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भूपेश बघेल ने साधा धर्मगुरू कालीचरण पर निशाना, कहा- हाफ पैंट नहीं रहा भारत का संस्कार

बालोद पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर से धर्गगुरू कालीचरण पर निशाना साधा. कालीचरण ने एक कार्यक्रम के बीच ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर विवादित बयान (Controversial statement on Father of the Nation Mahatma Gandhi) दे दिया. जिसके बाद धर्मगुरू कालीचरण के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. भूपेश बघेल डोंडी लोहारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम गोडमर्रा किसान सम्मेलन (Godmarra Kisan Sammelan) में शामिल होने गए थे.

Bhupesh Baghel at the farmers' conference of Godmarra
गोडमर्रा के किसान सम्मेलन में भूपेश बघेल
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Published : Dec 28, 2021, 6:23 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 7:49 PM IST

बालोदः बालोद के डोंडी लोहारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम गोडमर्रा में किसान सम्मेलन (Kisan Sammelan in Godmarra) का आयोजन हुआ. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा का अनावरण (Rajiv Gandhi statue unveiled) किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आयोजकों को बधाई दी. कहा कि आज राजीव के मूर्ति अनावरण का शुभ दिन है.

गोडमर्रा के किसान सम्मेलन में भूपेश बघेल

भूपेश बघेल ने कहा कि 28 दिसंबर को कांग्रेस का स्थापना दिवस है. यह हमारे लिए एक बड़ा दिन है. कांग्रेस की स्थापना उस समय हुआ, जब देश में अंग्रेजों की सरकार थी. आम जनता की आवाज बन कर कांग्रेस सामने आई. आजादी की लड़ाई मात्र कांग्रेस का इतिहास नहीं, बड़े-बड़े महापुरुषों का योगदान है.


कालीचरण के विवादित बयान की निंदा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने धर्मगुरू कालीचरण के विवादित बयान की निंदा की. कहा कि बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया था. स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. यह वो कांग्रेस महात्मा गांधी की है, जिसे हम राष्ट्रपिता कहते हैं. उनके नेतृत्व में देश को आजादी मिला. महात्मा गांधी ने किसानों के लिए छोटे नागपुर में लड़ाई लड़ी. यहां सरदार पटेल के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी गई. पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में किसानों की लड़ाई लड़ी गई. कांग्रेस ने किसानों को सम्मान देने के लिए लड़ाई लड़ी. हथकरघा को आगे बढ़ाने के लिए महात्मा गांधी ने लड़ाई लड़ी और उसका परिणाम भी मिला.


श्रम से घृणा करने वाले गोडसे ने गांधी को मारी गोली
भूपेश बघेल ने कहा कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या बिड़ला हाउस में कर दी गई. उन्होंने कहा कि कुछ सिरफिरे आए थे. मैंने सोचा भक्ति रस की चर्चा होगी. एक घृणित उद्देश्य से उस धर्म संसद में महात्मा गांधी का अपमान (Insult of Mahatma Gandhi in the Parliament of Religions) किया गया. गांधी जी ने सब सुविधा को छोड़कर, सब त्याग कर देश की एकता-अखंडता के लिए लड़ाई लड़ी. तीन गोली खाने के बाद भी हे राम कह कर जीवन त्याग दिया. उनका अपमान और घृणित विचारधारा के व्यक्ति हत्यारे नाथू राम गोडसे के जयकारे लगाए गए. ये गुरु घासीदास की धरती है. यहां मनखे-मनखे एक समान का नारा दिया गया. ये कबीर की धरती है.

FIR के बाद कालीचरण का चैलेंज : गांधी को गाली दी अफसोस नहीं मृत्युदंड भी स्वीकार, गोडसे को मेरा साष्टांग प्रणाम

हाफ पैंट नहीं रहा है भारत का संस्कार
छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि हाफ पैंट पहन, काली टोपी लगाकर चलने वाले हिटलर और मुसोलिनी इनका आदर्श है. ये गांधी को क्या मानेंगे? हाफ पैंट कभी भारत का संस्कार नहीं रहा है. आज बीजेपी के खिलाफ बोल दो तो धर्म विरोधी और जो मोदी शाह के खिलाफ बोले तो राष्ट्र विरोधी. हम श्रम का सम्मान करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. जब देश में खाने की व्यवस्था नहीं थी तब लाल रंग का गेहूं अमेरिका से आया था. इंदिरा गांधी ने दुखी मन से याचना की थी कि हरित क्रांति होना चाहिए. जिसके बाद से खेत देने का काम शुरू हुआ. सिंचाई का काम हुआ. इसके बाद से इतना अनाज उत्पादन होता है कि तीन साल भी सूखा पड़े तो कोई भूख से नहीं मरेगा.

पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव: सीएम बघेल ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर उठाए सवाल

केंद्र नहीं दे पा रही अनाज का दाम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा की दिल्ली बॉर्डर पर डेढ़ साल से किसान बैठे थे. वे किसानों को अनाज का उचित मूल्य नहीं दे पाए. हमारे यहां राज्य में किसानों को सब मिला है. समर्थन मूल्य 1940 से 1960 हो गया है. समय के साथ छत्तीसगढ़ में सबको लाभ मिल रहा है. केंद्र तो सांसदों को तनख्वाह नहीं दे पा रही थी. किसानों के लिए हम हर संभव काम कर रहे हैं.

बालोदः बालोद के डोंडी लोहारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम गोडमर्रा में किसान सम्मेलन (Kisan Sammelan in Godmarra) का आयोजन हुआ. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा का अनावरण (Rajiv Gandhi statue unveiled) किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आयोजकों को बधाई दी. कहा कि आज राजीव के मूर्ति अनावरण का शुभ दिन है.

गोडमर्रा के किसान सम्मेलन में भूपेश बघेल

भूपेश बघेल ने कहा कि 28 दिसंबर को कांग्रेस का स्थापना दिवस है. यह हमारे लिए एक बड़ा दिन है. कांग्रेस की स्थापना उस समय हुआ, जब देश में अंग्रेजों की सरकार थी. आम जनता की आवाज बन कर कांग्रेस सामने आई. आजादी की लड़ाई मात्र कांग्रेस का इतिहास नहीं, बड़े-बड़े महापुरुषों का योगदान है.


कालीचरण के विवादित बयान की निंदा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने धर्मगुरू कालीचरण के विवादित बयान की निंदा की. कहा कि बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया था. स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. यह वो कांग्रेस महात्मा गांधी की है, जिसे हम राष्ट्रपिता कहते हैं. उनके नेतृत्व में देश को आजादी मिला. महात्मा गांधी ने किसानों के लिए छोटे नागपुर में लड़ाई लड़ी. यहां सरदार पटेल के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी गई. पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में किसानों की लड़ाई लड़ी गई. कांग्रेस ने किसानों को सम्मान देने के लिए लड़ाई लड़ी. हथकरघा को आगे बढ़ाने के लिए महात्मा गांधी ने लड़ाई लड़ी और उसका परिणाम भी मिला.


श्रम से घृणा करने वाले गोडसे ने गांधी को मारी गोली
भूपेश बघेल ने कहा कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या बिड़ला हाउस में कर दी गई. उन्होंने कहा कि कुछ सिरफिरे आए थे. मैंने सोचा भक्ति रस की चर्चा होगी. एक घृणित उद्देश्य से उस धर्म संसद में महात्मा गांधी का अपमान (Insult of Mahatma Gandhi in the Parliament of Religions) किया गया. गांधी जी ने सब सुविधा को छोड़कर, सब त्याग कर देश की एकता-अखंडता के लिए लड़ाई लड़ी. तीन गोली खाने के बाद भी हे राम कह कर जीवन त्याग दिया. उनका अपमान और घृणित विचारधारा के व्यक्ति हत्यारे नाथू राम गोडसे के जयकारे लगाए गए. ये गुरु घासीदास की धरती है. यहां मनखे-मनखे एक समान का नारा दिया गया. ये कबीर की धरती है.

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हाफ पैंट नहीं रहा है भारत का संस्कार
छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि हाफ पैंट पहन, काली टोपी लगाकर चलने वाले हिटलर और मुसोलिनी इनका आदर्श है. ये गांधी को क्या मानेंगे? हाफ पैंट कभी भारत का संस्कार नहीं रहा है. आज बीजेपी के खिलाफ बोल दो तो धर्म विरोधी और जो मोदी शाह के खिलाफ बोले तो राष्ट्र विरोधी. हम श्रम का सम्मान करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. जब देश में खाने की व्यवस्था नहीं थी तब लाल रंग का गेहूं अमेरिका से आया था. इंदिरा गांधी ने दुखी मन से याचना की थी कि हरित क्रांति होना चाहिए. जिसके बाद से खेत देने का काम शुरू हुआ. सिंचाई का काम हुआ. इसके बाद से इतना अनाज उत्पादन होता है कि तीन साल भी सूखा पड़े तो कोई भूख से नहीं मरेगा.

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केंद्र नहीं दे पा रही अनाज का दाम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा की दिल्ली बॉर्डर पर डेढ़ साल से किसान बैठे थे. वे किसानों को अनाज का उचित मूल्य नहीं दे पाए. हमारे यहां राज्य में किसानों को सब मिला है. समर्थन मूल्य 1940 से 1960 हो गया है. समय के साथ छत्तीसगढ़ में सबको लाभ मिल रहा है. केंद्र तो सांसदों को तनख्वाह नहीं दे पा रही थी. किसानों के लिए हम हर संभव काम कर रहे हैं.

Last Updated : Dec 28, 2021, 7:49 PM IST
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