सरगुजा: कोरोना वायरस की मार पूरा विश्व झेल रहा है. वहीं लॉकडाउन की स्थिति में देशभर में लोग अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं. अंबिकापुर में भी कुछ लोग लॉकडाउन के कारण फंस गए हैं, जो अंबिकापुर के बस स्टैंड में स्थित आश्रय गृह में आसरा लिए हुए हैं, यहां से एक शख्स को लखनऊ जाना है. वहीं एक परिवार के करीब 5 लोगों को मध्यप्रदेश के ग्वालियर जाना है.
लोगों को हो रही परेशानी
आश्रय स्थल में 50 रुपए प्रतिदिन का किराया लिया जा रहा है, जबकि खाने-पीने की कोई स्थायी व्यवस्था भी नहीं है, हालांकि अलग-अलग क्षेत्र के लोगों ने अब तक इनका पेट भर दिया है, लेकिन 21 दिन के लॉक डाउन में इनकी खाने-पीने की व्यवस्था कैसे होगी. यह बड़ा सवाल है. लोगों का कहना है कि 50 रुपए की दर से रोज का किराया भी देना भी उनके लिए मुश्किल हो रहा है और उनके पास पैसे भी कम हैं.
दूसरे राज्यों के फंसे परिवारों ने छत्तीसगढ़ सरकार से लगाई गुहार
लॉक डाउन में फंसी ग्वालियर मध्यप्रदेश की महिला ने बताया की वो अपने भाई से मिलने ग्वालियर से रायगढ़ आई थी, लेकिन उनका भाई वापस गांव चला गया, जिसके बाद ये लोग ग्वालियर वापस जाने के लिए किसी तरह अंबिकापुर पहुंचे, लेकिन पूरे देश में लॉक डाउन हो गया और तब से ये लोग अंबिकापुर में ही फंसे हुए हैं. यहां फंसे परिवार छत्तीसगढ़ सरकार से यही गुहार लगा रहा है की किसी तरह इन्हें उनके घर भेज दिया जाए.
ETV भारत की अपील
फंसे हुए लोगों की घर जाने की व्यवस्था सरकार करती है या नहीं ये बात की बात है, लेकिन ETV भारत प्रशासन और समाजसेवियों से अपील करता है की वे ऐसे लोगों की मदद करें और आश्रय स्थल को निशुल्क करवा दिया जाए. साथ ही इनके भोजन की भी व्यवस्था कराई जाए.
ETV भारत की अपील पर नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी ने ETV भारत से कहा है की उनके भोजन और रहने की व्यवस्था वो कराएंगे.