बालोद : हाईवे से सटे ढाबों में शराब परोसना अपराध है.क्योंकि शराब के सेवन के बाद गाड़ी चलाने से हादसों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. लेकिन बालोद में कुछ ढाबों में अफसरों का नाम लेकर शराब की बिक्री की जा रही है.ढाबा संचालक अफसरों से पहचान बताकर बिना डरे शराब परोस रहे हैं. चिरचारी से शुरू होकर भरदा के दो ढाबों पर शराब परोसे जाने के आरोप लग रहे हैं.
नहीं हो रही है कार्रवाई : आबकारी विभाग का दौरा इन ढाबों में होता रहता है.लेकिन शराब की अवैध बिक्री के खिलाफ कोई असर नहीं होता. ये दोनों ढाबे जिस पंचायत क्षेत्र में आते हैं वहां के सरपंच ने शिकायत भी की है.लेकिन अब तक पुलिस या आबकारी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
ढाबों में शराब बेचने और परोसे जाने की सूचना काफी लंबे समय से आ रही है. सबसे ज्यादा भरदा में संचालित दो ढाबों ने की है. इसको लेकर जल्द ही ज्ञापन सौंपा जाएगा. यदि शराब परोसा जाना बंद नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा. -आदित्य पीपरे, जिलाध्यक्ष भाजयुमो
धमतरी से लाई जाती है शराब : भरदा में संचालित दोनों ढाबों में जमकर शराब परोसी जाती है. ऐसा प्रतीत होता है मानो नियम कानून को ये ढाबा संचालक जेब में लेकर चल रहे हैं. शराब परोसने के बाद ये ढाबा संचालक भोले भाले ग्राहकों के साथ बदतमीजी करते हैं.भरदा में संचालित ढाबे में बड़े काले बैग में सैंकड़ों की संख्या में देशी और अंग्रेजी शराब की खरीदी कर खपाई जाती है.अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके कारण दोनों ढाबा संचालकों के हौंसले बुलंद हैं.
शराब नहीं पिलाने के नाम पर ली थी NOC : भरदा के सरपंच रोहित निषाद के मुताबिक ढाबा संचालकों ने गांव का माहौल खराब कर दिया है.एक ढाबा पड़ोसी गांव धनोरा क्षेत्र में आता है.जिसके सरपंच ने कहा कि शराब नहीं बेचने और परोसने के नाम पर एनओसी दी गई थी.लेकिन अब नियमों का उल्लंघन हो रहा है.
ढाबा संचालक को शराब बेचने पर नोटिस दिया गया था.जिसकी सूचना थाने में भी दी गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. -तामेश्वरी साहू, सरपंच धनोरा
आबकारी विभाग के उप निरीक्षक आसाराम शाक्य ने भी दोनों ढाबों के खिलाफ शिकायत की बात मानी है.लेकिन सिर्फ निरीक्षण की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया गया.वहीं पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई की बात कही है.
आपके माध्यम से जानकारी मिली है जांच की जाएगी यदि कुछ गलत पाया जाता है तो कार्रवाई अवश्य की जाएगी. - सुनील कुमार नायक, एएसपी बालोद
ढाबों में शराब परोसकर गांव का माहौल खराब करने की ये कोई पहली घटना नहीं है.ऐसे में मामलों कार्रवाई करने वाले विभाग की उदासीनता सामने आती है.क्योंकि पंचायतों के लिखित आवेदन के बाद भी शराब बेची जा रही है.ऐसी अंधेरगर्दी कहीं और देखने को नहीं मिलेगी.अब देखना है कि आश्वासन के बाद पुलिस दोनों ढाबा संचालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है.