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Healthy Mahua Cookies: महुये की शराब ही नहीं अब बन रही है कुकीज भी, जानिये कितनी स्वास्थ्यवर्धक है ये कुकीज - छत्तीसगढ़ के हेल्दी फूड

महुये की शराब तो आपने देखी (Healthy Mahua Cookies) होगी लेकिन इस महुये के गुण इतने अधिक हैं कि इससे पौष्टिक आहार के रूप में अब कुकीज भी बनाई जा रही है. आइये जानते हैं कहां और कैसे यह स्वास्थ्यवर्धक (healthy food of chhattisgarh) कुकीज बनाई जा रही है.

Mahua Biscuit in surguja
सरगुजा में महुआ कुकीज
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Published : Feb 10, 2022, 7:19 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में महुए (Healthy Mahua Cookies) की कुकीज बनाई जा रही है. सरगुजा जिला प्रशासन ( Surguja Mahua Biscuit ) ने महिला समूहों को रोजगार देने के उद्देश्य से ये पहल की है.महुआ कई औषधीय गुणों से भरपूर है.महुआ को मधुका लॉन्गीफोलिया भी बोलते हैं. महुआ कई बीमारी में औषधि का काम करता है. इसके छाल का तेल चर्म रोग में काम आता है. महुआ के बीज में फैटी कंटेंट पाए जाते हैं. जो काफी उपयोगी है. इसे कमजोर बच्चों को दूध में उबालकर देने से पोषण मिलता है. इसके अलावा अर्थराइटिस और अस्थमा की बीमारी में यह काफी उपयोगी है. औषधीय स्तर पर बात करें तो महुआ में ब्यूटरिक एसिड, फैटी एसिड और हाई प्रोटीन पाए जाते हैं. जिससे उच्च स्तर का पोषण प्राप्त होता है. महुआ की कुकीज भी इन सब औषधीय गुणों से भरपूर है. कुपोषण से लड़ाई, अस्थमा और अर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह काफी गुणकारी है.

सरगुजा में तैयार हो रही महुआ कुकीज

अब महुए की कुकीज तैयार की जा रही है. कुपोषण मिटाने के साथ-साथ महुआ कुकीज बेरोजगारी को कम करने में भी मदद करेगा. महुआ की बेहद स्वादिष्ट और हेल्दी कुकीज बाजार में उपलब्ध होगी. इससे महिलाओं को रोजगार मिल सकेगा और कुपोषण के खिलाफ चल रही योजनाओं में बड़ा लाभ मिलेगा. सरगुजा जिला प्रशासन ने नेशनल लाइवलीहुड मिशन के तहत महुये की कुकीज का निर्माण शुरू कराया है. फिलहाल यह कुकीज एक बेकरी में बनाई जा रही है. जल्द ही इसका निर्माण जिले के गौठान में शुरू कर दिया जायेगा. इसके लिये समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. गौठान में बेकरी की यूनिट भी बनकर तैयार है.

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कैसे बनाई जाती है महुआ कुकीज

सबसे पहले महुये के फल को सुखाया जाता है. फिर उसे पीसकर पावडर बनाया जाता है. इस पावडर को मैदे और अन्य जरूरी वस्तुओं के साथ मिलाया जाता है. इस मिक्सर में 30% महुये के फल का पावडर मिलाया जाता है. फिर मिक्सर को तैयार करने के बाद उसकी कुकीज के आकार की लोई कर ली जाती है. अब इसे ओवन में डालकर 25 मिनट तक पकाया जाता है. 25 मिनट में कुकीज बनकर तैयार हो जाती हैं.

बाजार में महुए की कुकीज 400 रुपये प्रति किलो की दर से बेची जा रही है. लगभग 20 रुपये किलो का महुआ, 40 रुपये किलो का मैदा और अन्य सामानों से मिलकर बनने वाली कुकीज जब 400 रुपये किलो बिकेगी तो फायदा भी अधिक होगा. महिलाएं इस काम से लाभ कमाएंगी तो उनके जीवन स्तर में सुधार होगा.

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महुए के औषधीय गुण

महुए के औषधीय गुण भी काफी ज्यादा है. डॉ. अमीन फिरदौसी के मुताबिक महुए में हाई प्रोटीन के साथ ब्यूटरिक एसिड, फैटी एसिड पाया जाता है. यह कुपोषण को भी दूर करता है. बच्चों के लिए ये बेहद लाभदायक साबित होगा. महुआ में ब्यूटरिक एसिड, फैटी एसिड और हाई प्रोटीन पाए जाते हैं. जो कई बीमारी में लाभदायक है.

सरगुजा: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में महुए (Healthy Mahua Cookies) की कुकीज बनाई जा रही है. सरगुजा जिला प्रशासन ( Surguja Mahua Biscuit ) ने महिला समूहों को रोजगार देने के उद्देश्य से ये पहल की है.महुआ कई औषधीय गुणों से भरपूर है.महुआ को मधुका लॉन्गीफोलिया भी बोलते हैं. महुआ कई बीमारी में औषधि का काम करता है. इसके छाल का तेल चर्म रोग में काम आता है. महुआ के बीज में फैटी कंटेंट पाए जाते हैं. जो काफी उपयोगी है. इसे कमजोर बच्चों को दूध में उबालकर देने से पोषण मिलता है. इसके अलावा अर्थराइटिस और अस्थमा की बीमारी में यह काफी उपयोगी है. औषधीय स्तर पर बात करें तो महुआ में ब्यूटरिक एसिड, फैटी एसिड और हाई प्रोटीन पाए जाते हैं. जिससे उच्च स्तर का पोषण प्राप्त होता है. महुआ की कुकीज भी इन सब औषधीय गुणों से भरपूर है. कुपोषण से लड़ाई, अस्थमा और अर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह काफी गुणकारी है.

सरगुजा में तैयार हो रही महुआ कुकीज

अब महुए की कुकीज तैयार की जा रही है. कुपोषण मिटाने के साथ-साथ महुआ कुकीज बेरोजगारी को कम करने में भी मदद करेगा. महुआ की बेहद स्वादिष्ट और हेल्दी कुकीज बाजार में उपलब्ध होगी. इससे महिलाओं को रोजगार मिल सकेगा और कुपोषण के खिलाफ चल रही योजनाओं में बड़ा लाभ मिलेगा. सरगुजा जिला प्रशासन ने नेशनल लाइवलीहुड मिशन के तहत महुये की कुकीज का निर्माण शुरू कराया है. फिलहाल यह कुकीज एक बेकरी में बनाई जा रही है. जल्द ही इसका निर्माण जिले के गौठान में शुरू कर दिया जायेगा. इसके लिये समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. गौठान में बेकरी की यूनिट भी बनकर तैयार है.

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कैसे बनाई जाती है महुआ कुकीज

सबसे पहले महुये के फल को सुखाया जाता है. फिर उसे पीसकर पावडर बनाया जाता है. इस पावडर को मैदे और अन्य जरूरी वस्तुओं के साथ मिलाया जाता है. इस मिक्सर में 30% महुये के फल का पावडर मिलाया जाता है. फिर मिक्सर को तैयार करने के बाद उसकी कुकीज के आकार की लोई कर ली जाती है. अब इसे ओवन में डालकर 25 मिनट तक पकाया जाता है. 25 मिनट में कुकीज बनकर तैयार हो जाती हैं.

बाजार में महुए की कुकीज 400 रुपये प्रति किलो की दर से बेची जा रही है. लगभग 20 रुपये किलो का महुआ, 40 रुपये किलो का मैदा और अन्य सामानों से मिलकर बनने वाली कुकीज जब 400 रुपये किलो बिकेगी तो फायदा भी अधिक होगा. महिलाएं इस काम से लाभ कमाएंगी तो उनके जीवन स्तर में सुधार होगा.

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महुए के औषधीय गुण

महुए के औषधीय गुण भी काफी ज्यादा है. डॉ. अमीन फिरदौसी के मुताबिक महुए में हाई प्रोटीन के साथ ब्यूटरिक एसिड, फैटी एसिड पाया जाता है. यह कुपोषण को भी दूर करता है. बच्चों के लिए ये बेहद लाभदायक साबित होगा. महुआ में ब्यूटरिक एसिड, फैटी एसिड और हाई प्रोटीन पाए जाते हैं. जो कई बीमारी में लाभदायक है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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