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संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी से अब PHD करना नहीं होगा आसान

संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी पीएचडी के नियमों में बदलाव करने जा रही है.

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Published : May 18, 2019, 9:59 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय

सरगुजा: संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी ने पीएचडी के लिए कोर्स वर्क शुरू करने का निर्णय लिया है और 21 मई से इसका शुभारंभ भी किया जा रहा है. दरअसल देश की सभी विश्वविद्यालयों के लिए यूजीसी ने 2009 और 2016 में कुछ बड़े बदलाव किए हैं.

संत गहिरा गुरू यूनिवर्सिटी


राजभवन ने खड़े किए थे सवाल
नए बदलाव के तहत पीएचडी कराने के लिए विश्वविद्यालयों को नए नियमों का पालन करना था, लेकिन अमूमन कई विश्वविद्यालयों में ऐसा होता नहीं था. इसके परिणाम स्वरूप छात्रों की डिग्रियों पर राजभवन ने भी सवाल खड़े किए थे.


छात्रों को मिलेगा नया अनुभव
नए नियम लागू होने के बाद संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में शोध करने वाला हर छात्र एक अलग पहचान और अनुभव के साथ पीएचडी की डिग्री लेगा. हालांकि यूनिवर्सिटी के इस फैसले से पीएचडी के कोर्स में दाखिले की जटिलता तो जरूर बढ़ जाएगी लेकिन असल मायने में शोधकर्ता सामने आएंगे.


बुलाए जाएंगे नामी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर
संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय ने 21 मई से कोर्स वर्क शुरू किया है, इसमें देश की प्रसिध्द यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर सरगुजा आएंगे. जेएनयू, बीएचयू, एएमयू, डीयू जैसी यूनिवर्सिटी से प्रोफेसरों को सरगुजा बुलाने की तैयारी विश्वविद्यालय प्रबंधन कर रहा है.


परीक्षा करनी होगी पास
वहीं अब पीएचडी करने के लिए कोर्स वर्क पूरा करने के बाद अभ्यर्थियों को फील्ड और लैब में नियमित शोध करना होगा और इसके बाद एक परीक्षा को पास करने के बाद ही पीएचडी करने की मिलेगी अनुमति.


छात्रों को मिलेगा नया मुकाम
विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल सिन्हा कहते हैं कि 'किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान उसके शोध से होती है, इसलिए यूजीसी के नियमों का पालन कर कोर्स वर्क शुरू किया जा रहा है और इससे यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा और ख्याति बढ़ने के साथ-साथ यहां से निकलने वाले शोधार्थियों को एक अलग मुकाम मिलेगा'.

सरगुजा: संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी ने पीएचडी के लिए कोर्स वर्क शुरू करने का निर्णय लिया है और 21 मई से इसका शुभारंभ भी किया जा रहा है. दरअसल देश की सभी विश्वविद्यालयों के लिए यूजीसी ने 2009 और 2016 में कुछ बड़े बदलाव किए हैं.

संत गहिरा गुरू यूनिवर्सिटी


राजभवन ने खड़े किए थे सवाल
नए बदलाव के तहत पीएचडी कराने के लिए विश्वविद्यालयों को नए नियमों का पालन करना था, लेकिन अमूमन कई विश्वविद्यालयों में ऐसा होता नहीं था. इसके परिणाम स्वरूप छात्रों की डिग्रियों पर राजभवन ने भी सवाल खड़े किए थे.


छात्रों को मिलेगा नया अनुभव
नए नियम लागू होने के बाद संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में शोध करने वाला हर छात्र एक अलग पहचान और अनुभव के साथ पीएचडी की डिग्री लेगा. हालांकि यूनिवर्सिटी के इस फैसले से पीएचडी के कोर्स में दाखिले की जटिलता तो जरूर बढ़ जाएगी लेकिन असल मायने में शोधकर्ता सामने आएंगे.


बुलाए जाएंगे नामी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर
संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय ने 21 मई से कोर्स वर्क शुरू किया है, इसमें देश की प्रसिध्द यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर सरगुजा आएंगे. जेएनयू, बीएचयू, एएमयू, डीयू जैसी यूनिवर्सिटी से प्रोफेसरों को सरगुजा बुलाने की तैयारी विश्वविद्यालय प्रबंधन कर रहा है.


परीक्षा करनी होगी पास
वहीं अब पीएचडी करने के लिए कोर्स वर्क पूरा करने के बाद अभ्यर्थियों को फील्ड और लैब में नियमित शोध करना होगा और इसके बाद एक परीक्षा को पास करने के बाद ही पीएचडी करने की मिलेगी अनुमति.


छात्रों को मिलेगा नया मुकाम
विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल सिन्हा कहते हैं कि 'किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान उसके शोध से होती है, इसलिए यूजीसी के नियमों का पालन कर कोर्स वर्क शुरू किया जा रहा है और इससे यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा और ख्याति बढ़ने के साथ-साथ यहां से निकलने वाले शोधार्थियों को एक अलग मुकाम मिलेगा'.

Intro:सरगुजा : संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी सरगुजा में पीएचडी करना अब आसान नही होगा, यूनिवर्सिटी ने पीएचडी के लिए कोर्स वर्क शुरू करने का निर्णय लिया है, और 21 मई से इसका शुभारंभ भी करने जा रहे है। दरअसल देश की सभी विश्वविद्यालयों के लिये यूजीसी ने 2009 और 2016 में कुछ बड़े बदलाव किये जिसके तहत पीएचडी कराने के लिए विश्वविद्यालयों को नए नियमो का पालन करना था, लेकिन अमूमन कई विश्वविद्यालयों में ऐसा होता नही था, परिणाम स्वरूप छात्रों की डिग्रियों पर राजभवन ने भी सवाल खड़े किए थे।




Body:लेकिन अब संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में शोध करने वाला हर छात्र एक अलग पहचान और अनुभव के साथ पीएचडी की डिग्री प्राप्त करेगा, हालाकी यूनिवर्सिटी के इस फैसले से पीएचडी में प्रवेश की जटिलता बढ़ जाएगी लेकिन असल मायने में शोध कर्ता सामने आएंगे। इसके लिए संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय ने 21 मई से कोर्स वर्क शुरू किया है, इसमे देश की प्रसिध्द यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर सरगुजा आएंगे, जेएनयू, बीएचयू, अलीगढ़ यूनिवर्सिटी, डीयू जैसी यूनिवर्सिटी से विद्ववानों को सरगुजा बुलाने की तैयारी विश्वविद्यालय प्रबंधन कर रहा है। वहीं अब पीएचडी करने के लिए कोर्स वर्क पूरा करने के बाद अभ्यर्थियों को शोध करने फील्ड व लैब में नियमित शोध करना होगा, इसके बाद एक परीक्षा को पास करने के बाद ही पीएचडी करने की अनुमति इस यूनिवर्सिटी में मिलेगी।






Conclusion:विभाग प्रमुख डॉ अनिल सिंहा कहते हैं की किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान उसके शोध से होती है, इसलिए यूजीसी के नियमो का पालन कर कोर्स वर्क शुरू किया जा रहा है, इससे यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा और ख्याति बढ़ेगी साथ ही यहाँ से निकलने वाले शोधार्थियों को एक अलग मुकाम मिलेगा।

बाईट01_डॉ अनिल सिन्हा (प्रभारी पीएचडी कोर्सवर्क)

देश दीपक सरगुजा
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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