सरगुजा : कभी पीडीएस की वजह से, तो कभी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट तो कभी गार्बेज कैफे की वजह से छत्तीसगढ़ में कुछ न कुछ काम किए जाते रहे हैं. इसकी तारीफ सिर्फ राज्य स्तर पर ही नहीं बल्कि केंद्र स्तर पर भी की जाती रही है. अब छत्तीसगढ़ में शुरू होने जा रहे यूनिवर्सल हेल्थ केयर की गूंज दिल्ली तक पहुंच चुकी है. इतना ही नहीं इस दिशा में केंद्र सरकार ने पहल शुरू कर दी है.
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ETV भारत से खास बातचीत में कहा कि नीति आयोग की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने नेशनल हेल्थ स्टेक के माध्यम से मरीजों के यूनिक आईडी प्रोजेक्ट को आगे ले जाने की बात कही थी, जिसे पूरा करने की जिम्मेदारी आधार नंबर की संस्था यूएआईडी को दी गई है. इस प्रोजेक्ट की पहली रिपोर्ट भी आ गई है, जिसे सार्वजनिक करने के लिए रायशुमारी की जा रही है.
पढ़ें : अरुण जेटली AIIMS में भर्ती, मोदी-शाह-राजनाथ ने ली जानकारी
ये है वैश्विक मॉडल
सिंहदेव ने बताया कि केंद्र सरकार ने 15 जुलाई को इसेक लिए सर्कुलर भी जारी किया था. इस बात खुशी है कि हम दिशा में चलना चाह रहे हैं. अब राष्ट्रीय स्तर पर भी उसमे तेजी दिखेगी. सिंहदेव ने कहा कि ये वैश्विक मॉडल है. कांग्रेस ने पहले अपने घोषणा पत्र में रखा था, अब छत्तीसगढ़ सरकार को यह काम करने का अवसर मिला है.
क्या है पायलट प्रोजेक्ट
बता दें कि यूनिवर्सल हेल्थ केयर यानी हर नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार देने की जो बात विश्व स्तर पर वर्षों से होती आ रही थी, उसे कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में लिया था. वहीं सिंहदेव ने उसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बनाया है. मंत्री बनने के बाद वो हर समय बस इसी प्रोजेक्ट की सफलता में लगे हुए थे. पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ भी 24 अप्रैल को सरगुजा जिले के लुंड्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से स्वस्थ्य मंत्री ने किया था. लिहाजा इस बेहतर योजना को अब केंद्र सरकार पूरे देश में लागू कर सकती है. देखना होगा कि यह योजना कब शुरू होती है.
सबसे पहले हमने दिखाई थी खबर
इस खबर को सबसे पहले ETV भारत ने दिखाई थी. यूनिवर्सल हेल्थ केयर के पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने की खबर भी सबसे पहले हमने लोगों तक पहुंचाई थी. इस दौरान ETV भारत से बातचीत के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने पहली बार बताया था कि यूनिवर्सल हेल्थ केयर में हर मरीज का अलग-अलग पर्शनल यूनिक नंबर जनरेट होगा और उस नंबर के जरिये मरीज के इलाज की सम्पूर्ण जानकारी ऑनलाइन फीड की जाएगी, जिससे एक ही मरीज का बार-बार चेकअप न कराया जाए. दूसरे जगह पर भी डॉक्टर यूनिक नबंर से मरीज के पूर्व जांच और इलाज की जानकारी आसानी से ले सकेगा.