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surguja: सीएम बघेल के कार्यक्रम में क्यों भिड़े कांग्रेसी ?

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Published : May 7, 2023, 3:38 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

अम्बिकापुर में सीएम के कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के दो गुट आपस में भिड़ गए. एक गुट को कार्यक्रम में आसानी से जाने दिया गया जबकि दूसरे गुट को गेट पर रोक दिया गया. इसके बाद काफी देर तक कार्यक्रम में विवाद हुआ.

congress clashed in cm program
सरगुजा में सीएम के कार्यक्रम में घमासान
सिंहदेव ने अधिकारियों की दी नसीहत

अम्बिकापुर: मां महामाया एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यक्रम में कांग्रेस के दो गुट भिड़ गए. श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद और जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता सहित अन्य कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने रोक लिया. जबकि कुछ अन्य कार्यकर्ता अंदर आसानी से चले गए. इसे लेकर कार्यक्रम से पहले काफी विवाद हो गया. इस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अधिकारियों को प्रोटोकॉल का पाठ पढ़ाया.

अधिकारी भूले प्रोटोकॉल: कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के एक गुट के लोगों पर प्रशासन मेहरबान दिखी. जबकि दूसरे गुट को रोका गया. इस रोका टोकी में अधिकारी प्रोटोकॉल तक भूल गये. कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन और पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए और हंगामा किया.

समझाइश के बाद शांत हुए कार्यकर्ता: हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों को स्थानीय अधिकारियों ने काफी देर तक समझाया. समझाइश के बाद आखिरकार कार्यकर्ता शांत हुए. हालांकि कार्यक्रम के अंत में एक बार फिर पुलिस ने एक कार्यकर्ता को रोक दिया. जिससे एक बार फिर विवाद और हंगामा शुरू हो गया. बाद में उसे शांत किया गया.

पहले भी हो चुका है बवाल: इससे पहले जब पहली बार मां महामाया एयरपोर्ट पर ट्रायल लैंडिंग हुई थी. तब भी बड़ा बवाल हुआ था. पहले ट्रायल लैंडिंग के दौरान भी गुटबाजी सामने आई थी. लगातार इस तरह की बन रही स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बड़ी नाराजगी जाहिर की है.

प्रशासन को समझदारी से लेना चाहिए काम: सिंहदेव ने प्रशासन को नसीहत दी और कहा कि "प्रशासन को समझदारी का परिचय देना चाहिए. एयरपोर्ट पर पाबंदियां रहती है. ऐसे में अधिकारियों को सबके साथ एक जैसा व्यहवार करना चाहिए. ऐसे में प्रशासन को यह देखना चाहिए कि वह किसे प्रवेश की अनुमति देते हैं."

"मेयर का प्रोटोकॉल, दर्जा प्राप्त मंत्रियों से पहले है": सिंहदेव ने कहा कि" राज्य सरकार ने प्रोटोकॉल की सूची बना रखी है. इस सूची में जो आते हैं उनको प्राथमिकता देनी चाहिए. सीएम के हस्ताक्षर से जो प्रोटोकॉल की सूची बनी है. उसमें नगर निगम के मेयर को कैबिनेट मंत्री से ऊपर का दर्जा मिला हुआ है. विधायक चीफ सेक्रेट्ररी से ऊपर है. लिखित प्रोटोकॉल की सूची अगर जिला प्रशासन के पास नहीं है, तो मै उपलब्ध करा दूंगा. लेकिन नियमों का पालन होना चाहिए. जिला अध्यक्ष,वरिष्ठ नेताओं की सूची जिला प्रशासन ने पहले ले ली थी. उन्हें ही प्रवेश की अनुमति दी गई. सबको प्रवेश नहीं दी जा सकती थी. इस बात को मैं भी मानता हूं. यदि कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त लोग नीचे बैठे और ऊपर कुर्सियां खाली है, तो यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. "

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Politics अंबिकापुर में ट्रायल लैंडिंग के दौरान छत्तीसगढ़ के मंत्रियों में गुटबाजी

प्रोटोकॉल में मुख्य सचिव भी विधायक से पीछे: पहले ट्रायल लैंडिंग के दौरान कलेक्टर एसपी ने स्वास्थ्य मंत्री को ही नजर अंदाज किया था. इस सवाल के जावाब में सिंहदेव ने कहा कि" मैं वहां पर मौजूद था. प्रोटोकॉल के तहत सीएम ने अपने नाम के बाद मेरा नाम लिखा है. मैंने अपना नाम नहीं लिखा. बल्कि सीएम है और जब ऐसा व्यक्ति मौजूद है तो क्या प्रशासन को उसके पास नहीं आना चाहिए. मुख्य सचिव प्रोटोकॉल में विधायक से पीछे हैं. ये तो जिले के अधिकारी हैं. ऐसे में सामान्य शिष्टाचार, व्यवहार और प्रोटोकॉल कहता है कि ऐसे मौके पर यदि कोई वरिष्ठ प्रोटोकॉल का व्यक्ति खड़ा है तो प्रशासन को इसका आदर और सम्मान करना चाहिए".

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के अलावा वहां मौजूद कई जनप्रतिनिधियों ने इस मसले पर प्रशासन की आलोचना की है. इस पूरी घटना पर प्रशासन की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है.

सिंहदेव ने अधिकारियों की दी नसीहत

अम्बिकापुर: मां महामाया एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यक्रम में कांग्रेस के दो गुट भिड़ गए. श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद और जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता सहित अन्य कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने रोक लिया. जबकि कुछ अन्य कार्यकर्ता अंदर आसानी से चले गए. इसे लेकर कार्यक्रम से पहले काफी विवाद हो गया. इस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अधिकारियों को प्रोटोकॉल का पाठ पढ़ाया.

अधिकारी भूले प्रोटोकॉल: कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के एक गुट के लोगों पर प्रशासन मेहरबान दिखी. जबकि दूसरे गुट को रोका गया. इस रोका टोकी में अधिकारी प्रोटोकॉल तक भूल गये. कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन और पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए और हंगामा किया.

समझाइश के बाद शांत हुए कार्यकर्ता: हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों को स्थानीय अधिकारियों ने काफी देर तक समझाया. समझाइश के बाद आखिरकार कार्यकर्ता शांत हुए. हालांकि कार्यक्रम के अंत में एक बार फिर पुलिस ने एक कार्यकर्ता को रोक दिया. जिससे एक बार फिर विवाद और हंगामा शुरू हो गया. बाद में उसे शांत किया गया.

पहले भी हो चुका है बवाल: इससे पहले जब पहली बार मां महामाया एयरपोर्ट पर ट्रायल लैंडिंग हुई थी. तब भी बड़ा बवाल हुआ था. पहले ट्रायल लैंडिंग के दौरान भी गुटबाजी सामने आई थी. लगातार इस तरह की बन रही स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बड़ी नाराजगी जाहिर की है.

प्रशासन को समझदारी से लेना चाहिए काम: सिंहदेव ने प्रशासन को नसीहत दी और कहा कि "प्रशासन को समझदारी का परिचय देना चाहिए. एयरपोर्ट पर पाबंदियां रहती है. ऐसे में अधिकारियों को सबके साथ एक जैसा व्यहवार करना चाहिए. ऐसे में प्रशासन को यह देखना चाहिए कि वह किसे प्रवेश की अनुमति देते हैं."

"मेयर का प्रोटोकॉल, दर्जा प्राप्त मंत्रियों से पहले है": सिंहदेव ने कहा कि" राज्य सरकार ने प्रोटोकॉल की सूची बना रखी है. इस सूची में जो आते हैं उनको प्राथमिकता देनी चाहिए. सीएम के हस्ताक्षर से जो प्रोटोकॉल की सूची बनी है. उसमें नगर निगम के मेयर को कैबिनेट मंत्री से ऊपर का दर्जा मिला हुआ है. विधायक चीफ सेक्रेट्ररी से ऊपर है. लिखित प्रोटोकॉल की सूची अगर जिला प्रशासन के पास नहीं है, तो मै उपलब्ध करा दूंगा. लेकिन नियमों का पालन होना चाहिए. जिला अध्यक्ष,वरिष्ठ नेताओं की सूची जिला प्रशासन ने पहले ले ली थी. उन्हें ही प्रवेश की अनुमति दी गई. सबको प्रवेश नहीं दी जा सकती थी. इस बात को मैं भी मानता हूं. यदि कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त लोग नीचे बैठे और ऊपर कुर्सियां खाली है, तो यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. "

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Politics अंबिकापुर में ट्रायल लैंडिंग के दौरान छत्तीसगढ़ के मंत्रियों में गुटबाजी

प्रोटोकॉल में मुख्य सचिव भी विधायक से पीछे: पहले ट्रायल लैंडिंग के दौरान कलेक्टर एसपी ने स्वास्थ्य मंत्री को ही नजर अंदाज किया था. इस सवाल के जावाब में सिंहदेव ने कहा कि" मैं वहां पर मौजूद था. प्रोटोकॉल के तहत सीएम ने अपने नाम के बाद मेरा नाम लिखा है. मैंने अपना नाम नहीं लिखा. बल्कि सीएम है और जब ऐसा व्यक्ति मौजूद है तो क्या प्रशासन को उसके पास नहीं आना चाहिए. मुख्य सचिव प्रोटोकॉल में विधायक से पीछे हैं. ये तो जिले के अधिकारी हैं. ऐसे में सामान्य शिष्टाचार, व्यवहार और प्रोटोकॉल कहता है कि ऐसे मौके पर यदि कोई वरिष्ठ प्रोटोकॉल का व्यक्ति खड़ा है तो प्रशासन को इसका आदर और सम्मान करना चाहिए".

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के अलावा वहां मौजूद कई जनप्रतिनिधियों ने इस मसले पर प्रशासन की आलोचना की है. इस पूरी घटना पर प्रशासन की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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