दरअसल रेडक्रॉस के द्वारा संचालित जन औषधी केंद्र को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 30 लाख का भुगतान नहीं किया है, जिसका सीधा असर जन औषधी केंद्र में रखी दवाईयों के स्टॉक पर पड़ रहा है, पैसे की कमी की वजह से यहां सारी दवाईयां नहीं मिल पा रही हैं, लिहाजा मरीज परेशान हो रहे हैं.
शहर के निजी मेडिकल स्टोर दिन में ही खुले रहते हैं ऐसे में रात में जरूरत पड़ने पर पूरे शहर सहित अस्पतालों के मरीजों को सिर्फ रेडक्रॉस के जन औषधि केंद्र का ही सहारा होता है, लेकिन उसमें भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही से दवाईयां उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं.
वहीं इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक का कहना है कि, 'दस लाख का भुगतान कर दिया गया है, सबमिट बिल में कुछ तकनीकी कमियों की वजह से भुगतान नहीं हुआ है, जल्द ही उसे सुधरवाकर भुगतान किया जाएगा'.