बलरामपुर: रामानुजगंज जिला कर्क रेखा पर स्थित है. इसलिए आसपास के सभी जगहों पर 21-22 जून को लोगों की परछाईं गायब हो जाती है. उत्तरी गोलार्ध में साल का एक दिन ऐसा होता है, जब आपकी परछाईं आपको नहीं दिखाई देती है. यह घटना निश्चित समय और निश्चित स्थान पर ही घटती है. बलरामपुर के पस्ता के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 343 से कर्क रेखा गुजरती है. इस पूरी घटना को नो शैडो डे या जीरो शैडो डे कहा जाता है.
साल का सबसे बड़ा दिन: नो शैडो डे साल का सबसे बड़ा दिन होता है. इस दिन सूर्य की किरणें भारत में सीधे पड़ती है, जिससे गर्मी भी बढ़ जाती है. पृथ्वी की परिधि पर 23.5 डिग्री का कोण बनाने वाली बिंदु पर खींचा गया पूर्ण वृत्तीय चाप कर्क वृत्त कहलाता है.
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क्या कहते हैं शोधकर्ता: वरिष्ठ शोधकर्ता अक्षय मोहन भट्ट ने कहा कि "आज सूर्य पृथ्वी की काल्पनिक रेखा, जिसे हम कर्क रेखा कहते हैं.. इसके ठीक लंबवत कर्क रेखा के उपर से सूर्य के गुजरने के कारण वस्तु की परछाई दोपहर में दिखाई देना बंद हो जाती है, इसे हम नो शैडो डे कहते हैं."
उत्तरी गोलार्ध में 13.33 घंटे का होता है दिन: नो शैडो डे के दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है. इस दिन की अवधि 13.33 घंटे का होती है. हालांकि कुछ जगहों पर इससे ज्यादा अवधि का दिन भी हो सकता है. अगर उत्तरी ध्रुव की तरफ जाएं तो उत्तरी ध्रुव के वृत्त में पूरे 24 घंटे का दिन रहता है. जबकि दक्षिणी ध्रुव में पूरे चौबीस घंटे की रात होती है. दक्षिणी ध्रुव पर इस दिन सूर्योदय नहीं होता है. वहीं, उत्तरी ध्रुव पर इस दिन सूर्यास्त नहीं होता.
उच्च स्तर पर रहता है तापमान: सरगुजा संभाग का बलरामपुर जिला भौगोलिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण होता है. यहां कर्क रेखा के साथ ही भारतीय स्टैंडर्ड रेखा भी गुजरती है. यह दोनों रेखाएं सुरजपुर के नजदीक एक दूसरे को काटती है, जिसे कटान बिंदु कहते हैं. 22 जून को तापमान अपने उच्च स्तर में होता है.