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दूसरे राज्यों और जिलों से वापस लौटे 34 लोग भेजे गए क्वॉरेंटाइन सेंटर

लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों और जिलों में फंसे हुए 34 लोग शुक्रवार को अंबिकापुर पहुंचे, जहां मेडिकल जांच के बाद उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दिया गया. साथ ही 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रहने की हिदायत दी गई है.

34 people returned to Surguja
दूसरे राज्यों और जिलों से वापस सरगुजा लौटे लोग
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Published : May 15, 2020, 2:07 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : लॉकडाउन में दूसरे राज्यों और प्रदेश के अन्य जिलों में फंसे मजदूर और छात्रों की शुक्रवार को घर वापसी हुई. वापस लौटने वाले 34 मजदूर और छात्रों को जांच के बाद क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है, जहां उन्हें 14 दिनों तक रखा जाएगा. इसके बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी जाएगी. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए किए गए लॉकडाउन में फंसे मजदूर, छात्रों और अन्य लोगों के घर वापसी का सिलसिला जारी है.

34 people returned to Surguja
दूसरे राज्यों और जिलों से वापस सरगुजा लौटे लोग

जिले में ट्रेन, बस और अन्य माध्यमों से लोग घर लौट रहे हैं. घर वापसी की इसी कड़ी में शुक्रवार को सरगुजा में भी दूसरे राज्यों और जिलों से कुल 34 प्रवासी मजदूर और छात्र-छात्राएं पहुंचे हैं. दूसरे राज्यों से आए लोगों में 1 मध्यप्रदेश के सतना से है, 1 उत्तर प्रदेश के ललितपुर से और 2 मजदूर उत्तर प्रदेश के लखनऊ से है. वहीं दूसरे जिले से आए लोगों में गौरेला-पेंड्रा, कोरबा और सूरजपुर से कुल 30 मजदूर और छात्र-छात्राएं शामिल हैं.

14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश

वापस आने वाले मजदूर और छात्रों में कई लोग अंबिकापुर तहसील क्षेत्र के रहने वाले हैं, इनमें से 31 लोगों का मेडिकल जांच जिला अस्पताल के कोविड-19 सेन्टर में और 3 लोगों का जांच बिशुनपुर पिक-अप प्वाइंट में किया गया. सभी लोगों का कोरोना रैपिड टेस्ट किट से जांच किया गया है, जिसमें सभी का जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है, इसके साथ ही सभी लोगों को 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश देते हुए क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है.

इन जगहों से आए लोग

सूरजपुर से आए ललुआ और कटघोरा से आए प्यारेगिरी ने बताया कि 'वे लॉकडाउन से पहले अपने मेहमान के यहां गए हुए थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण वो वहीं फंस गए थे. वहीं अमृता सिंह, रिंकी दास, मीरा प्रधान, सोनिया, प्रियंका पटेल और निर्मला लकड़ा ये सभी छात्राएं अंबिकापुर के रहने वाली हैं, जो गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रही थीं.

पढ़ें: कोरियाः लॉकडाउन का फायदा उठा स्ट्रीट लाइट गायब कर रहे चोर, गांव में छाया अंधेरा

पढ़ाई की अनिश्चिता और कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए उन्होंने वापस घर जाने का मन बनाया, जिसके बाद पेंड्रा जिला प्रशासन ने छात्रों और मजदूरों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था कराई. बसों के माध्यम से ही लगभग 30 छात्र और मजदूर अंबिकापुर लौटे. वहीं सभी लोगों ने अपने जिला वापसी पर शासन की ओर से किए गए इंतजाम की तारीफ करते हुए आभार जताया है.

सरगुजा : लॉकडाउन में दूसरे राज्यों और प्रदेश के अन्य जिलों में फंसे मजदूर और छात्रों की शुक्रवार को घर वापसी हुई. वापस लौटने वाले 34 मजदूर और छात्रों को जांच के बाद क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है, जहां उन्हें 14 दिनों तक रखा जाएगा. इसके बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी जाएगी. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए किए गए लॉकडाउन में फंसे मजदूर, छात्रों और अन्य लोगों के घर वापसी का सिलसिला जारी है.

34 people returned to Surguja
दूसरे राज्यों और जिलों से वापस सरगुजा लौटे लोग

जिले में ट्रेन, बस और अन्य माध्यमों से लोग घर लौट रहे हैं. घर वापसी की इसी कड़ी में शुक्रवार को सरगुजा में भी दूसरे राज्यों और जिलों से कुल 34 प्रवासी मजदूर और छात्र-छात्राएं पहुंचे हैं. दूसरे राज्यों से आए लोगों में 1 मध्यप्रदेश के सतना से है, 1 उत्तर प्रदेश के ललितपुर से और 2 मजदूर उत्तर प्रदेश के लखनऊ से है. वहीं दूसरे जिले से आए लोगों में गौरेला-पेंड्रा, कोरबा और सूरजपुर से कुल 30 मजदूर और छात्र-छात्राएं शामिल हैं.

14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश

वापस आने वाले मजदूर और छात्रों में कई लोग अंबिकापुर तहसील क्षेत्र के रहने वाले हैं, इनमें से 31 लोगों का मेडिकल जांच जिला अस्पताल के कोविड-19 सेन्टर में और 3 लोगों का जांच बिशुनपुर पिक-अप प्वाइंट में किया गया. सभी लोगों का कोरोना रैपिड टेस्ट किट से जांच किया गया है, जिसमें सभी का जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है, इसके साथ ही सभी लोगों को 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश देते हुए क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है.

इन जगहों से आए लोग

सूरजपुर से आए ललुआ और कटघोरा से आए प्यारेगिरी ने बताया कि 'वे लॉकडाउन से पहले अपने मेहमान के यहां गए हुए थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण वो वहीं फंस गए थे. वहीं अमृता सिंह, रिंकी दास, मीरा प्रधान, सोनिया, प्रियंका पटेल और निर्मला लकड़ा ये सभी छात्राएं अंबिकापुर के रहने वाली हैं, जो गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रही थीं.

पढ़ें: कोरियाः लॉकडाउन का फायदा उठा स्ट्रीट लाइट गायब कर रहे चोर, गांव में छाया अंधेरा

पढ़ाई की अनिश्चिता और कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए उन्होंने वापस घर जाने का मन बनाया, जिसके बाद पेंड्रा जिला प्रशासन ने छात्रों और मजदूरों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था कराई. बसों के माध्यम से ही लगभग 30 छात्र और मजदूर अंबिकापुर लौटे. वहीं सभी लोगों ने अपने जिला वापसी पर शासन की ओर से किए गए इंतजाम की तारीफ करते हुए आभार जताया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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