सरगुजा: अम्बिकापुर में आयोजित आदिवासी समाज के सरहुल पर्व के कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल शामिल हुए. इस दौरान शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम और खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत भी पहुंचे. साथ ही दिगिगज नेताओं सहित तमाम कांग्रेसी जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. जन समूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "आदिवासी संस्कृति सबसे प्राचीन संस्कृति है और इनके अनेकों गौरवशाली परम्पराएं, तीज त्यौहार से पूरी दुनिया प्रेरणा ले सकती है. हमारे आदिवासियों के सभी त्यौहार प्रकृति से जुड़े हुए है. कोई भी फसल आए, उसका त्यौहार हमारे आदिवासी मनाते है. जीवन में कितना भी उतार चढ़ाव या तकलीफें हो, लेकिन जैसे ही कोई त्यौहार होता है, तो सभी आदिवासी झूमने, नाचने और गाने लगते है. प्रकृति के साथ जो जीता, नाचता और गाता है, इसी का नाम सरहुल है."
"हम कर रहे हैं संस्कृति का संरक्षण": सीएम भूपेश बघेल ने कहा "संस्कृति को बढ़ाने के लिए हमारा निरंतर प्रयास जारी है. ताकि हमारी अपनी पहचान, छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सलगढ़ के नाम से नहीं होनी चाहिए. छत्तीसगढ़ की अपनी विशिष्ट पहचान है. हमारी बोली, भाषा, संस्कृति, तीज त्यौहार और रहन सहन की दुनिया में चर्चा हो रही है. इसलिए हमने छत्तीसगढ़ के त्यौहारों सहित अन्य मौकों पर छुट्टियों की घोषणा की है."
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"किसान, मजदूर, गौपालक खुश": सीएम भूपेश बघेल ने कहा "किसानों मजदूरों, गौपालकों के चेहरे पर खुशी हो, इसके लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, भूमिहीन श्रमिक योजना, गोधन न्याय योजना सहित अन्य योजनाओं का आगाज हमने किया. जिसका लाभ लोग उठा रहे है. प्रदेश के खाद्यमंत्री और सहकारिता मंत्री भी मंच पर मौजूद है. एक ने सोसायटी की संख्या में वृद्धि की, तो दूसरे ने बारदाना, धान उठाव की व्यवस्था की.
किसानों के रकबा और उत्पादन में गुणात्मक सुधार: सीएम भूपेश बघेल ने कहा "इस साल के रिकार्ड के अलावा वर्ष 2017 में 12 लाख से बढ़कर 23.50 लाख किसानों ने धान बोया. रकबा 22 लाख हेक्टयर से बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर हो गया है. 55 लाख मीट्रिक टन धान की तुलना में हमने इस वर्ष 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है. इस वर्ष हमने बजट सत्र में घोषणा किया कि किसानों का धान प्रति एकड़ 20 क्विंटल खरीदा जाएगा. भूमिहीन श्रमिक न्याय योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य छत्तीसगढ़ है.
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बेरोजगारी भत्ता देने पर बोले सीएम: सीएम भूपेश ने कहा "पिछली सरकार में आय की सीमा 11 हजार थी, उसे बढ़ाकर हमने ढाई लाख तक कर दिया. गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को ही मिलेगा, इस शर्त को भी हमने हटा दिया है. पहले आपको आवेदन करने जनपद कार्यालय जाना पड़ता था और अब आप घर बैठे आवेदन कर सकेंगे.
सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा "3 सौ रुपए से बढ़ाकर हमने बेरोजगारी भत्ता को 2500 रुपए किया. पूरे 15 सालों में रमन सिंह ने शिक्षित बेरोजगारों को केवल 100 करोड़ रुपए वितरित किया. हम इस साल के बजट में ही ढाई सौ करोड़ रुपए रखा है. गरीबों के लिए लगातार बात की जाती है, लेकिन भाजपा करती कुछ नहीं है."
सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण पर बोले सीएम: सीएम भूपेश बघेल ने कहा "आवास के लिए कितना आंदोलन किया गया, लेकिन वर्ष 2011 में जो आर्थिक जनगणना हुई, उसके बाद सर्वेक्षण बंद हो गया. हितग्राहियों को कैसे लाभान्वित किया जाए, इसके लिए हमने पीएम को पत्र लिखा, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ. इसलिए हमने निर्णय लिया कि 1 अप्रैल से सभी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर हितग्राहियों के आर्थिक, सामाजिक सर्वेक्षण किया जाएगा. यदि कोई आवास विहीन है और पात्रता रखता है, तो उसको भी मकान दिया जाएगा.
आदिवासी समाज की मांग पर की घोषणा: सीएम ने अजिरमा अंबिकापुर स्थित कोरिया बाड़ी सरना स्थल का नाम ''आदिवासी आस्था आंगन'' करने की घोषणा की. सरना स्थल में हैडंपंप, स्नानागार, 100 लोगों के बैठने के लिए शेड निर्माण होगा. अंबिकापुर में आकाशवाणी चौक का नाम इंजीनियर बाबा कार्तिक उरांव करने की घोषणा की है. ओपी अग्रवाल के नाम पर आक्सीजन पार्क की घोषणा का है. अजिरमा में सामुदायिक भवन के लिए 25 लाख की सीएम ने घोषणा की है.
भाजपा बरगलाए ना, दिल्ली में जाकर कहे कानून बना दें: ईसाई और आदिवासी दोनों का लाभ लेने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा सांसद भाजपा के हैं. ऐसे में उनको दिल्ली में जाकर आवाज उठाने की जरूरत है. केंद्र में भाजपा की सरकार है और कानून प्रदेश सरकार नहीं, बल्कि केंद्र सरकार बनाती है. यहां प्रदेश से कुछ नहीं होने वाला, जो होना है केंद्र सरकार के द्वारा किया जाना है. तो यहां लोगों को भड़काने का काम भाजपा कर रही है, जो करना है दिल्ली में जाकर करें."