बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के कद्दावर आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री रामविचार नेताम ने शुक्रवार को मंत्री पद की शपथ ली. रामविचार नेताम साय कैबिनेट के मंत्री बने हैं. रामविचार नेताम प्रदेश के दिग्गज नेताओं में से एक हैं. वो सियासत में आने से पहले शिक्षक हुआ करते थे. साल 1990 में वो पाल विधानसभा सीट से विधायक बने थे.
जानिए कौन हैं रामविचार नेताम: शिक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति के मैदान में उतरे रामविचार नेताम विधायक, मंत्री, राज्यसभा सांसद के बाद एक बार फिर से छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार में कैबिनेट मंत्री बने हैं. रामविचार नेताम रमन सिंह की सरकार में 2003 से लेकर 2013 तक बतौर कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. रामविचार नेताम गृहमंत्री सहित जल संसाधन पंचायत और ग्रामीण उच्च शिक्षा सहित अन्य कई मंत्रालयों का जिम्मा संभाल चुके हैं. नेताम मूलतः सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले के सनावल के रहने वाले हैं.
शिक्षक से मंत्री बनने तक का सफर: रामविचार नेताम छात्र राजनीति के दौरान विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा में सक्रिय थे. लेकिन तब उन्हें शिक्षक की नौकरी मिली थी. परिवार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए उन्होंने कुछ सालों तक नौकरी भी की. रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत चाकी के सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए वो साइकिल से जाया करते थे. लेकिन अचानक ही उन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी और सियासत में आ गए. साल 1990 में पाल विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर वो चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे.
छठवीं बार चुने गए विधायक: रामविचार नेताम ने रामानुजगंज विधानसभा सीट से छठवीं बार जीत हासिल की है. साल 1990 से लेकर 2013 तक लगातार विधायक रहे नेताम को साल 2013 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. नेताम ने एक बार फिर से साल 2023 विधानसभा चुनाव में रामानुजगंज सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी को शिकस्त देकर करीब 30 हजार वोटों के बड़े अंतर से चुनाव जीतकर छठवीं बार विधायक बने हैं.
राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं नेताम: रामविचार नेताम राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं. साल 2016 से लेकर 2022 तक राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. नेताम अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में भी उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है.