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देश के पहले गार्बेज कैफे में कुरियर से आया प्लास्टिक कचरा, हैरान रह गया स्टाफ

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Published : Dec 24, 2019, 11:59 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

अंबिकापुर गार्बेज कैफे में कुरियर से एक शख्स ने 2.6 किलो प्लास्टिक कचरा भेजा है. इस गार्बेज कैफे में एक किलो प्लास्टिक देने पर खाना और आधा किलो प्लास्टिक देने पर नाश्ता मिलता है.

Two and a half kg plastic waste sent from online courier in ambikapur
कुरियर से आया प्लास्टिक का कचरा

अंबिकापुर : अंबिकापुर में देश का पहला गार्बेज कैफे है. यहां प्लास्टिक लाने पर नाश्ता और खाना मुफ्त मिलता है. एक किलो प्लास्टिक पर खाना और आधा किलो पर नाश्ता. इस कैफे में अंशुमन दत्ता नाम के एक शख्स ने कुरियर से 2.6 किलो प्लास्टिक भेजी है. जैसे ही ये पार्सल गार्बेज कैफे पहुंचा, यहां काम करने वाला स्टाफ और संचालक दोनों हैरत में पड़ गए.

गार्बेज कैफे में कुरियर से आया प्लास्टिक का कचरा

पहले तो कैफे संचालक और स्टाफ इस बात से हैरान हुए कि जब किसी ने शॉपिंग नहीं की तो पार्सल क्यों आया लेकिन जब बॉक्स पर वेस्ट प्लास्टिक लिखा देखा तो सारा माजरा समझ आ गया. लेकिन भेजने वाले ने ये नहीं बताया है कि इस प्लास्टिक के बदले खाना किसे देना है. एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री भी 'नो सिंगल प्लास्टिक यूज' की अपील कर रहे हैं, वहां ये कुरियर उम्मीद से कम नहीं है.

2.6 किलो था प्लॉस्टिक का वजन

कैफे के संचालक विनोद पटेल ने बताया कि 'जब बॉक्स से प्लॉस्टिक निकाल कर उसका वजन किया गया तो 2.6 किलो प्लॉस्टिक थी. पार्सल भेजने वाले का नाम अंशुमन दत्ता लिखा हुआ है और एक मोबाइल नंबर भी दिया गया है. लेकिन इस प्लॉस्टिक के बदले भोजन कब और किसे देना है यह जानकारी उन्हें प्राप्त नहीं हुई है'.

विनोद का कहना है कि, 'प्लॉस्टिक भेजने वाले के द्वारा जब भी इसके बदले खाने की मांग की जाएगी उन्हें खाना दिया जाएगा'.

पढ़ें: किसान दिवस पर सीएम बघेल ने प्रदेश के किसानों को दी बधाई

'नंबर पर किया गया कॉल'

उन्होंने कहा कि 'बॉक्स पर लिखे नंबर को जब ध्यान से देखा तो एक बात यह समझ आई कि मोबाइल नंबर छत्तीसगढ़ या मध्यप्रदेश के सीरिज का नहीं है. बल्कि यह मोबाइल नंबर किसी अन्य प्रदेश का है. इसका मतलब प्लॉस्टिक भेजने वाला शख्स किसी दूसरे प्रदेश का रहने वाला हो सकता है. उन्होंने बताया कि बॉक्स पर लिखे नंबर पर जब कॉल की गई, तो किसी ने रिसीव नहीं किया.

पढ़ें :जल संरक्षण के लिए CRPF की अनोखी पहल, नक्सल क्षेत्र में बना डाला तालाब

प्लास्टिक की मात्रा में भी इजाफा

अंबिकापुर में जिस मकसद से ये गार्बेज कैफे खोला गया था, उसी दिशा में आगे भी बढ़ रहा है. वर्तमान में यहां प्रतिदिन 20 से 22 किलो तक प्लॉस्टिक आ रही है. अब तो ऑनलाइन कुरियर से भी लोग यहां प्लास्टिक भेज रहे हैं.

अंबिकापुर : अंबिकापुर में देश का पहला गार्बेज कैफे है. यहां प्लास्टिक लाने पर नाश्ता और खाना मुफ्त मिलता है. एक किलो प्लास्टिक पर खाना और आधा किलो पर नाश्ता. इस कैफे में अंशुमन दत्ता नाम के एक शख्स ने कुरियर से 2.6 किलो प्लास्टिक भेजी है. जैसे ही ये पार्सल गार्बेज कैफे पहुंचा, यहां काम करने वाला स्टाफ और संचालक दोनों हैरत में पड़ गए.

गार्बेज कैफे में कुरियर से आया प्लास्टिक का कचरा

पहले तो कैफे संचालक और स्टाफ इस बात से हैरान हुए कि जब किसी ने शॉपिंग नहीं की तो पार्सल क्यों आया लेकिन जब बॉक्स पर वेस्ट प्लास्टिक लिखा देखा तो सारा माजरा समझ आ गया. लेकिन भेजने वाले ने ये नहीं बताया है कि इस प्लास्टिक के बदले खाना किसे देना है. एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री भी 'नो सिंगल प्लास्टिक यूज' की अपील कर रहे हैं, वहां ये कुरियर उम्मीद से कम नहीं है.

2.6 किलो था प्लॉस्टिक का वजन

कैफे के संचालक विनोद पटेल ने बताया कि 'जब बॉक्स से प्लॉस्टिक निकाल कर उसका वजन किया गया तो 2.6 किलो प्लॉस्टिक थी. पार्सल भेजने वाले का नाम अंशुमन दत्ता लिखा हुआ है और एक मोबाइल नंबर भी दिया गया है. लेकिन इस प्लॉस्टिक के बदले भोजन कब और किसे देना है यह जानकारी उन्हें प्राप्त नहीं हुई है'.

विनोद का कहना है कि, 'प्लॉस्टिक भेजने वाले के द्वारा जब भी इसके बदले खाने की मांग की जाएगी उन्हें खाना दिया जाएगा'.

पढ़ें: किसान दिवस पर सीएम बघेल ने प्रदेश के किसानों को दी बधाई

'नंबर पर किया गया कॉल'

उन्होंने कहा कि 'बॉक्स पर लिखे नंबर को जब ध्यान से देखा तो एक बात यह समझ आई कि मोबाइल नंबर छत्तीसगढ़ या मध्यप्रदेश के सीरिज का नहीं है. बल्कि यह मोबाइल नंबर किसी अन्य प्रदेश का है. इसका मतलब प्लॉस्टिक भेजने वाला शख्स किसी दूसरे प्रदेश का रहने वाला हो सकता है. उन्होंने बताया कि बॉक्स पर लिखे नंबर पर जब कॉल की गई, तो किसी ने रिसीव नहीं किया.

पढ़ें :जल संरक्षण के लिए CRPF की अनोखी पहल, नक्सल क्षेत्र में बना डाला तालाब

प्लास्टिक की मात्रा में भी इजाफा

अंबिकापुर में जिस मकसद से ये गार्बेज कैफे खोला गया था, उसी दिशा में आगे भी बढ़ रहा है. वर्तमान में यहां प्रतिदिन 20 से 22 किलो तक प्लॉस्टिक आ रही है. अब तो ऑनलाइन कुरियर से भी लोग यहां प्लास्टिक भेज रहे हैं.

Intro:अम्बिकापुर के गर्बेज कैफे में ऑनलाइन कुरियर से एक सख्स ने 2.6 किलो प्लास्टिक भेजी, हालाकी इस प्लास्टिक के बदले खाना किसे या कब देना है इसकी जानकारी नही दी गई है।

सरगुज़ा : सोमवार की सुबह अम्बिकापुर में संचालित गर्बेज कैफे के संचालक और स्टाफ उस वक्त हैरत में पड़ गए, जब कुरियर ब्वाय एक पार्शल लेकर पहुंचा, वहां किसी ने भी ऑनलाइन शॉपिंग नही की थी, लिहाजा सभी हैरत में थे की आखिर ये पार्शल किसका है, लेकिन पार्शल बॉक्स के ऊपर लिखे वेस्टेज प्लास्टिक को पढ़कर यह समझ आ गया की इसमें किसी ने प्लास्टिक भेजी है, लिहाजा पार्शल को खोला गया और उसके अंदर से वेस्टेज प्लास्टिक प्राप्त हुई।


Body:कैफे के संचालक विनोद पटेल ने बताया की जब बॉक्स से प्लास्टिक निकाल कर उसका वजन किया गया तो 2.6 किलो प्लास्टिक थी, पार्शल में भेजने वाले का नाम अंशुमन दत्ता लिखा है और एक मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ है, लेकिन इस प्लास्टिक के बदले भोजन कब और किसे देना है यह जानकारी उन्हें प्राप्त नही हुई है, लिहाजा विनोद का कहना है की प्लास्टिक भेजने वाले के द्वारा जब भी इसके बदले खाने की मांग की जाएगी उन्हें खाना दिया जायेगा।

हमने इस बॉक्स पर लिखे नंबर को जब ध्यान से देखा तो एक बात यह समझ आई की मोबाइल नंबर छत्तीसगढ़ या मध्यप्रदेश के सीरिज का नही है, लिहाजा यह मोबाइल नंबर किसी अन्य प्रदेश का है, मतलब प्लास्टिक भेजने वाला सख्स भी अन्य प्रदेश का रहने वाला है, कुछ और जानने की इच्छा में हमने उस नंबर पर कॉल भी किया पर कॉल रिसीव नही हुई।




Conclusion:बहरहाल 1 किलो प्लास्टिक के बदले खाना और आधा किलो प्लास्टिक के बदले नास्ता देने की मुहिम के तहत खोला गया यह गार्बेज कैफे दिन-ब-दिन बेहतर साबित हो रहा है, गर्बेज कैफे में जहां अब ऑनलाइन कुरियर का उपयोग कर लोग प्लास्टिक भेज रहे हैं तो वहीं बीते दिनों में यहां दिन भर में आने वाली प्लास्टिक की क्षमता में तेजी से इजाफा हुआ है, वर्तमान में यहां 20 से 22 किलो तक प्लास्टिक एक दिन में आ रही है।

बाईट01_विनोद पटेल (संचालक गर्बेज कैफे)

देश दीपक सरगुज़ा
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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