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Black Fungus in Surguja: सरगुजा में ब्लैक फंगस के दो मरीज

black fungus in surguja सरगुजा में ब्लैक फंगस के दो नए मामले आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. एक मरीज की छाती और दूसरे मरीज के नाक में ब्लैक फंगस मिला है. ऑपरेशन के बाद उन पर नजर रखी जा रही है. black fungus in chhattisgarh

black fungus in surguja
सरगुजा में ब्लैक फंगस
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Published : Oct 23, 2022, 6:47 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : कोरोना संक्रमण के बाद एक बार फिर से ब्लैक फंगस सामने आया है. जिले में एक साथ दो ब्लैक फंगस के मरीजों की पुष्टि हुई है. मरीज़ों का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किया जा रहा है. संक्रमितों में एक व्यक्ति के छाती में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है जबकि दूसरे व्यक्ति के नाक में ब्लैक फंगस मिला है. डॉक्टरों की टीम ने ब्लैक फंगस से इन्फेक्ट पार्ट का ऑपरेशन किया है. ऑपरेशन के बाद मरीज के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है.

कोविड हिस्ट्री क्लियर नहीं: ब्लैक फंगस के इन दोनों मरीजों की कोविड हिस्ट्री स्पष्ट नही हो सकी है. दोनों मरीज पहले कोरोना से संक्रमित हुए है या नहीं यह पता नहीं चल सका है. लेकिन दोनों ही व्यक्ति लम्बे अरसे से अनियंत्रित मधुमेह के मरीज रहे हैं. विशेषज्ञ भी इसी वजह से इनमें ब्लैक फंगस होने की बात कह रहे है.

लंबे समय से थी खांसी: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराए गए सरगवां निवासी ग्रामीण को लम्बे समय से खांसी थी. स्थानीय स्तर पर उपचार कराया जा रहा था लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. मरीज को टीबी की आशंका पर भी जांच करवाई गई लेकिन टीबी की भी पुष्टि नहीं हुई थी. जिसके बाद मरीज को परिजन वैल्लोर लेकर गए थे. जहां जांच के दौरान मरीज के छाती में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. ब्लैक फंगस की पुष्टि होने के बाद मरीज ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संपर्क किया था और उसके बाद उसे यहां भर्ती कराया गया है.

खतरा टला नहीं, देश में बने हुए हैं ओमीक्रोन और सब-वेरिएंट

नाक का हुआ ऑपरेशन: दूसरा मरीज प्रेमनगर निवासी मरीज को भी सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. मरीज को मिशन अस्पताल से मेडिकल कॉलेज अस्पताल रिफर किया गया था जांच के दौरान ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. इस मरीज का मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ईएनटी के एचओडी डॉ. बीआर सिंह के नेतृत्व में नाक का ऑपरेशन किया गया है और अब दोनों ही मरीजों को एम्फोटेरिसिन बी का इंजेक्शन दिया जा रहा है.

कोरोना के बाद ब्लैक फंगस: कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद अचानक से देश व प्रदेश में तेजी से ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए थे. इस दौरान ब्लैक फंगस के लिए कोरोना संक्रमण व स्टेरॉयड के उपयोग को मुख्य कारण माना गया था. कोरोना में मरीज की इम्युनिटी कमजोर हुई और स्टेरॉयड के उपयोग से लोगों की इम्युनिटी न्यूनतम स्तर पर जाने के कारण लोग ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे थे.

पहले भी आये थे सरगुजा में ब्लैक फंगस के मरीज: सरगुजा जिले में भी ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए थे लेकिन कुछ समय के बाद ब्लैक फंगस के मामले आने बंद हो गए थे. जिससे स्वास्थ्य विभाग ने भी राहत की सांस ली थी. लेकिन अब एक बार फिर से ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए है. ब्लैक फंगस से ग्रसित दो मरीजों को उपचार के लिए अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

जारी है इलाज: इस मामले में ईएनटी विभाग के प्रमुख डॉ. बीआर सिंह ने बताया " ब्लैक फंगस के दो मरीज मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती हुए है. इनमें से एक के नाक का ऑपरेशन किया गया है. दोनों मरीजों को समय समय पर इंजेक्शन दिए जा रहे है. अनियंत्रित मधुमेह व इम्युनिटी कमजोर होने के कारण ब्लैक फंगस हो सकता है. फिलहाल दोनों मरीजों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है और उनका इलाज किया जा रहा है."

सरगुजा : कोरोना संक्रमण के बाद एक बार फिर से ब्लैक फंगस सामने आया है. जिले में एक साथ दो ब्लैक फंगस के मरीजों की पुष्टि हुई है. मरीज़ों का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किया जा रहा है. संक्रमितों में एक व्यक्ति के छाती में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है जबकि दूसरे व्यक्ति के नाक में ब्लैक फंगस मिला है. डॉक्टरों की टीम ने ब्लैक फंगस से इन्फेक्ट पार्ट का ऑपरेशन किया है. ऑपरेशन के बाद मरीज के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है.

कोविड हिस्ट्री क्लियर नहीं: ब्लैक फंगस के इन दोनों मरीजों की कोविड हिस्ट्री स्पष्ट नही हो सकी है. दोनों मरीज पहले कोरोना से संक्रमित हुए है या नहीं यह पता नहीं चल सका है. लेकिन दोनों ही व्यक्ति लम्बे अरसे से अनियंत्रित मधुमेह के मरीज रहे हैं. विशेषज्ञ भी इसी वजह से इनमें ब्लैक फंगस होने की बात कह रहे है.

लंबे समय से थी खांसी: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराए गए सरगवां निवासी ग्रामीण को लम्बे समय से खांसी थी. स्थानीय स्तर पर उपचार कराया जा रहा था लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. मरीज को टीबी की आशंका पर भी जांच करवाई गई लेकिन टीबी की भी पुष्टि नहीं हुई थी. जिसके बाद मरीज को परिजन वैल्लोर लेकर गए थे. जहां जांच के दौरान मरीज के छाती में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. ब्लैक फंगस की पुष्टि होने के बाद मरीज ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संपर्क किया था और उसके बाद उसे यहां भर्ती कराया गया है.

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नाक का हुआ ऑपरेशन: दूसरा मरीज प्रेमनगर निवासी मरीज को भी सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. मरीज को मिशन अस्पताल से मेडिकल कॉलेज अस्पताल रिफर किया गया था जांच के दौरान ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. इस मरीज का मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ईएनटी के एचओडी डॉ. बीआर सिंह के नेतृत्व में नाक का ऑपरेशन किया गया है और अब दोनों ही मरीजों को एम्फोटेरिसिन बी का इंजेक्शन दिया जा रहा है.

कोरोना के बाद ब्लैक फंगस: कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद अचानक से देश व प्रदेश में तेजी से ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए थे. इस दौरान ब्लैक फंगस के लिए कोरोना संक्रमण व स्टेरॉयड के उपयोग को मुख्य कारण माना गया था. कोरोना में मरीज की इम्युनिटी कमजोर हुई और स्टेरॉयड के उपयोग से लोगों की इम्युनिटी न्यूनतम स्तर पर जाने के कारण लोग ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे थे.

पहले भी आये थे सरगुजा में ब्लैक फंगस के मरीज: सरगुजा जिले में भी ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए थे लेकिन कुछ समय के बाद ब्लैक फंगस के मामले आने बंद हो गए थे. जिससे स्वास्थ्य विभाग ने भी राहत की सांस ली थी. लेकिन अब एक बार फिर से ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए है. ब्लैक फंगस से ग्रसित दो मरीजों को उपचार के लिए अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

जारी है इलाज: इस मामले में ईएनटी विभाग के प्रमुख डॉ. बीआर सिंह ने बताया " ब्लैक फंगस के दो मरीज मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती हुए है. इनमें से एक के नाक का ऑपरेशन किया गया है. दोनों मरीजों को समय समय पर इंजेक्शन दिए जा रहे है. अनियंत्रित मधुमेह व इम्युनिटी कमजोर होने के कारण ब्लैक फंगस हो सकता है. फिलहाल दोनों मरीजों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है और उनका इलाज किया जा रहा है."

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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