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MSP में पंजीयन होने के बाद भी धान नहीं बेच पा रहा बलरामपुर का किसान - धान नहीं बेच पा रहा बलरामपुर का किसान

Balrampur Paddy Purchased : बलरामपुर में पंजीयन के बावजूद किसान समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेच पा रहा, जिसके लिए लगातार किसान अधिकारियों से गुहार लगा रहा है.

Balrampur Paddy Purchased
बलरामपुर धान खरीदी
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Published : Jan 8, 2022, 8:19 PM IST

बलरामपुरः जिले के ग्राम पंचायत ककना के किसान कृष्णा पैकरा का 800 बोरे धान का समर्पण हो चुका है. जिससे किसान अपना धान समर्थन मूल्य पर पंजीयन कराने के बावजूद बेच नहीं पा रहा है (Balrampur farmer unable to sell paddy on msp ). पीड़ित किसान कभी कभी तहसील, तो कभी SDM, तो कभी पटवारी के चक्कर काट रहा है.

छत्तीसगढ़ धान खरीदी

पटवारी पर किसान का आरोप

पीड़ित किसान के बेटे पुनित पैकरा ने बताया कि 'पिछले दिनों पटवारी उनके घर आया था. उसने उनके पिता से कुछ कागजों पर साइन कराया. पिता अशिक्षित हैं. वह पढ़ना-लिखना नहीं जानते. पेपर में साइन करने के बाद पटवारी ने कहा कि तुम्हारे धान का समर्पण हो चुका है'. तब से वे अपने एक बोरे धान को भी बेच नहीं पा रहे हैं. जबकि उन्होंने 800 बोरा धान समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन किया हुआ है. समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेच पाने से किसान पूरी तरह परेशान हो चुका है. अब वे तहसील, SDM और पटवारी के चक्कर काट रहे हैं. मदद के लिए अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों से भी गुहार लगा रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः Paddy smuggling in Balrampur: झारखंड से धान लाकर छत्तीसगढ़ में खपाने की थी तैयारी, पुलिस ने 70 बोरी अवैध धान किया जब्त

बलरामपुरः जिले के ग्राम पंचायत ककना के किसान कृष्णा पैकरा का 800 बोरे धान का समर्पण हो चुका है. जिससे किसान अपना धान समर्थन मूल्य पर पंजीयन कराने के बावजूद बेच नहीं पा रहा है (Balrampur farmer unable to sell paddy on msp ). पीड़ित किसान कभी कभी तहसील, तो कभी SDM, तो कभी पटवारी के चक्कर काट रहा है.

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पटवारी पर किसान का आरोप

पीड़ित किसान के बेटे पुनित पैकरा ने बताया कि 'पिछले दिनों पटवारी उनके घर आया था. उसने उनके पिता से कुछ कागजों पर साइन कराया. पिता अशिक्षित हैं. वह पढ़ना-लिखना नहीं जानते. पेपर में साइन करने के बाद पटवारी ने कहा कि तुम्हारे धान का समर्पण हो चुका है'. तब से वे अपने एक बोरे धान को भी बेच नहीं पा रहे हैं. जबकि उन्होंने 800 बोरा धान समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन किया हुआ है. समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेच पाने से किसान पूरी तरह परेशान हो चुका है. अब वे तहसील, SDM और पटवारी के चक्कर काट रहे हैं. मदद के लिए अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों से भी गुहार लगा रहे हैं.

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