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बलरामपुर: राजपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का आंतक, दहशत में ग्रामीण - Latakud gram panchayat elephants terror

बलरामपुर के लतकुड़ ग्राम पंचायत में शुक्रवार को सुबह एक हाथी पहुंच गया. जिसके बाद ग्रामीणों में दहशत है.

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हाथियों का आतंक
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Published : Oct 23, 2020, 9:37 PM IST

बलरामपुर: जिले में हाथियों का जबरदस्त आतंक है. राजपुर वन परिक्षेत्र के लतकुड़ ग्राम पंचायत में शुक्रवार को सुबह एक हाथी के आ जाने से इलाके में सनसनी फैल गई है. सुबह लगभग 4 बजे में हाथी खेत में मौजूद था. जिसके कारण लोग डर गए और हाथी के उपर टॉर्च की रोशनी करने लगे. जिससे कि हाथी गांव के अंदर ना घुसे. ग्रामीणों ने बताया कि इस बात की जानकारी वन विभाग को दी गई. सूचना मिलने पर वन अमले ने मौके पर पहुंचकर हाथी को भगाना शुरू कर दिया.

ग्रामीण करते हैं हाथी से छेड़खानी

हाथी को गांव के नजदीक देखकर ग्रामीण युवा उत्साह में हाथी के पीछे भागते हुए शोर मचा रहे थे. जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता था. इधर हाथियों के क्षेत्र में पहुंचने की जानकारी मिलते ही रेंजर दल बल के साथ क्षेत्र में पहुंच गए और ग्रामीणों को हाथियों की तरफ जाने से रोक दिया है.

पढ़ें- दल्लीराजहरा पहुंचा चंदा हाथी का दल, जीपीएस से की जा रही निगरानी

अबतक हुई छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत

  • साल 2020 में मई से लेकर अबतक लगभग 15 -16 हाथियों की मौत हो चुकी है.
  • जानकारी के अनुसार मई में 1 हाथी की मौत हुई.
  • उसके बाद 9, 10 और 11 जून को सरगुजा के बलरामपुर और सूरजपुर जिलों के जंगलों में 3 मादा हाथियों की मौत हुई.
  • 14 जून को धमतरी जिला में दलदल में फंस जाने के कारण हाथी के बच्चे की मौत हुई.
  • 16 जून को एक हाथी की खेत में करंट लगने से मौत हुई.
  • 17 जून को धर्मजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में एक हाथी का शव मिला.
  • 15 अगस्त को सूरजपुर जिले के जंगल में एक हाथी का शव बरामद हुआ.
  • 17 अक्टूबर को कोरबा जिले में एक तालाब में डूबने से हाथी शावक की मौत हुई.
  • अक्टूबर में ही गरियाबंद जिले के उदंती सीता नदी बाघ अभ्यारण में हाथी के शावक की मौत की बात सामने आई है

बलरामपुर: जिले में हाथियों का जबरदस्त आतंक है. राजपुर वन परिक्षेत्र के लतकुड़ ग्राम पंचायत में शुक्रवार को सुबह एक हाथी के आ जाने से इलाके में सनसनी फैल गई है. सुबह लगभग 4 बजे में हाथी खेत में मौजूद था. जिसके कारण लोग डर गए और हाथी के उपर टॉर्च की रोशनी करने लगे. जिससे कि हाथी गांव के अंदर ना घुसे. ग्रामीणों ने बताया कि इस बात की जानकारी वन विभाग को दी गई. सूचना मिलने पर वन अमले ने मौके पर पहुंचकर हाथी को भगाना शुरू कर दिया.

ग्रामीण करते हैं हाथी से छेड़खानी

हाथी को गांव के नजदीक देखकर ग्रामीण युवा उत्साह में हाथी के पीछे भागते हुए शोर मचा रहे थे. जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता था. इधर हाथियों के क्षेत्र में पहुंचने की जानकारी मिलते ही रेंजर दल बल के साथ क्षेत्र में पहुंच गए और ग्रामीणों को हाथियों की तरफ जाने से रोक दिया है.

पढ़ें- दल्लीराजहरा पहुंचा चंदा हाथी का दल, जीपीएस से की जा रही निगरानी

अबतक हुई छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत

  • साल 2020 में मई से लेकर अबतक लगभग 15 -16 हाथियों की मौत हो चुकी है.
  • जानकारी के अनुसार मई में 1 हाथी की मौत हुई.
  • उसके बाद 9, 10 और 11 जून को सरगुजा के बलरामपुर और सूरजपुर जिलों के जंगलों में 3 मादा हाथियों की मौत हुई.
  • 14 जून को धमतरी जिला में दलदल में फंस जाने के कारण हाथी के बच्चे की मौत हुई.
  • 16 जून को एक हाथी की खेत में करंट लगने से मौत हुई.
  • 17 जून को धर्मजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में एक हाथी का शव मिला.
  • 15 अगस्त को सूरजपुर जिले के जंगल में एक हाथी का शव बरामद हुआ.
  • 17 अक्टूबर को कोरबा जिले में एक तालाब में डूबने से हाथी शावक की मौत हुई.
  • अक्टूबर में ही गरियाबंद जिले के उदंती सीता नदी बाघ अभ्यारण में हाथी के शावक की मौत की बात सामने आई है
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