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Balveer Stuti Jaiswal : सरगुजा की स्तुति जायसवाल ने कोरोनाकाल में गीतों के माध्यम से लोगों को किया जागरूक

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Published : Nov 26, 2021, 7:43 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा की बालवीर स्तुति जायसवाल (Sarguja Baalveer Stuti Jaiswal) कम उम्र में कई बड़े कारनामे कर चुकी हैं. कोरोनाकाल (corona period) में गीतों (Stuti Jaiswal make people aware from songs) के माध्यम से स्तुति ने लोगों को न सिर्फ जागरूक किया बल्कि आज कई बच्चों के लिए मिसाल पेश कर रही हैं.

Stuti Jaiswal make people aware from songs
कोरोनाकाल में गीतों के माध्यम से यूं किया लोगों को जागरुक

सरगुजा: बहुत कम बच्चे ऐसे होते हैं जो कम उम्र में ही कुछ बड़ा कर जाते हैं. कई बच्चों ने तो ये तक साबित कर दिया है कि वो बड़ों से बेहतर हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही बच्ची से मिलवाने जा रहे हैं, जो कि किसी नज़ीर से कम नहीं. कई बच्चों के लिए वो एक मिसाल पेश करती है. हम बात कर रहे हैं सरगुजा की बालवीर स्तुति जायसवाल (Sarguja Baalveer Stuti Jaiswal) की.

सरगुजा की स्तुति जायसवाल

रियलिटी शो की विनर रह चुकी हैं स्तुति

सरगुजा की स्तुति जायसवाल (Sarguja Baalveer Stuti Jaiswal) ने महज 13 और 14 वर्ष की उम्र में लगातार 2 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर (stuti International label singer) के आयोजन में गायकी के क्षेत्र में भागीदारी कर चुकी हैं. इसके अलावा स्तुति जायसवाल अलग-अलग फॉर्मेट के रियलिटी शो में जीत दर्ज कर प्रदेश का नाम रौशन किया है. स्तुति जायसवाल ने छोटी उम्र में लोगों को अपने गीतों से जागरुक किया है. स्तुति की गायकी इतनी सधी हुई है कि वो कई प्रतियोगिता में प्रदेश और सरगुजा का नाम ऊंचा कर चुकी हैं.

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कोरोनाकाल में लोगों को किया जागरूक

कम उम्र में बड़ा मुकाम हासिल करने वाली स्तुति यहीं नहीं रुकी... सफलता की इस कहानी के बाद देश बुरे दौर से गुजरा. दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना (global pandemic corona) ने सब कुछ रोक दिया. पहला लॉक डाउन और तब हम ना कोरोना को ही समझ पाए थे और ना ही इससे बचने के तरीकों को अपनी आदत में शामिल कर पाए थे. ऐसे में स्तुति ने घर में बैठकर ही देश के लोगों को प्रेरित किया. कोरोना से बचने के लिये जागरूकता फैलाई (People aware through songs during corona period). स्तुति ने इस दौरान 3 गाने गाये और ये तीनों गाने लॉकडाउन का पालन और कोरोना से बचने के उपायों के लेकर बनाये गये थे.इनमें से एक गीत छत्तीसगढ़ी बोली में गाया गया, जिसे प्रदेश और ग्रामीण क्षेत्रों में खूब सराहा गया. प्रदेश सरकार ने भी इस प्रयास की सराहना की थी.

पिता से मिली है प्रेरणा

दरअसल, स्तुति की प्रेरणा उनके पिता राजेश जायसवाल (Stuti father Rajesh Jaiswal) हैं, स्तुति की सफलता का पूरा श्रेय वो अपने पिता को ही देती हैं. राजेश एक बेहतरीन संगीतकार हैं और म्यूजिक टीचर भी हैं. उन्हीं की मेहनत ने स्तुति को इस मुकाम तक पहुंचाया और कोरोनाकाल में भी राजेश जायसवाल ने ही गीत बनाये और स्तुति ने उसे गाया. स्तुति भी अपनी सफलता के पीछे लगन और मेहनत को कारण मानते हुए सभी बच्चों से कड़ी मेहनत करने की अपील करती हैं.

सरगुजा: बहुत कम बच्चे ऐसे होते हैं जो कम उम्र में ही कुछ बड़ा कर जाते हैं. कई बच्चों ने तो ये तक साबित कर दिया है कि वो बड़ों से बेहतर हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही बच्ची से मिलवाने जा रहे हैं, जो कि किसी नज़ीर से कम नहीं. कई बच्चों के लिए वो एक मिसाल पेश करती है. हम बात कर रहे हैं सरगुजा की बालवीर स्तुति जायसवाल (Sarguja Baalveer Stuti Jaiswal) की.

सरगुजा की स्तुति जायसवाल

रियलिटी शो की विनर रह चुकी हैं स्तुति

सरगुजा की स्तुति जायसवाल (Sarguja Baalveer Stuti Jaiswal) ने महज 13 और 14 वर्ष की उम्र में लगातार 2 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर (stuti International label singer) के आयोजन में गायकी के क्षेत्र में भागीदारी कर चुकी हैं. इसके अलावा स्तुति जायसवाल अलग-अलग फॉर्मेट के रियलिटी शो में जीत दर्ज कर प्रदेश का नाम रौशन किया है. स्तुति जायसवाल ने छोटी उम्र में लोगों को अपने गीतों से जागरुक किया है. स्तुति की गायकी इतनी सधी हुई है कि वो कई प्रतियोगिता में प्रदेश और सरगुजा का नाम ऊंचा कर चुकी हैं.

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कोरोनाकाल में लोगों को किया जागरूक

कम उम्र में बड़ा मुकाम हासिल करने वाली स्तुति यहीं नहीं रुकी... सफलता की इस कहानी के बाद देश बुरे दौर से गुजरा. दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना (global pandemic corona) ने सब कुछ रोक दिया. पहला लॉक डाउन और तब हम ना कोरोना को ही समझ पाए थे और ना ही इससे बचने के तरीकों को अपनी आदत में शामिल कर पाए थे. ऐसे में स्तुति ने घर में बैठकर ही देश के लोगों को प्रेरित किया. कोरोना से बचने के लिये जागरूकता फैलाई (People aware through songs during corona period). स्तुति ने इस दौरान 3 गाने गाये और ये तीनों गाने लॉकडाउन का पालन और कोरोना से बचने के उपायों के लेकर बनाये गये थे.इनमें से एक गीत छत्तीसगढ़ी बोली में गाया गया, जिसे प्रदेश और ग्रामीण क्षेत्रों में खूब सराहा गया. प्रदेश सरकार ने भी इस प्रयास की सराहना की थी.

पिता से मिली है प्रेरणा

दरअसल, स्तुति की प्रेरणा उनके पिता राजेश जायसवाल (Stuti father Rajesh Jaiswal) हैं, स्तुति की सफलता का पूरा श्रेय वो अपने पिता को ही देती हैं. राजेश एक बेहतरीन संगीतकार हैं और म्यूजिक टीचर भी हैं. उन्हीं की मेहनत ने स्तुति को इस मुकाम तक पहुंचाया और कोरोनाकाल में भी राजेश जायसवाल ने ही गीत बनाये और स्तुति ने उसे गाया. स्तुति भी अपनी सफलता के पीछे लगन और मेहनत को कारण मानते हुए सभी बच्चों से कड़ी मेहनत करने की अपील करती हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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