बालोद: छत्तीसगढ़ में इन दिनों स्वच्छ भारत मिशन के तहत नो प्लास्टिक यूज अभियान पर काफी फोकस किया जा रहा है. प्रदेश के कई जिलों में बर्तन बैंक खोल कर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है ताकि लोग प्लास्टिक के इस्तेमाल से परहेज करें. वहीं, बालोद की बेटी श्रद्धा साहू ने नो प्लास्टिक यूज अभियान के तहत बर्तन बैंक की शुरूआत की है.
प्लास्टिक के कारण बंजर होते जमीन को देख लिया फैसला: दरअसल, श्रद्धा साहू एक सामान्य कामकाजी महिला है. बचपन से ही श्रद्धा को प्रकृति से काफी प्रेम था. श्रद्धा की मानें तो बचपन में पेड़ की टहनियों के काटे जाने पर भी वो रो पड़ती थी. किसान परिवार से होने के कारण बचपन प्रकृति के बीच ही बीता. बचपन से पेड़ों की कटाई से प्रकृति के दोहन को देख उसे तकलीफ होती थी. प्लास्टिक के कारण बंजर होती जमीनों को देखकर, उसने निर्णय लिया कि अब वो प्रकृति को बचाने की पहल करेगी.
ऐसे शुरू हुआ श्रद्धा का बर्तन बैंक: श्रद्धा ने नो प्लास्टिक यूज के लिए 500 बर्तनों के सेट के साथ अपने मोहल्ले से स्टील बर्तन बैंक की शुरुआत की. साल 2016 में श्रद्धा ने स्टील बर्तन बैंक की नींव रखी. 500 थाली, चम्मच, गिलास के साथ बर्तन बैंक की शुरुआत की. आयोजनों में अपने बर्तन को मुफ्त में देना शुरू किया. अपने मोहल्ले से श्रद्धा के इस पहल को लोगों ने सराहा. श्रद्धा यहीं नहीं रुकी. उसने भिलाई, दुर्ग, रायपुर और बस्तर तक अपने इस मुहिम को पहुंचाया. देखते ही देखते ये अभियान व्यापक होता गया. अब पूरे प्रदेश में स्टील बर्तन बैंक की सैंकड़ों शाखाएं काम कर रही है.
"यह आइडिया वास्तविक रूप से हमारी संस्कृति से आया है. पहले के समय में स्टील के बर्तनों में खाना खाते थे. जब सार्वजनिक भोज होता था, तो लोग अपने घरों से स्टील की थाली और गिलास लेकर जाते थे. प्लास्टिक बैन को लेकर विभिन्न आयोजन होते हैं. लेकिन उन आयोजनों में भी प्लास्टिक का बेतहाशा उपयोग होता है. यह किसी मुहिम के साथ न्याय बिलकुल भी नहीं हो सकता. इसके साथ न्याय तब होगा जब हम अपने आप से इसकी शुरुआत करेंगे."- श्रद्धा साहू
एजाज ढेबर ने अपनाई बर्तन बैंक की मुहिम: श्रद्धा की मानें तो उनके इस मुहिम को भिलाई नगर निगम, उतई नगर निगम, रिसाली नगर निगम और रायपुर नगर निगम ने अपनाया है. रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने पूरे रायपुर में 500 जगह बर्तन बैंक खोलने का फैसला लिया. बस्तर संभाग, बालोद दुर्ग, राजनांदगांव में यह पहल बहुत सफल हुई है. बालोद के नयापारा में जागेश्वरी साहू अपनी टीम के साथ मेरे अभियान को आगे बढ़ा रही है. राजनांदगांव में ओमकार साहू जी, जगदलपुर में तरुणा साहू इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं.
पत्तों के उपयोग पर फोकस: श्रद्धा स्टील बर्तन के साथ-साथ पत्तों से बने थालियों को उपयोग के लिए लोगों को प्रेरित करती हैं. वह पत्ते खेतों में जाकर खाद बनते हैं. या मवेशी खा जाते हैं. प्लास्टिक की थालियां मवेशियों से लेकर मिट्टी और पर्यावरण सबके लिए हानिकारक है. श्रद्धा का कहना है कि "प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया है. इसके बदले अब हमें प्रकृति को कचरा नहीं देना चाहिए. हमें अपने बच्चों के भविष्य के लिए प्रकृति को संरक्षित कर रखना है."
गोल्डन बुक में नाम दर्ज: श्रद्धा ने बर्तन बैंक के माध्यम से खुद के स्टील गिलास से 126 कार्यक्रम में लोगों को प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत पानी पीलाकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया है. श्रद्धा को प्रकृति के लिए शुरू की गई इस अभियान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. इन सम्मानों में शक्ति स्वरूपा सम्मान, वीरांगना सम्मान, अतुल्य शक्ति नारी सम्मान, कर्मा मैय्या सम्मान शामिल है. अब तक श्रद्धा को राज्यपाल से 4 बार सम्मान मिल चुका है.
श्रद्धा बर्तन बैंक में संपर्क के लिए कॉल करें: बर्तन बैंक में आपको अपने घर में किसी पार्टी या आयोजन के लिए बर्तनों की जरूरत हो तो किराए पर बर्तन लेने के बजाए श्रद्धा से संपर्क कर सकते हैं. बस एक कॉल पर आप मुफ्त में स्टील के बर्तन ले जा सकेंगे. हालांकि शर्त यह है कि जो बर्तन ले जाएंगे, उसको वापस करना पड़ेगा. 9131646674 नंबर पर कॉल करके आप श्रद्धा बर्तन बैंक से बर्तन ले सकते हैं.