बलरामपुर: जिले के रामानुजगंज वन परिक्षेत्र में हाथियों के आतंक (Fear of elephants in Balrampur ) से 2 गांव खाली हो गए हैं. ग्राम पंचायत लुरगी और कनकपुर को पूरी तरह से खाली कर दिया गया है. 200 से ज्यादा लोगों को पंचायत भवन और हॉस्टल में शिफ्ट किया गया है ताकि उन्हें कोई नुकसान ना हो.
ग्रामीण इस कड़कड़ाती ठंड में हाथियों के डर के कारण परेशानियों का सामना करने को मजबूर हैं. हाथियों का दल दिन भर जंगल में ही रहता है. रात को अचानक यह दल किसी भी गांव में पहुंच कर उत्पात मचाता है.
200 से ज्यादा लोग हॉस्टल और पंचायत भवन में शिफ्ट (Balrampur many villages emptied )
वनविभाग की टीम ने जनहानि को रोकने के लिए कनकपुर और लुरगी गांव को खाली करा दिया है. यहां के 200 से ज्यादा लोगों को हॉस्टल और पंचायत भवन में शिफ्ट किया गया है. ग्रामीणों को ट्रैक्टर और दूसरी गाड़ियों से गांव के पंचायत भवन और हॉस्टल ले जाया गया. वनविभाग और जिला प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों के खाने-पीने से लेकर दूसरी चीजों की व्यवस्था की है.
Elephants terror in Balrampur: बलरामपुर में गजराज बने जान के दुश्मन, फसल को भी पहुंचाया नुकसान
हाथियों का उत्पात
झारखंड से 12 हाथियों का दल बलरामपुर पहुंचा है. ये हाथी लगातार गांव के करीब डेरा जमाए हुए हैं. हाथियों ने अबतक 8 घरों को तोड़ दिया है. फसलों को भी जमकर नुकसान पहुंचाया है. हाथियों के आतंक से ग्रामीण बेहद डरे हुए हैं. 3 जनवरी को 5-6 हाथियों का दल रामचंद्रपुर ब्लॉक के कनकपुर गांव में अचानक पहुंचा और उत्पात मचाया. रात करीब 2 बजे हाथियों ने सरसों, लहसुन की फसलों को रौंद दिया. हाथियों के दल ने गांव के शुकून यादव के घर की छप्पर को भी तोड़ दिया.
हाथियों ने 7 घरों को किया तबाह, युवक की ली जान
बलरामपुर जिले के भीतरचुरा गांव में कुछ दिनों पहले हाथियों के दल ने गाय बांधने जा रहे युवक को कुचल दिया था. 31 दिसंबर की रात में हाथियों के दल ने लुरगी गांव में रात के समय अचानक हमला कर 7 घरों को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया था. इन सभी घरों में मौजूद लोगों ने किसी तरह अपनी जान बचाई थी. यह इलाका झारखंड से लगा हुआ है.
रतजगा करने को मजबूर हैं ग्रामीण
बलरामपुर के रामानुजगंज, रामचंद्रपुर क्षेत्र में हाथियों का आतंक बढ़ गया है. हाथियों का दल दिन भर जंगल में ही रहता है. रात को अचानक यह दल किसी भी गांव में पहुंच कर उत्पात मचाता है.