अंबिकापुर : पंकज बेक की मौत के मामले में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं. पंकज बेक के दोस्त इमरान ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि, वो और पंकज दोनों जांच में पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे थे, लेकिन पुलिस द्वारा उन पर चोरी का जुर्म कबूल करने का दबाव बनाया जा रहा था. वहीं परिजनों ने भी दोबारा पोस्टमॉर्टम करने की मांग के साथ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
इमरान ने बातचीत में बताया कि, वे हमेशा पुलिस के बुलावे पर जाते थे. पंकज के साथ उसे भी बुलाया जाता था. दोनों पुलिस की जांच में पूरा सहयोग भी कर रहे थे, लेकिन अंतिम बार पुलिस ने दोनों को बुलाकर उनके साथ मारपीट की. साथ ही चोरी का जुर्म कबूल करने के लिए दबाव भी बनाया.
इमरान ने लगाई इंसाफ की गुहार
इमरान ने बताया कि, 'जिस दिन पंकज की मौत हुई थी, दोनों को अलग-अलग कमरे में रखकर पिटाई की जा रही थी. बाद में ये पता चला कि जेल ले जाते वक्त पंकज की मौत हो गई'. इमरान ने ये भी बताया कि, 'पिटाई की वजह से पंकज ठीक से चल नहीं पा रहा था और उसके पैर, कमर, पीठ में गंभीर चोटें भी आई थीं'. इमरान ने कहा कि, उसे इंसाफ चाहिए जो सच्चाई है सब के सामने आनी चाहिए.
'पंकज की स्कूटी अभी भी लापता'
इमरान ने बताया कि उसके पास से वसूली के 22 हजार रुपए, पंकज से मोबाइल, चांदी का ताबीज, चांदी की अंगूठी, पंकज का पर्स एटीएम ले लिया गया. पंकज की स्कूटी अभी भी कहां है इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है.
'प्रकरण में की जा रही लीपापोती'
वहीं मृतक पंकज बेक की पत्नी रानू बेक ने बताया कि, 'प्रकरण में जांच के नाम पर अभी तक उन्हें कोई ऐसी जानकारी नहीं मिल पाई है, जिससे लगे कि उन्हें न्याय मिलेगा. केंद्रीय गृह मंत्री के पत्र के बाद उम्मीद जगी थी की न्याय होगा, लेकिन शासन द्वारा प्रकरण में भी लीपापोती की जा रही है'.
'निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह'
रानू ने बताया कि, अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कराई गई है, जिसमें मृतक का दोबारा पोस्टमार्टम के साथ ही प्रकरण में निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह किया गया है. रानू ने कहा कि उनके परिवार के साथ इंसाफ होना चाहिए, समाज के सामने सच्चाई भी आनी चाहिए.