सरगुजा: मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है. यहां की खूबसूरत वादियां पर्यटकों का मन मोह लेती है. शुक्रवार को सरगुजा में जबरदस्त बारिश हुई. मैनपाट में भारी वर्षा के साथ साथ जमकर ओलावृष्टि हुई. जिससे सड़कें और पहाडियां बर्फ से ढक गई. यहां बर्फ की चादर बिछी हुई थी. जिसे देखकर ऐसा लग रहा था मानो की आप कश्मीर या शिमला में हों.
कई स्थानों पर गिरे ओले: सरगुजा में सुबह से तेज धूप थी. लेकिन शुक्रवार की शाम करीब 4 बजे अचानक मौसम ने करवट ली. उसके बाद तो लगातार बारिश और ओलावृष्टि हुई. जिले के लखनपुर क्षेत्र के गावों में, शहर से लगे मेंड्रा कला सहित मैनपाट के नर्मदापुर और बिसरपानी में जमकर ओलावृष्टि हुई.
मार्च में कुदरत का तोहफा :ओलावृष्टि कुछ देर तक ही हुई. लेकिन इतनी तेज रफ्तार से ओले गिरे की जमीन में बर्फ की परत बिछ गई. ओलावृष्टि के कारण तापमान में भी तेजी से गिरावट आई है. सरगुजा की हवाओं में ठंडक महसूस की जा रही है. इस दौरान मैनपाट घूमने आने वाले सैलानियों के लिये अच्छी खबर है. क्योंकि बारिश और ओलावृष्टि के बाद मैनपाट और भी अधिक खूबसूरत हो चुका है.
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मार्च में लगातार हो रही बारिश:बदलते मौसम के संबंध में मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि " ये वेन्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण हो रहा है. एक नया वेन्टर्न डिस्टर्बेंस 29 मार्च को सक्रिय हुआ है. जिस वजह से सरगुजा में 30 और 31 मार्च को बारिश हुई है. जिले में आज कई स्थानों पर ओलावृष्टि हुई है. आज शाम 5:30 तक जिले में 7.6 मिमी वर्षा हुई है. कल से आज सुबह 8 बजे तक 10 मिमी वर्षा हुई है. मार्च के महीने में आज शाम 5:30 तक कुल 37.9 मिमी वर्षा हो चुकी है. जबकि मार्च में औसतन 19.6 मिमी वर्षा होती है. इस साल मार्च के महीने में 37.9 मिमी वर्षा होने रिकॉर्ड है. जो औसत वर्षा से करीब दो गुना है. एक और डिस्टर्बेंस सक्रिय हो रहा है जिसका प्रभाव 6 से 7 अप्रैल तक देखने को मिल सकता है"