ETV Bharat / state

Balod : गुरुर नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने बचाई कुर्सी, बीजेपी में नहीं दिखी एकजुटता - गुरुर नगर पंचायत में सियासी ड्रामा

गुरुर नगर पंचायत में उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर चुका है. नगर पंचायत उपाध्यक्ष के पक्ष में 7 और विपक्ष में 6 मत पड़े. जिसके कारण उपाध्यक्ष की कुर्सी बच गई.

Nagar Panchayat Vice President saved his chair
गुरुर नगर पंचायत में सियासी ड्रामा
author img

By

Published : May 15, 2023, 4:19 PM IST

बालोद : गुरुर नगर पंचायत में अध्यक्ष को गिराने के समय एकजुटता दिखाने में बीजेपी पूरी तरह फेल हुई थी. दूसरी बार उपाध्यक्ष के मामले में भी यही हुआ. बीजेपी पार्षद मुकेश साहू ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ निष्कासन की अनुशंसा की जा रही है.लेकिन पहले उनका निष्कासन किया जाए, जो बीजेपी के पार्षद कांग्रेस में शामिल हुए हैं.


इस मामले में संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि '' यह मेरे गृह नगर का मामला है. गुरुर में नफरत की दुकान बंद हुई है. अब हम प्रेम फैलाने निकले हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी लगातार नफरत फैलाने और नगर में विकास रोकने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. लेकिन कांग्रेस अटूट है. उसका ध्यान केवल नगर के विकास के लिए है. आज यह साबित भी हो गया. भाजपा को आगे ध्यान रखना चाहिए कि नफरत फैलाना बंद करें शहर के विकास में मिलकर योगदान करें.''

मतदान में बीजेपी पार्षद रहे गैरहाजिर : बालोद जिले के गुरुर नगर पंचायत में 11 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई. लेकिन बीजेपी का एक पार्षद मतदान में शामिल नहीं हुआ. इसके साथ ही पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू भी नदारद रही. कांग्रेस से जीतकर नगर पंचायत अध्यक्ष बनी टिकेश्वरी साहू के लिए तो भारतीय जनता पार्टी जिला और मंडल संगठन ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था. लेकिन अध्यक्ष भी बीजेपी के समर्थन को लेकर सामने नहीं आ पाई. लिहाजा भारतीय जनता पार्टी का उपाध्यक्ष को गिराने का यह प्रयास असफल रहा. इस तरह 7 मत उपाध्यक्ष के समर्थन में 6 विपक्ष में पड़े. जबकि 2 पार्षद अनुपस्थित रहे.

निष्कासन की अनुशंसा : गुरुर मंडल के अध्यक्ष कौशल साहू से जब इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि" जो बीजेपी पार्षद अनुपस्थित था .वही एक कारण है हमारी हार का.हम उसके निष्कासन के लिए अनुशंसा कर रहे हैं". आपको बता दें कि इसी मंडल अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के समय यह कहा था कि मुझे जानकारी नहीं है पार्षदों से पूछा जाए. वहीं खुद को मामले से अनभिज्ञ भी बताया था .अब उन्होंने ही एक पार्षद के निष्कासन की अनुशंसा करने की बात कही है. वहीं नगर पंचायत के पार्षद मुकेश साहू ने भी मंडल अध्यक्ष के इस कथन का जवाब दिया है. पार्षद मुकेश साहू के मुताबिक पार्षदों की ना बैठक हुई, ना ही उन्हें एकजुट करने का प्रयास किया गया. नेता प्रतिपक्ष चिंता साहू ने मनमानी की . वो केवल तीन महिला पार्षदों के साथ चलते हैं.किसी दूसरे की नहीं सुनते.


भले ही बीजेपी हार का ठीकरा पार्षद के सिर फोड़ रही हो,लेकिन हकीकत यही है कि पार्षद की उपस्थिति और गैरहाजिरी को मिलाकर भी उपाध्यक्ष को पद से नहीं हटाया जा सकता था. क्योंकि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पास करने के लिए 9 मतों की जरुरत थी. जबकि उसकी ओर से 6 मत ही पड़े थे. ऐसे में दो और आने पर संख्या 8 तक ही पहुंचती.

बालोद : गुरुर नगर पंचायत में अध्यक्ष को गिराने के समय एकजुटता दिखाने में बीजेपी पूरी तरह फेल हुई थी. दूसरी बार उपाध्यक्ष के मामले में भी यही हुआ. बीजेपी पार्षद मुकेश साहू ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ निष्कासन की अनुशंसा की जा रही है.लेकिन पहले उनका निष्कासन किया जाए, जो बीजेपी के पार्षद कांग्रेस में शामिल हुए हैं.


इस मामले में संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि '' यह मेरे गृह नगर का मामला है. गुरुर में नफरत की दुकान बंद हुई है. अब हम प्रेम फैलाने निकले हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी लगातार नफरत फैलाने और नगर में विकास रोकने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. लेकिन कांग्रेस अटूट है. उसका ध्यान केवल नगर के विकास के लिए है. आज यह साबित भी हो गया. भाजपा को आगे ध्यान रखना चाहिए कि नफरत फैलाना बंद करें शहर के विकास में मिलकर योगदान करें.''

मतदान में बीजेपी पार्षद रहे गैरहाजिर : बालोद जिले के गुरुर नगर पंचायत में 11 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई. लेकिन बीजेपी का एक पार्षद मतदान में शामिल नहीं हुआ. इसके साथ ही पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू भी नदारद रही. कांग्रेस से जीतकर नगर पंचायत अध्यक्ष बनी टिकेश्वरी साहू के लिए तो भारतीय जनता पार्टी जिला और मंडल संगठन ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था. लेकिन अध्यक्ष भी बीजेपी के समर्थन को लेकर सामने नहीं आ पाई. लिहाजा भारतीय जनता पार्टी का उपाध्यक्ष को गिराने का यह प्रयास असफल रहा. इस तरह 7 मत उपाध्यक्ष के समर्थन में 6 विपक्ष में पड़े. जबकि 2 पार्षद अनुपस्थित रहे.

निष्कासन की अनुशंसा : गुरुर मंडल के अध्यक्ष कौशल साहू से जब इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि" जो बीजेपी पार्षद अनुपस्थित था .वही एक कारण है हमारी हार का.हम उसके निष्कासन के लिए अनुशंसा कर रहे हैं". आपको बता दें कि इसी मंडल अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के समय यह कहा था कि मुझे जानकारी नहीं है पार्षदों से पूछा जाए. वहीं खुद को मामले से अनभिज्ञ भी बताया था .अब उन्होंने ही एक पार्षद के निष्कासन की अनुशंसा करने की बात कही है. वहीं नगर पंचायत के पार्षद मुकेश साहू ने भी मंडल अध्यक्ष के इस कथन का जवाब दिया है. पार्षद मुकेश साहू के मुताबिक पार्षदों की ना बैठक हुई, ना ही उन्हें एकजुट करने का प्रयास किया गया. नेता प्रतिपक्ष चिंता साहू ने मनमानी की . वो केवल तीन महिला पार्षदों के साथ चलते हैं.किसी दूसरे की नहीं सुनते.


भले ही बीजेपी हार का ठीकरा पार्षद के सिर फोड़ रही हो,लेकिन हकीकत यही है कि पार्षद की उपस्थिति और गैरहाजिरी को मिलाकर भी उपाध्यक्ष को पद से नहीं हटाया जा सकता था. क्योंकि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पास करने के लिए 9 मतों की जरुरत थी. जबकि उसकी ओर से 6 मत ही पड़े थे. ऐसे में दो और आने पर संख्या 8 तक ही पहुंचती.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.