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रामगढ़ महोत्सव की तैयारियां शुरू, भगवान राम से जुड़ा है इतिहास

रामगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक महत्व से परिपूर्ण भारत की प्राचीनतम नाट्यशाला का आयोजन किया जाएगा. 17 और 18 जून को दो दिवसीय कार्यक्रम रखा गया है.

रामगढ़ महोत्सव की तैयारी शुरू
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Published : Jun 11, 2019, 12:37 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा : जिला प्रशासन ने रामगढ़ महोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी हैं. हर साल की तरह इस साल भी सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड मुख्यालय के पास रामगढ़ में आषाढ़ के पहले दिन रामगढ़ महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस साल 17 और 18 जून को दो दिवसीय कार्यक्रम रखा गया है.

रामगढ़ महोत्सव की तैयारी शुरू

इन दो दिनों में रामगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक महत्व से परिपूर्ण भारत की प्राचीनतम नाट्यशाला का आयोजन किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक महत्व के कई स्थल हैं, लेकिन सरगुजा जिले में स्थित रामगढ़ रामायण काल की संस्कृति का परिचय देता है. यहीं पर महाकवि कालिदास ने मेघदूत की रचना की थी. बताया जाता है कि, भगवान राम ने वनवास के दौरान रामगढ़ पहाड़ी पर कुछ समय बिताया था.

महोत्सव के पहले दिन राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन
उदयपुर एसडीएम प्रदीप साहू ने रामगढ़ महोत्सव स्थल नाट्यशाला पहुंचकर जायजा लिया. उन्होंने बताया कि, 'रामपुर महोत्सव के लिए सभी अधिकारियों को अपने-अपने स्तर पर जिम्मेदारियां दी गई हैं'. रामगढ़ महोत्सव के पहले दिन राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी कवि सम्मेलन का आयोजन अंबिकापुर में किया जाएगा'.

दूसरे दिन होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
उन्होंने बताया कि, 'सांस्कृतिक कार्यक्रम को कराने का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के लोगों को रामगढ़ के इतिहास से वाकिफ कराना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आएं और रामगढ़ महोत्सव का आनंद ले सकें. इसके लिए अच्छे से तैयारी की जाएगी. सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे'.

सरगुजा : जिला प्रशासन ने रामगढ़ महोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी हैं. हर साल की तरह इस साल भी सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड मुख्यालय के पास रामगढ़ में आषाढ़ के पहले दिन रामगढ़ महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस साल 17 और 18 जून को दो दिवसीय कार्यक्रम रखा गया है.

रामगढ़ महोत्सव की तैयारी शुरू

इन दो दिनों में रामगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक महत्व से परिपूर्ण भारत की प्राचीनतम नाट्यशाला का आयोजन किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक महत्व के कई स्थल हैं, लेकिन सरगुजा जिले में स्थित रामगढ़ रामायण काल की संस्कृति का परिचय देता है. यहीं पर महाकवि कालिदास ने मेघदूत की रचना की थी. बताया जाता है कि, भगवान राम ने वनवास के दौरान रामगढ़ पहाड़ी पर कुछ समय बिताया था.

महोत्सव के पहले दिन राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन
उदयपुर एसडीएम प्रदीप साहू ने रामगढ़ महोत्सव स्थल नाट्यशाला पहुंचकर जायजा लिया. उन्होंने बताया कि, 'रामपुर महोत्सव के लिए सभी अधिकारियों को अपने-अपने स्तर पर जिम्मेदारियां दी गई हैं'. रामगढ़ महोत्सव के पहले दिन राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी कवि सम्मेलन का आयोजन अंबिकापुर में किया जाएगा'.

दूसरे दिन होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
उन्होंने बताया कि, 'सांस्कृतिक कार्यक्रम को कराने का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के लोगों को रामगढ़ के इतिहास से वाकिफ कराना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आएं और रामगढ़ महोत्सव का आनंद ले सकें. इसके लिए अच्छे से तैयारी की जाएगी. सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे'.

Intro:सरगुजा- जिला प्रशासन ने रामगढ़ महोत्सव की तैयारी जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड मुख्यालय के समीप रामगढ़ में आषाढ़ के प्रथम दिवस पर रामगढ़ महोत्सव का आयोजन किया जाता है इस वर्ष 17 एवं 18 जून को दो दिवसीय कार्यक्रम रखा गया है। इस दो दिन में रामगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक महत्व से परिपूर्ण भारत की प्राचीनतम नाट्यशाला के रूप में विख्यात महोत्सव स्थल पर कार्यक्रम किया जाता है।

छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक महत्व के कई स्थल है लेकिन सरगुजा जिला में स्थित रामगढ़ रामायण समय की संस्कृति का परिचय देता है,यहीं पर मेघदूत की रचना महाकवि कालिदास की थी। बताया जाता है कि भगवान राम वनवास के समय रामगढ़ पहाड़ी पर कुछ समय बिताए थे।

उदयपुर एसडीएम प्रदीप साहू रामगढ़ महोत्सव स्थल नाट्यशाला पहुंचकर जायजा लिया उन्होंने बताया कि रामपुर महोत्सव के लिए सभी अधिकारियों को अपने अपने स्तर पर जिम्मेदारी दी गई है।

रामगढ़ महोत्सव के पहले दिन राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी कवि सम्मेलन का आयोजन अंबिकापुर में किया जाएगा।

दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा ,
सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से रामगढ़ को पूरे छत्तीसगढ़ के लोग जाने , यहां ज्यादा से ज्यादा लोग आए और रामगढ़ महोत्सव का आनंद उठाये, इसके लिए अच्छे से तैयारी की जाएगी।

सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे जिसके लिए अगली बार पुलिस प्रशासन के लोगों के साथ निरीक्षण किया जाएगा किसी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

बाईट 01- प्रदीप साहू (एसडीएम उदयपुर)



Body:सरगुजा- जिला प्रशासन ने रामगढ़ महोत्सव की तैयारी जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड मुख्यालय के समीप रामगढ़ में आषाढ़ के प्रथम दिवस पर रामगढ़ महोत्सव का आयोजन किया जाता है इस वर्ष 17 एवं 18 जून को दो दिवसीय कार्यक्रम रखा गया है। इस दो दिन में रामगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक महत्व से परिपूर्ण भारत की प्राचीनतम नाट्यशाला के रूप में विख्यात महोत्सव स्थल पर कार्यक्रम किया जाता है।

छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक महत्व के कई स्थल है लेकिन सरगुजा जिला में स्थित रामगढ़ रामायण समय की संस्कृति का परिचय देता है,यहीं पर मेघदूत की रचना महाकवि कालिदास की थी। बताया जाता है कि भगवान राम वनवास के समय रामगढ़ पहाड़ी पर कुछ समय बिताए थे।

उदयपुर एसडीएम प्रदीप साहू रामगढ़ महोत्सव स्थल नाट्यशाला पहुंचकर जायजा लिया उन्होंने बताया कि रामपुर महोत्सव के लिए सभी अधिकारियों को अपने अपने स्तर पर जिम्मेदारी दी गई है।

रामगढ़ महोत्सव के पहले दिन राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी कवि सम्मेलन का आयोजन अंबिकापुर में किया जाएगा।

दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा ,
सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से रामगढ़ को पूरे छत्तीसगढ़ के लोग जाने , यहां ज्यादा से ज्यादा लोग आए और रामगढ़ महोत्सव का आनंद उठाये, इसके लिए अच्छे से तैयारी की जाएगी।

सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे जिसके लिए अगली बार पुलिस प्रशासन के लोगों के साथ निरीक्षण किया जाएगा किसी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

बाईट 01- प्रदीप साहू (एसडीएम उदयपुर)



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Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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