस्त्र पूजा इसलिए की जाती है, क्योंकि आज ही के दिन महाभरत में पाण्डवों ने 12 साल के अज्ञातकाल के बाद वृक्ष की पूजा के बाद अपने हथियारों को फिर से प्राप्त किया था.

पढ़ें- कोरोना को लेकर बोले भागवत- देश में हुआ कम नुकसान

सुख समृद्धि की प्रार्थना

आरएसएस के स्वयंसेवकों ने अंत में राज्य, देश और जिले की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की. स्वयंसेवकों ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म हो ऐसी प्रार्थना हमने ईश्वर से की है. हमारा देश कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपनी संस्कृतियों को नहीं निभा पा रहा है. यदि यह वायरस नहीं होता तो हमारे जीवन में पहले की तरह खुशियां होती और उत्सवों को धूमधाम से मना पाते.

बालोद: शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महाराणा प्रताप शाखा में विजयादशमी का पर्व मनाया गया. हर साल की तरह इस साल भी स्वयंसेवकों ने विजयादशमी उत्सव और संघ स्थापना दिवस कोरोना की गाइडलाइन के तहत मनाया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बालोद नगर के संघ चालक लीलाधर साहू और मुख्य वक्ता के रूप में महेश विनपाल मौजूद रहे.

सभी स्वयंसेवकों ने उत्सव की शुरुआत शस्त्र पूजा के साथा की. जिसके बाद मुख्य वक्ता ने अपने भाषण में कह कि आरएसएस की स्थापना सन 1925 में विजयादशमी के दिन संघचालक केशव बलिराम हेडगेवार के द्वारा की गई थी. वह बाल रूपी बीज आज वट वृक्ष बन गया है. संघ ने सेवा के क्षेत्र में अनेकों काम किए हैं. लोगों के मन में राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार किया है. विजय दशमी को शस्त्र पूजा इसलिए की जाती है, क्योंकि आज ही के दिन महाभरत में पाण्डवों ने 12 साल के अज्ञातकाल के बाद वृक्ष की पूजा के बाद अपने हथियारों को फिर से प्राप्त किया था.

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सुख समृद्धि की प्रार्थना

आरएसएस के स्वयंसेवकों ने अंत में राज्य, देश और जिले की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की. स्वयंसेवकों ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म हो ऐसी प्रार्थना हमने ईश्वर से की है. हमारा देश कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपनी संस्कृतियों को नहीं निभा पा रहा है. यदि यह वायरस नहीं होता तो हमारे जीवन में पहले की तरह खुशियां होती और उत्सवों को धूमधाम से मना पाते.

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