बालोद: छत्तीसगढ़ शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर जिला कर्मचारी फेडरेशन ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन पिछले 2 दिनों से धरने पर बैठे हैं. सभी कर्मचारी छुट्टी लेकर आंदोलन पर बैठे हैं. कर्मचारी फेडरेशन का कहना है कि वे अपनी मांगों को शासन के सामने रखते तो हैं, लेकिन शासन और प्रशासन उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं देता.
ये हैं कर्मचारी फेडरेशन की मांग
- सभी कर्मचारियों के वेतन से संबंधित समस्या का तत्काल निराकरण किया जाए.
- स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1 महीने का अतिरिक्त वेतन दिया जाए.
- कोरोना संक्रमण से मृतक कर्मचारी के आश्रित परिवार को 50 लाख का अनुदान और योग्यता अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दी जाए.
- जुलाई 2020 में मिलने वाली वेतन वृद्धि तत्काल बहाल किया जाए और सातवें वेतनमान का एरियर्स दिया जाए.
- सभी कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से पहले का 5% महंगाई भत्ता दिया जाए
- अनुकंपा नियुक्ति पर लगी रोक हटाई जाए साथ ही लंबित अनुकंपा नियुक्ति का निराकरण करते हुए 1 महीने में नियुक्ति की जाए.
- सभी विभाग में लंबित पद पर पदोन्नति, क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान का फायदा दिया जाए.
- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित पदस्थापना में पदस्थ कर नियमित कर्मचारियों की तरह ही व्यवस्थाएं दी जाए.
- करोना में पीड़ित कर्मचारी और उनके आश्रित सदस्य के इलाज के लिए सभी विभागों में विशेष राशि आवंटन की जाए.
- कर्मचारी को रोस्टर बार उपस्थिति किया जाएगा
पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग
11वीं और अंतिम मांग के रूप में सभी कर्मचारियों ने प्रमुखता से छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना के बहाली की मांग की है. सरकार की ओर से पुरानी पेंशन प्रणाली को बंद कर दिया गया है. जिसको शुरू करने को लेकर काफी दिनों से मांग चल रही है. इस बार भी पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग को प्रमुखता से रखा जा रहा है. पुरानी पेंशन बहाली के संदर्भ में इनका कहना है कि यदि यह योजना शुरू की जाती है तो आजीवन वह कर्मचारी सुरक्षित महसूस करेंगे.