सरगुजा: बारिश आते ही मशरूम की पैदावार (Mushroom production in Surguja) के साथ-साथ इसकी बिक्री शुरू हो जाती है. ग्रामीण से लेकर शहरी इलाके तक में इस सब्जी को काफी पसंद किया जाता है. लेकिन कभी-कभी जंगली मशरूम खाना जानलेवा साबित होता है. कई बार ग्रामीण इस तरह के मशरूम (Mushroom) को खाने की वजह से बीमार पड़ जाते हैं. जिससे स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ जाती है. कुछ दिन पहले उदयपुर और मैनपाट इलाके में एक साथ 8 से 9 लोग इस मशरूम को खाने से बीमार पड़ गए थे. ऐसे में ETV भारत आपको बताने जा रहा है कि आप जंगली मशरूम और सामान्य मशरूम में कैसे फर्क कर सकते हैं. यानी कि कौन सी मशरूम को खाना है और कौन सी मशरूम को नहीं खाना है.
ETV भारत ने इस संदर्भ में बायोटेक साइंटिस्ट (biotech scientist) डॉक्टर प्रशांत से बात की है. उन्होंने बताया कि सरगुजा में 200 से अधिक प्रकार के जंगली मशरूम पाए जाते हैं. लेकिन इसमें से कुछ ही प्रजातियों के मशरूम की सब्जी बनाकर खाई जा सकती है. महज 27 या 28 प्रजातियां ही ऐसी हैं जिन्हें सब्जी के रूप में खाया जा सकता है. बाकी की सभी प्रजातियां जहरीली होती हैं. जिन्हें खाने से गंभीर बीमारी यहां तक की मौत भी हो सकती है.
सफेद और हल्के रंग के मशरूम खाए
कौन सा मशरूम खाना है और कौन सा नहीं इसे जानने के कई तरीके हैं. जैसे जहरीले मशरूम की पहचान करने के लिये हमें उनके रंगों पर ध्यान देना होगा, लाल, गुलाबी, नीले किसी भी रंगीन मशरूम को नहीं खाना है. इनमें एल्केलाइट रसायन की मात्रा होती है, जिसे खाने से बीमार पड़ सकते हैं. अधिक मात्रा में इसके सेवन से मौत भी हो सकती है. इसलिए सफेद, दूधिया, हल्के कलर रंग के ही मशरूम खाएं.
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गंध से भी होती है मशरूम की पहचान
इसके अलवा मशरूम जहरीला है या नहीं इसकी पहचान गंध से भी की जा सकती है. मशरूम को तोड़ कर देखें अगर उसमें से तेज गंध आ रही है तो ये अमोनिया की गंध है, ये एल्केलाइट के कारण आती है ऐसे मशरूम को भी नहीं खाना चाहिए. मशरूम की छतरी अगर बहुत पतली है या उसकी डंडी बहुत लंबी है. तो भी यह मशरूम जहरीला हो सकता है, कई बार मशरूम के तने में रिंग जैसा बना होता है. कुछ में चिपचिपा पदार्थ निकलता है. कुछ में पानी की बूंदे निकलती हैं. ये सारे संकेत मशरूम के जहरीले होने के हैं ऐसे मशरूम को ना खायें.
इस प्रजाति के मशरूम को खाएं
मशरूम की जो प्रजातियां सरगुज़ा में आसानी से उपलब्ध हैं उनमें से गंजहा मशरूम, बिलाई खुखड़ी, लकड़ी खुखड़ी, लालबादर हैं. जो जहरीली होती हैं इन्हें नही खाना चाहिये. वहीं भुडू, पतेरी, चिरको, बांस खुखड़ी, जाम खुखड़ी, भैंसा खुखड़ी, पुटू भी सरगुजा में आसानी से उपलब्ध हो जाता है और इन्हें खाया जा सकता है.
मशरूम को चुनते वक्त बरतें सावधानी
सरगुजा में प्राकृतिक मशरूम की दीवानगी ऐसी है की यह 600 से 1200 रुपये किलो के भाव से बिकती है, और लोग बड़े ही चाव से इसे खाते हैं, वहीं प्राकृतिक मशरूम की जगह अब तो वैज्ञानिक पद्दति से भी मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है. इस मशरूम का सेवन पूरी तरह सुरक्षित होने साथ ही सस्ता भी है. डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं कि, प्राकृतिक मशरूम का सेवन बेहद सावधानी से करें क्योंकि सरगुज़ा में बारिश के मौसम में ज्यादातर मरीज मशरूम खाने की वजह से बीमार पड़ते हैं.